उन्नाव : ‘पानी’ में बह गए करोड़ों रुपये, ग्रामीण फिर अंधेरे में

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उन्नाव। सपा शासन में बांगरमऊ व हिलौली के गांवों में करोड़ों की लागत से लगाए गए मिनी सोलर पावर प्लांट शोपीस बन गए हैं। इसके कारण कभी सोलर लाइटों से जिनका घर निशुल्क रोशन हुआ था, वहां अंधेरा है। ग्रामीण लालटेन की रोशनी में रात काट रहे हैं। प्लांट लगाने वाली कंपनी से मेंटीनेंस व गड़बड़ी दूर करने का पांच साल का अनुबंध नेडा ने किया था। इसके समाप्त होते ही अधिकारी भी इससे दूर हो गए।
2016 में सपा शासन के दौरान बांगरमऊ के मदारनगर में मिनी ग्रिड सोलर पावर प्लांट स्थापित करने के लिए 3.12 करोड़ रुपये जारी किए गए थे। दिसंबर 2017 में प्लांट चालू हो गया था। प्लांट पर 320 वाट के 500 पैनल और 540 बैटरियां लगाई गईं थीं। इस सोलर पावर प्लांट से मदारनगर में 275 तथा पड़ोसी ग्राम पंचूपुरवा में 126 निशुल्क कनेक्शन दिए गए थे। सोलर बिजली से ग्रामीणों के घर रोशन हुए तो लोगों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। ये खुशी मात्र डेढ़ वर्ष ही रही। इसके बाद पांच पैनल व 32 बैटरियां चोरी हो गईं। 24 बैटरियां खराब पड़ी हैं। ये प्लांट बंद हो गया। इन दिनों प्लांट में घास खड़ी है।
वहीं मौरावां ब्लॉक का बचुआखेड़ा सपा के पूर्व एमएलसी सुनील सिंह साजन का पैतृक गांव है। यहां 2015-16 में सुनील सिंह ने 84.97 लाख से 35 किलोवाट का मिनी ग्रिड सोलर पावर प्लांट लगवाया था। इससे दो गांवों बचुआखेड़ा व केदारखेड़ा के 96 लोगों को निशुल्क कनेक्शन दिए गए थे। प्लांट से बिजली मिलने से ग्रामीणों ने काफी राहत की सांस ली थी। वर्तमान में सोलर पैनल व बैटरियां जवाब दे चुकी हैं। प्लांट के ऑपरेटर पंकज यादव ने बताया कि एमसीबी बॉक्स टूट चुके हैं। प्लांट में लगे सबमर्सिबल व चार पंखे भी खराब हो चुके हैं। बताया कि कंपनी के मैनेजर कभी फोन रिसीव नहीं करते हैं।
लोगों ने बताई समस्या
बांगरमऊ के गांव पंचूपुरवा निवासी श्रीकृष्ण ने कहा कि प्लांट के चलने से 126 परिवारों को काफी राहत मिली थी। इसके बंद होने से नौनिहालों की पढ़ाई भी प्रभावित हुई है।
ग्राम मदार नगर निवासी पूर्व जिला पंचायत सदस्य विजय निषाद ने बताया कि इस प्लांट से 275 परिवारों के घर रोशन हो गए थे। प्लांट के बंद होने से घरों में अंधेरा छाया है।
बचुआखेड़ा के रामसनेही ने बताया कि प्लांट बंद होने से बच्चों की पढ़ाई और घरेलू कार्य बाधित हो गए हैं। अंधेरे के कारण कार्य में परेशानी होती है।
मदारननगर का मामला अधिकारियों के संज्ञान में है। बचुआखेड़ा के प्लांट को लेकर कंपनी का पांच साल का मेंटीनेंस का समय समाप्त हो चुका है। प्रयास किया जा रहा है कि इसे बिजली विभाग के सहयोग से चलाया जाए। – लालजी निगम, परियोजना अधिकारी नेडा

यह भी पढ़ें -  गड़बड़ी करने वालों पर लगेगा रासुका

उन्नाव। सपा शासन में बांगरमऊ व हिलौली के गांवों में करोड़ों की लागत से लगाए गए मिनी सोलर पावर प्लांट शोपीस बन गए हैं। इसके कारण कभी सोलर लाइटों से जिनका घर निशुल्क रोशन हुआ था, वहां अंधेरा है। ग्रामीण लालटेन की रोशनी में रात काट रहे हैं। प्लांट लगाने वाली कंपनी से मेंटीनेंस व गड़बड़ी दूर करने का पांच साल का अनुबंध नेडा ने किया था। इसके समाप्त होते ही अधिकारी भी इससे दूर हो गए।

2016 में सपा शासन के दौरान बांगरमऊ के मदारनगर में मिनी ग्रिड सोलर पावर प्लांट स्थापित करने के लिए 3.12 करोड़ रुपये जारी किए गए थे। दिसंबर 2017 में प्लांट चालू हो गया था। प्लांट पर 320 वाट के 500 पैनल और 540 बैटरियां लगाई गईं थीं। इस सोलर पावर प्लांट से मदारनगर में 275 तथा पड़ोसी ग्राम पंचूपुरवा में 126 निशुल्क कनेक्शन दिए गए थे। सोलर बिजली से ग्रामीणों के घर रोशन हुए तो लोगों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। ये खुशी मात्र डेढ़ वर्ष ही रही। इसके बाद पांच पैनल व 32 बैटरियां चोरी हो गईं। 24 बैटरियां खराब पड़ी हैं। ये प्लांट बंद हो गया। इन दिनों प्लांट में घास खड़ी है।

वहीं मौरावां ब्लॉक का बचुआखेड़ा सपा के पूर्व एमएलसी सुनील सिंह साजन का पैतृक गांव है। यहां 2015-16 में सुनील सिंह ने 84.97 लाख से 35 किलोवाट का मिनी ग्रिड सोलर पावर प्लांट लगवाया था। इससे दो गांवों बचुआखेड़ा व केदारखेड़ा के 96 लोगों को निशुल्क कनेक्शन दिए गए थे। प्लांट से बिजली मिलने से ग्रामीणों ने काफी राहत की सांस ली थी। वर्तमान में सोलर पैनल व बैटरियां जवाब दे चुकी हैं। प्लांट के ऑपरेटर पंकज यादव ने बताया कि एमसीबी बॉक्स टूट चुके हैं। प्लांट में लगे सबमर्सिबल व चार पंखे भी खराब हो चुके हैं। बताया कि कंपनी के मैनेजर कभी फोन रिसीव नहीं करते हैं।

लोगों ने बताई समस्या

बांगरमऊ के गांव पंचूपुरवा निवासी श्रीकृष्ण ने कहा कि प्लांट के चलने से 126 परिवारों को काफी राहत मिली थी। इसके बंद होने से नौनिहालों की पढ़ाई भी प्रभावित हुई है।

ग्राम मदार नगर निवासी पूर्व जिला पंचायत सदस्य विजय निषाद ने बताया कि इस प्लांट से 275 परिवारों के घर रोशन हो गए थे। प्लांट के बंद होने से घरों में अंधेरा छाया है।

बचुआखेड़ा के रामसनेही ने बताया कि प्लांट बंद होने से बच्चों की पढ़ाई और घरेलू कार्य बाधित हो गए हैं। अंधेरे के कारण कार्य में परेशानी होती है।

मदारननगर का मामला अधिकारियों के संज्ञान में है। बचुआखेड़ा के प्लांट को लेकर कंपनी का पांच साल का मेंटीनेंस का समय समाप्त हो चुका है। प्रयास किया जा रहा है कि इसे बिजली विभाग के सहयोग से चलाया जाए। – लालजी निगम, परियोजना अधिकारी नेडा

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