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उन्नाव। उमस भरी गर्मी लोगों की सेहत बिगाड़ रही है। आंखों में खुजली और जलन के मरीज बढ़ गए हैं। जिला अस्पताल की ओपीडी में पहुंच रहे दस में तीन मरीज आंखों की बीमारी से पीड़ित हैं।
गर्मी का असर कम होने का नाम नहीं ले रहा है। सुबह से ही चटख धूप आंखों को चुभ रही है। इससे नेत्र रोग भी बढ़ रहे हैं। जिला अस्पताल में नेत्र चिकित्सक के पास ओपीडी में रोजाना 100 से 150 नेत्र रोगी पहुंच रहे हैं।
नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. आरए मिर्जा ने बताया कि गर्मी में मोतियाबिंद, मैन्यूलर डीजनरेशन, टेरेजियम जैसे नेत्र रोग हो सकते हैं। वहीं एलर्जी भी होती है। इससे आंखें लाल हो जाती हैं और जलन व खुजली होती हैं। कम पानी पीने से भी समस्या होती है। गर्मी में पंखे में अधिक देर तक रहने से आंख सूखने (ड्राई आई) की समस्या हो जाती है। धूल व दूषित हवा भी आंखों को प्रभावित कर सकती है।
बच्चे अधिक आ रहे चपेट में
बच्चों की आंखों में एलर्जी अधिक हो रही है। डॉक्टरों का कहना है कि बच्चों को रंगीन चश्मा और टोपी लगानी चाहिए। उन्हें धूप में अधिक देर नहीं खेलने देना चाहिए।
ये बरतें सावधानी
– तीन बार ठंडे पानी से आंखों को धोएं।
– धूल, मिट्टी या अंधड़ से आंखों को बचाएं।
– सफर से लौटने के बाद आंखों को आराम दें।
– हरी सब्जी और फल अधिक खाएं। अधिक पानी पीएं।
उन्नाव। उमस भरी गर्मी लोगों की सेहत बिगाड़ रही है। आंखों में खुजली और जलन के मरीज बढ़ गए हैं। जिला अस्पताल की ओपीडी में पहुंच रहे दस में तीन मरीज आंखों की बीमारी से पीड़ित हैं।
गर्मी का असर कम होने का नाम नहीं ले रहा है। सुबह से ही चटख धूप आंखों को चुभ रही है। इससे नेत्र रोग भी बढ़ रहे हैं। जिला अस्पताल में नेत्र चिकित्सक के पास ओपीडी में रोजाना 100 से 150 नेत्र रोगी पहुंच रहे हैं।
नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. आरए मिर्जा ने बताया कि गर्मी में मोतियाबिंद, मैन्यूलर डीजनरेशन, टेरेजियम जैसे नेत्र रोग हो सकते हैं। वहीं एलर्जी भी होती है। इससे आंखें लाल हो जाती हैं और जलन व खुजली होती हैं। कम पानी पीने से भी समस्या होती है। गर्मी में पंखे में अधिक देर तक रहने से आंख सूखने (ड्राई आई) की समस्या हो जाती है। धूल व दूषित हवा भी आंखों को प्रभावित कर सकती है।
बच्चे अधिक आ रहे चपेट में
बच्चों की आंखों में एलर्जी अधिक हो रही है। डॉक्टरों का कहना है कि बच्चों को रंगीन चश्मा और टोपी लगानी चाहिए। उन्हें धूप में अधिक देर नहीं खेलने देना चाहिए।
ये बरतें सावधानी
– तीन बार ठंडे पानी से आंखों को धोएं।
– धूल, मिट्टी या अंधड़ से आंखों को बचाएं।
– सफर से लौटने के बाद आंखों को आराम दें।
– हरी सब्जी और फल अधिक खाएं। अधिक पानी पीएं।
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