[ad_1]
ख़बर सुनें
उन्नाव। शहर के सनडीसन इंटर कॉलेज में शनिवार को पुलिस की पाठशाला का आयोजन किया गया। इसमें एआरटीओ प्रशासन व सीओ ने छात्रों को यातायात नियमों के प्रति जागरूक किया। उन्होंने कहा कि नियम हमारी भलाई और सुरक्षा के लिए बनाए जाते हैं। विद्यार्थियों को बिना हेलमेट वाहन न चलाने और बड़ों को इसके लिए समझाने की शपथ दिलाई। एआरटीओ ने कहा कि 18 साल तक साइकिल ही चलाएं।
अमर उजाला फाउंडेशन के तत्वावधान में आयोजित पुलिस की पाठशाला में सीओ यातायात आशुतोष कुमार ने कहा कि कार चलाते समय सीट बेल्ट का प्रयोग जरूर करें। जब तक लाइसेंस न बन जाए, वाहन नहीं चलाना चाहिए।
जिले में हर साल 400 से अधिक लोगों की मौत दुर्घटना में होती है। इनमें अधिकतर युवा होते हैं। उन्होंने मिशन शक्ति के तहत छात्राओं को प्रोत्साहित किया। बताया कि खुद को कमजोर न समझें। ऐसा कोई काम नहीं जो वह कर नहीं सकतीं। उन्होंने 112, 1090, 1076 हेल्पलाइन की जानकारी दी। बताया कि पुलिस हमेशा आप की मदद के लिए तत्पर है।
एआरटीओ प्रशासन आदित्य त्रिपाठी ने कहा कि अनुशासित रहेंगे, तभी आगे बढ़ पाएंगे। घर से निकलते समय दिमाग स्थिर रखें। ट्रैफिक इंस्पेक्टर अरविंद पांडेय, सब इंस्पेक्टर राजेश कुमार सिंह और डॉक्टर आशीष श्रीवास्तव ने भी ट्रैफिक नियमों की जानकारी दी। प्रधानाचार्या तबस्सुम नफीस ने कहा कि दुर्घटना व अपराध रोकने की जिम्मेदारी पुलिस की ही नहीं, हमारी भी है।
आकस्मिक निर्णय की क्षमता जरूरी
छात्रा नमरा ने पूछा कि कि स्कूटी 18 साल की उम्र में ही क्यों चलानी चाहिए। इस पर सीओ ने बताया कि बालिग होने पर आकस्मिक निर्णय लेने की क्षमता विकसित होती है। ये वाहन चलाने के लिए बेहद जरूरी है।
नियम वाहन चालकों की सुरक्षा के लिए
छात्र आसिम ने सवाल किया कि पुलिस चालान क्यों काटती है। इसके जवाब में यातायात प्रभारी अरविंद पांडेय ने बताया कि अर्थदंड के डर से लोग नियमों की अनदेखी नहीं करते। नियम वाहन चालकों की हिफाजत के लिए ही बनाए गए हैं।
उन्नाव। शहर के सनडीसन इंटर कॉलेज में शनिवार को पुलिस की पाठशाला का आयोजन किया गया। इसमें एआरटीओ प्रशासन व सीओ ने छात्रों को यातायात नियमों के प्रति जागरूक किया। उन्होंने कहा कि नियम हमारी भलाई और सुरक्षा के लिए बनाए जाते हैं। विद्यार्थियों को बिना हेलमेट वाहन न चलाने और बड़ों को इसके लिए समझाने की शपथ दिलाई। एआरटीओ ने कहा कि 18 साल तक साइकिल ही चलाएं।
अमर उजाला फाउंडेशन के तत्वावधान में आयोजित पुलिस की पाठशाला में सीओ यातायात आशुतोष कुमार ने कहा कि कार चलाते समय सीट बेल्ट का प्रयोग जरूर करें। जब तक लाइसेंस न बन जाए, वाहन नहीं चलाना चाहिए।
जिले में हर साल 400 से अधिक लोगों की मौत दुर्घटना में होती है। इनमें अधिकतर युवा होते हैं। उन्होंने मिशन शक्ति के तहत छात्राओं को प्रोत्साहित किया। बताया कि खुद को कमजोर न समझें। ऐसा कोई काम नहीं जो वह कर नहीं सकतीं। उन्होंने 112, 1090, 1076 हेल्पलाइन की जानकारी दी। बताया कि पुलिस हमेशा आप की मदद के लिए तत्पर है।
एआरटीओ प्रशासन आदित्य त्रिपाठी ने कहा कि अनुशासित रहेंगे, तभी आगे बढ़ पाएंगे। घर से निकलते समय दिमाग स्थिर रखें। ट्रैफिक इंस्पेक्टर अरविंद पांडेय, सब इंस्पेक्टर राजेश कुमार सिंह और डॉक्टर आशीष श्रीवास्तव ने भी ट्रैफिक नियमों की जानकारी दी। प्रधानाचार्या तबस्सुम नफीस ने कहा कि दुर्घटना व अपराध रोकने की जिम्मेदारी पुलिस की ही नहीं, हमारी भी है।
आकस्मिक निर्णय की क्षमता जरूरी
छात्रा नमरा ने पूछा कि कि स्कूटी 18 साल की उम्र में ही क्यों चलानी चाहिए। इस पर सीओ ने बताया कि बालिग होने पर आकस्मिक निर्णय लेने की क्षमता विकसित होती है। ये वाहन चलाने के लिए बेहद जरूरी है।
नियम वाहन चालकों की सुरक्षा के लिए
छात्र आसिम ने सवाल किया कि पुलिस चालान क्यों काटती है। इसके जवाब में यातायात प्रभारी अरविंद पांडेय ने बताया कि अर्थदंड के डर से लोग नियमों की अनदेखी नहीं करते। नियम वाहन चालकों की हिफाजत के लिए ही बनाए गए हैं।
[ad_2]
Source link