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उन्नाव। डीएम ने सफीपुर विकासखंड की दो ग्राम पंचायतों में निर्माणाधीन अमृत सरोवरों का निरीक्षण किया। इस दौरान कई खामियां मिलने पर बीडीओ से स्पष्टीकरण तलब किया है। सचिव पर कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।
बुधवार दोपहर डीएम रवींद्र कुमार ने ग्राम पंचायत सफीपुर ग्रामीण में निर्माणाधीन अमृत सरोवर का निरीक्षण किया। यहां पर इस्टीमेट 9.36 लाख के सापेक्ष मात्र 60 हजार का ही व्यय पाया गया।
मौके पर 19 श्रमिक कार्यरत थे। वहीं ग्राम पंचायत मऊमंसूरपुर में बेलहा तालाब पर 10.08 लाख के सापेक्ष 4.70 लाख रुपये का काम ही हुआ था। मौके पर झंडारोहण के लिए चबूतरे का निर्माण चल रहा था। एक मिस्त्री व चार श्रमिक कार्यरत थे जबकि निगरानी के लिए महिला मेट नहीं थी। मेडिकल किट की व्यवस्था नहीं मिली। सात रजिस्टर भी नहीं दिखाए गए। गोरहइया तालाब के निरीक्षण में मेट मौजूद नहीं थी। 10 श्रमिक तो कार्यरत थे लेकिन मेडिकल किट उपलब्ध नहीं थी। पानी की भी व्यवस्था नहीं थी। इस पर डीएम ने सुधार के निर्देश दिए हैं।
उन्नाव। डीएम ने सफीपुर विकासखंड की दो ग्राम पंचायतों में निर्माणाधीन अमृत सरोवरों का निरीक्षण किया। इस दौरान कई खामियां मिलने पर बीडीओ से स्पष्टीकरण तलब किया है। सचिव पर कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।
बुधवार दोपहर डीएम रवींद्र कुमार ने ग्राम पंचायत सफीपुर ग्रामीण में निर्माणाधीन अमृत सरोवर का निरीक्षण किया। यहां पर इस्टीमेट 9.36 लाख के सापेक्ष मात्र 60 हजार का ही व्यय पाया गया।
मौके पर 19 श्रमिक कार्यरत थे। वहीं ग्राम पंचायत मऊमंसूरपुर में बेलहा तालाब पर 10.08 लाख के सापेक्ष 4.70 लाख रुपये का काम ही हुआ था। मौके पर झंडारोहण के लिए चबूतरे का निर्माण चल रहा था। एक मिस्त्री व चार श्रमिक कार्यरत थे जबकि निगरानी के लिए महिला मेट नहीं थी। मेडिकल किट की व्यवस्था नहीं मिली। सात रजिस्टर भी नहीं दिखाए गए। गोरहइया तालाब के निरीक्षण में मेट मौजूद नहीं थी। 10 श्रमिक तो कार्यरत थे लेकिन मेडिकल किट उपलब्ध नहीं थी। पानी की भी व्यवस्था नहीं थी। इस पर डीएम ने सुधार के निर्देश दिए हैं।
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