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मौरावां (उन्नाव)। थानाक्षेत्र के मोहनलालखेड़ा में सई नदी से एक किलोमीटर दूर स्थित पुल का चक्कर काटने से बचने में किसान सूर्यभान ने जान गंवा दी। सई नदी तैरकर गांव जा रहा किसान गहराई में जाने से डूब गया और उसकी मौत हो र्गई।
असरेंदा ग्रामसभा के मजरे मोहनलालखेड़ा निवासी सूर्यभान उर्फ नन्हकू (40) सोमवार दोपहर काम से गांव असरेंदा जा रहा था। सई नदी के दूसरे छोर पर गांव होने से वह चक्कर लगाने से बचने के लिए अक्सर पुल से न जाकर नदी तैरकर असरेंदा आता-जाता था। सोमवार को भी सूर्यभान ने ऐसा ही किया। रास्ते में सई नदी का बहाव तेज होने से वह डूब गया।
आसपास मौजूद ग्रामीणों ने उसे डूबते देखा तो परिजनों व पुलिस को जानकारी दी। पुलिस घटनास्थल पर पहुंची लेकिन तब तक सूर्य की मौत हो चुकी थी। पुलिस ने उसके शव को बाहर निकलवाया। घटना के बाद से पत्नी सुधा देवी, तीन बेटियां सलोनी, रोली व अनामिका बेहाल हैं। प्रभारी निरीक्षक अमरनाथ सिंह ने बताया कि शव पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है।
मौरावां (उन्नाव)। थानाक्षेत्र के मोहनलालखेड़ा में सई नदी से एक किलोमीटर दूर स्थित पुल का चक्कर काटने से बचने में किसान सूर्यभान ने जान गंवा दी। सई नदी तैरकर गांव जा रहा किसान गहराई में जाने से डूब गया और उसकी मौत हो र्गई।
असरेंदा ग्रामसभा के मजरे मोहनलालखेड़ा निवासी सूर्यभान उर्फ नन्हकू (40) सोमवार दोपहर काम से गांव असरेंदा जा रहा था। सई नदी के दूसरे छोर पर गांव होने से वह चक्कर लगाने से बचने के लिए अक्सर पुल से न जाकर नदी तैरकर असरेंदा आता-जाता था। सोमवार को भी सूर्यभान ने ऐसा ही किया। रास्ते में सई नदी का बहाव तेज होने से वह डूब गया।
आसपास मौजूद ग्रामीणों ने उसे डूबते देखा तो परिजनों व पुलिस को जानकारी दी। पुलिस घटनास्थल पर पहुंची लेकिन तब तक सूर्य की मौत हो चुकी थी। पुलिस ने उसके शव को बाहर निकलवाया। घटना के बाद से पत्नी सुधा देवी, तीन बेटियां सलोनी, रोली व अनामिका बेहाल हैं। प्रभारी निरीक्षक अमरनाथ सिंह ने बताया कि शव पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है।
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