उपमुख्यमंत्री बनाए जाने पर खुशी

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उन्नाव। जिले से किसी विधायक को प्रदेश सरकार में भले ही कोई पद नहीं मिला है लेकिन पूर्व सांसद और ब्राह्मण चेहरा बने ब्रजेश पाठक को उप मुख्यमंत्री बनाए जाने से लोगों में खुशी है।
उप मुख्यमंत्री बनाए गए ब्रजेश पाठक वैसे तो मूल रूप से हरदोई जिले के रहने वाले हैं। लेकिन सक्रिय राजनीति में स्थान उन्हें उन्नाव की जनता ने दिलाया। 2002 में कांग्रेस के टिकट पर हरदोई जिले के मल्लावां विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने वाले ब्रजेश पाठक को पहले चुनाव में बहुत कम अंतर से हार का सामना करना पड़ा था। वर्ष 2004 में ब्रजेश पाठक को बसपा ने उन्नाव लोकसभा सीट से प्रत्याशी बनाया। ब्राह्मण चेहरा होने से जिले के मतदाताओं ने उन्हें जिताया। इस चुनाव में ब्रजेश पाठक ने सपा प्रत्याशी दीपक कुमार को 17761 मतों से हराया था और सांसद बने थे।
हालांकि वर्ष 2009 के लोकसभा चुनाव में बसपा ने उन्हें लोकसभा का टिकट न देकर अरुण शंकर शुक्ल उर्फ अन्ना को चुनाव मैदान में उतारा था। लेकिन वह चुनाव हार गए थे।
2012 के विधानसभा चुनाव में ब्रजेश पाठक ने पत्नी नम्रता पाठक को सदर विधानसभा सीट से चुनाव लड़ाया लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। 2014 के लोकसभा चुनाव में बसपा ने ब्रजेश पाठक को फिर उन्नाव से प्रत्याशी बनाया लेकिन इस बार उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। लंबे समय से जिले से जुड़े ब्रजेश पाठक को उपमुख्यमंत्री बनाए जाने पर जिले के लोगों ने खुशी जताई है। कई स्थानों पर कार्यकर्ताओं ने आतिशबाजी छुड़ाई तो कहीं पर ढोल की धुन पर जमकर थिरके।
उन्नाव। सभी छह विधानसभा सीटों पर भगवा फहराने के बाद भी प्रदेश सरकार के मंत्रिमंडल में जिले का कोई विधायक जगह नहीं बना पाया। लोगों को उम्मीद थी कि कम से कम एक विधायक को तो सरकार में मंत्री या राज्यमंत्री का दर्जा जरूर मिलेगा। लेकिन शुक्रवार को योगी सरकार के गठन के बाद विधायकों और अन्य लोगों में मायूसी देखी गई।
इस बार विधानसभा चुनाव में भाजपा ने सपा और बसपा का सूपड़ा साफ कर जिले की सभी छह विधानसभा सीटों पर जीत दर्ज की है। ऐसे में नई सरकार में फिर किसी विधायक को जगह मिलने की उम्मीद थी। प्रदेश सरकार में सहभागिता की संभावना इसलिए और ज्यादा थी क्योंकि भाजपा ने योगी सरकार के पहले कार्यकाल में भगवंतनगर विधायक रहे हृदयनारायण दीक्षित को विधानसभा अध्यक्ष बनाया था।
वहीं सफीपुर के मूल निवासी विधान परिषद सदस्य मोहसिन रजा को अल्पसंख्यक कल्याण राज्यमंत्री बनाया गया था। वह सरकार में इकलौता मुस्लिम चेहरा भी थे। लेकिन इस बार सरकार में जिले के किसी भी विधायक को जगह नहीं मिली। सदर विधायक पंकज गुप्ता या सफीपुर विधायक बंबालाल दिवाकर के राज्यमंत्री बनने की लोग आस लगाए थे लेकिन इस पर पानी फिर गया। भाजपा जिलाध्यक्ष अवधेश कटियार ने कहा कि पार्टी हाईकमान ने जो उचित समझा, वह फैसला लिया। वह इस पर कुछ नहीं कह सकते।

शहर के कसाई चौराहा पर आतिशबाजी छुड़ाते समर्थक। संवाद

शहर के कसाई चौराहा पर आतिशबाजी छुड़ाते समर्थक। संवाद– फोटो : UNNAO

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उन्नाव। जिले से किसी विधायक को प्रदेश सरकार में भले ही कोई पद नहीं मिला है लेकिन पूर्व सांसद और ब्राह्मण चेहरा बने ब्रजेश पाठक को उप मुख्यमंत्री बनाए जाने से लोगों में खुशी है।

उप मुख्यमंत्री बनाए गए ब्रजेश पाठक वैसे तो मूल रूप से हरदोई जिले के रहने वाले हैं। लेकिन सक्रिय राजनीति में स्थान उन्हें उन्नाव की जनता ने दिलाया। 2002 में कांग्रेस के टिकट पर हरदोई जिले के मल्लावां विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने वाले ब्रजेश पाठक को पहले चुनाव में बहुत कम अंतर से हार का सामना करना पड़ा था। वर्ष 2004 में ब्रजेश पाठक को बसपा ने उन्नाव लोकसभा सीट से प्रत्याशी बनाया। ब्राह्मण चेहरा होने से जिले के मतदाताओं ने उन्हें जिताया। इस चुनाव में ब्रजेश पाठक ने सपा प्रत्याशी दीपक कुमार को 17761 मतों से हराया था और सांसद बने थे।

हालांकि वर्ष 2009 के लोकसभा चुनाव में बसपा ने उन्हें लोकसभा का टिकट न देकर अरुण शंकर शुक्ल उर्फ अन्ना को चुनाव मैदान में उतारा था। लेकिन वह चुनाव हार गए थे।

2012 के विधानसभा चुनाव में ब्रजेश पाठक ने पत्नी नम्रता पाठक को सदर विधानसभा सीट से चुनाव लड़ाया लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। 2014 के लोकसभा चुनाव में बसपा ने ब्रजेश पाठक को फिर उन्नाव से प्रत्याशी बनाया लेकिन इस बार उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। लंबे समय से जिले से जुड़े ब्रजेश पाठक को उपमुख्यमंत्री बनाए जाने पर जिले के लोगों ने खुशी जताई है। कई स्थानों पर कार्यकर्ताओं ने आतिशबाजी छुड़ाई तो कहीं पर ढोल की धुन पर जमकर थिरके।

उन्नाव। सभी छह विधानसभा सीटों पर भगवा फहराने के बाद भी प्रदेश सरकार के मंत्रिमंडल में जिले का कोई विधायक जगह नहीं बना पाया। लोगों को उम्मीद थी कि कम से कम एक विधायक को तो सरकार में मंत्री या राज्यमंत्री का दर्जा जरूर मिलेगा। लेकिन शुक्रवार को योगी सरकार के गठन के बाद विधायकों और अन्य लोगों में मायूसी देखी गई।

इस बार विधानसभा चुनाव में भाजपा ने सपा और बसपा का सूपड़ा साफ कर जिले की सभी छह विधानसभा सीटों पर जीत दर्ज की है। ऐसे में नई सरकार में फिर किसी विधायक को जगह मिलने की उम्मीद थी। प्रदेश सरकार में सहभागिता की संभावना इसलिए और ज्यादा थी क्योंकि भाजपा ने योगी सरकार के पहले कार्यकाल में भगवंतनगर विधायक रहे हृदयनारायण दीक्षित को विधानसभा अध्यक्ष बनाया था।

वहीं सफीपुर के मूल निवासी विधान परिषद सदस्य मोहसिन रजा को अल्पसंख्यक कल्याण राज्यमंत्री बनाया गया था। वह सरकार में इकलौता मुस्लिम चेहरा भी थे। लेकिन इस बार सरकार में जिले के किसी भी विधायक को जगह नहीं मिली। सदर विधायक पंकज गुप्ता या सफीपुर विधायक बंबालाल दिवाकर के राज्यमंत्री बनने की लोग आस लगाए थे लेकिन इस पर पानी फिर गया। भाजपा जिलाध्यक्ष अवधेश कटियार ने कहा कि पार्टी हाईकमान ने जो उचित समझा, वह फैसला लिया। वह इस पर कुछ नहीं कह सकते।

शहर के कसाई चौराहा पर आतिशबाजी छुड़ाते समर्थक। संवाद

शहर के कसाई चौराहा पर आतिशबाजी छुड़ाते समर्थक। संवाद– फोटो : UNNAO

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