उम्मीद की मशाल: फिरोजाबाद की आंचल ने नौकरी छोड़ अपनाया स्वरोजगार, तीन साल में कई शहरों में फैलाया कारोबार

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नोएडा के एक प्रतिष्ठित संस्थान से फैशन डिजाइनिंग एवं हौजरी मेकिंग में पोस्ट ग्रेजुएट करने वाली फिरोजाबाद की आंचल ने बेंगलुरू में 18 लाख रुपये के वार्षिक पैकेज की नौकरी छोड़कर खुद की गारमेंट निर्माण इकाई के जरिए स्वरोजगार को चुना है। तीन वर्ष की कठिन मेहनत और लगन का परिणाम है कि आज देश के कई बड़े शहरों में आंचल द्वारा डिजाइन की गए कपड़ों की मांग है।
 
शहर के गणेश नगर निवासी 27 वर्षीय आंचल ने फैशन डिजाइनिंग एवं हौजरी मेकिंग में पोस्ट ग्रेजुएट किया। आंचल को बेंगलुरू स्थित एक कंपनी में 18 लाख रुपये के वार्षिक पैकेज वाली नौकरी भी मिली, लेकिन शुरू से ही अपनी मां को प्रेरणा स्त्रोत मानने वाली आंचल को नौकरी करना पसंद नहीं आया। मां से मिली आत्मनिर्भर बनने की प्रेरणा के चलते आंचल ने तीन वर्ष पूर्व नौकरी को छोड़ दिया। 

एक टेलर और दो कारीगरों के साथ शुरू किया था काम 

गणेश नगर में महज एक टेलर और दो कढ़ाई कारीगरों के सहारे ड्रेस एवं हौजरी मेकिंग का काम शुरू किया। तीन साल की मेहनत और लगन का परिणाम है कि आज आंचल के पास 35 से 40 कुशल कारीगरों की टीम है। इसके अलावा अलीगढ़, मुंबई, गोवा और बेंगलुरू में रेडीमेड क्लॉथ स्टोर्स में अब शोरूम भी खोल लिया है। 

देश के हर बड़े शहर में खुद के निर्मित उत्पादों की प्रदर्शनी लगा चुकीं आंचल का सपना है कि वे देश की अग्रणी रेडीमेड कपड़ों का निर्माण करने वाली कंपनियों की कतार में खुद को स्थापित कर सकें। वह रेडीमेड वस्त्र बनाने में वह रेशम, जरदौजी और अफ्रीका में निर्मित एक खास किस्म के सेकविन कपड़े का इस्तेमाल करती हैं। 

100 लोगों को रोजगार मुहैया कराया

आंचल की यूनिट में 35 से 40 टेलर, कपड़ा कटिंग कारीगर के अलावा अलग-अलग शहरों में स्थापित पांच शोरूम व स्टॉल्स पर कुल 100 कामगारों का समूह है। खास बात है कि शुरू से ही सभी लोग एक साथ मिल कर टीम वर्क के रूप में काम कर रहे हैं। 

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साल में 20 लाख रुपये तक की आय

खुद के स्टोर्स व स्टॉल के जरिए आंचल 35 से 40 लोगों को रोजगार के बाद भी वर्तमान में लगभग 15 से 20 लाख रुपये सालाना लाभांश प्राप्त कर रही है।

विस्तार

नोएडा के एक प्रतिष्ठित संस्थान से फैशन डिजाइनिंग एवं हौजरी मेकिंग में पोस्ट ग्रेजुएट करने वाली फिरोजाबाद की आंचल ने बेंगलुरू में 18 लाख रुपये के वार्षिक पैकेज की नौकरी छोड़कर खुद की गारमेंट निर्माण इकाई के जरिए स्वरोजगार को चुना है। तीन वर्ष की कठिन मेहनत और लगन का परिणाम है कि आज देश के कई बड़े शहरों में आंचल द्वारा डिजाइन की गए कपड़ों की मांग है।

 

शहर के गणेश नगर निवासी 27 वर्षीय आंचल ने फैशन डिजाइनिंग एवं हौजरी मेकिंग में पोस्ट ग्रेजुएट किया। आंचल को बेंगलुरू स्थित एक कंपनी में 18 लाख रुपये के वार्षिक पैकेज वाली नौकरी भी मिली, लेकिन शुरू से ही अपनी मां को प्रेरणा स्त्रोत मानने वाली आंचल को नौकरी करना पसंद नहीं आया। मां से मिली आत्मनिर्भर बनने की प्रेरणा के चलते आंचल ने तीन वर्ष पूर्व नौकरी को छोड़ दिया। 

एक टेलर और दो कारीगरों के साथ शुरू किया था काम 

गणेश नगर में महज एक टेलर और दो कढ़ाई कारीगरों के सहारे ड्रेस एवं हौजरी मेकिंग का काम शुरू किया। तीन साल की मेहनत और लगन का परिणाम है कि आज आंचल के पास 35 से 40 कुशल कारीगरों की टीम है। इसके अलावा अलीगढ़, मुंबई, गोवा और बेंगलुरू में रेडीमेड क्लॉथ स्टोर्स में अब शोरूम भी खोल लिया है। 

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