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सोनिक। लंबी जांच के बाद आयकर विभाग की 20 सदस्यीय टीम 87 घंटे बाद मंगलवार रात एओवी स्लाटर हाउस से लौट गई। अधिकारी अभिलेखों की एक मोटी फाइल व हार्डडिस्क का डेटा ट्रांसफर करके साथ ले गए हैं। सूत्रों के अनुसार करीब पांच करोड़ की गड़बड़ी मिली है। टीम के जाने के बाद स्लाटर हाउस में बुधवार से उत्पादन शुरू हुआ। श्रमिकों को प्रवेश दिया गया।
शनिवार सुबह आठ बजे आयकर विभाग की टीम स्लाटर हाउस पहुंची थी। टीम के साथ सीआरपीएफ जवान थे। अधिकारियों ने 87 घंटे तक स्लाटर हाउस में रुककर गहनता से जांच की। मगंलवार रात 12:20 बजे टीम लखनऊ मुख्यालय लौट गई। सूत्रों के मुताबिक, टीम कंपनी से जुड़े बैंक खाते, डिप्टी चेयरमैन, एचआर मैनेजर व लेखाधिकारी के बैंक डिटेल को खंगालने के साथ ही उनकी सारी जानकारी भी साथ ले गई है।
अधिकारियों ने श्रमिकों के भुगतान व पशुओं के स्लाटरिंग रिकार्ड को भी कब्जे में लिया है। सूत्रों का दावा है कि श्रमिकों के भुगतान प्रक्रिया में भी हेराफेरी पाई गई है। टीम अपने साथ अभिलेखों की जांच की एक मोटी फाइल बनाकर ले गई है। लाइजनिंग अधिकारी, जीएम, मैनेजर व लेखाधिकारी के लैपटॉप की हार्डडिस्क का डाटा भी ट्रांसफर करके ले गए हैं। इसके अलावा जांच में कुछ बोगस खातों की भी जानकारी सामने आई है।
वहीं ग्रुप से जुड़े अन्य लोगों व रिश्तेदारों के बैंक खाते से करोड़ों का लेनदेन किए जाने के साक्ष्य जांच टीम को मिलने का दावा किया जा रहा है। टीम जाने के बाद बुधवार सुबह मवेशियों के वाहन भी अंदर जाने लगे। वहीं काम शुरू होने से श्रमिकों को भी प्रवेश दिया गया। सूत्रों के अनुसार आयकर की टीम को पांच करोड़ से अधिक का हेरफेर मिला है।
स्लाटर हाउस का एक अधिकारी मवेशियों की सप्लाई भी करता था। उसके एक रिश्तेदार के खाते के माध्यम से हर माह करीब डेढ़ करोड़ का लेनदेन पाया गया है। सूत्रों के अनुसार आगरा के रहने वाले इस अधिकारी के कानपुर स्थित घर और उसके जिम पर भी अधिकारियों ने सोमवार रात जांच की थी। वहीं, उत्पादन भी मानक से ज्यादा पाया गया है। निर्यात किए गए मांस और स्लाटरिंग व ट्रांसपोर्टेशन संबंधी अभिलेखों में भी गड़बड़ी मिली है। अधिकारी के फर्जी बैंक खाते में हुए लेनदेन का रिकार्ड भी टीम ले गई है।
सोनिक। लंबी जांच के बाद आयकर विभाग की 20 सदस्यीय टीम 87 घंटे बाद मंगलवार रात एओवी स्लाटर हाउस से लौट गई। अधिकारी अभिलेखों की एक मोटी फाइल व हार्डडिस्क का डेटा ट्रांसफर करके साथ ले गए हैं। सूत्रों के अनुसार करीब पांच करोड़ की गड़बड़ी मिली है। टीम के जाने के बाद स्लाटर हाउस में बुधवार से उत्पादन शुरू हुआ। श्रमिकों को प्रवेश दिया गया।
शनिवार सुबह आठ बजे आयकर विभाग की टीम स्लाटर हाउस पहुंची थी। टीम के साथ सीआरपीएफ जवान थे। अधिकारियों ने 87 घंटे तक स्लाटर हाउस में रुककर गहनता से जांच की। मगंलवार रात 12:20 बजे टीम लखनऊ मुख्यालय लौट गई। सूत्रों के मुताबिक, टीम कंपनी से जुड़े बैंक खाते, डिप्टी चेयरमैन, एचआर मैनेजर व लेखाधिकारी के बैंक डिटेल को खंगालने के साथ ही उनकी सारी जानकारी भी साथ ले गई है।
अधिकारियों ने श्रमिकों के भुगतान व पशुओं के स्लाटरिंग रिकार्ड को भी कब्जे में लिया है। सूत्रों का दावा है कि श्रमिकों के भुगतान प्रक्रिया में भी हेराफेरी पाई गई है। टीम अपने साथ अभिलेखों की जांच की एक मोटी फाइल बनाकर ले गई है। लाइजनिंग अधिकारी, जीएम, मैनेजर व लेखाधिकारी के लैपटॉप की हार्डडिस्क का डाटा भी ट्रांसफर करके ले गए हैं। इसके अलावा जांच में कुछ बोगस खातों की भी जानकारी सामने आई है।
वहीं ग्रुप से जुड़े अन्य लोगों व रिश्तेदारों के बैंक खाते से करोड़ों का लेनदेन किए जाने के साक्ष्य जांच टीम को मिलने का दावा किया जा रहा है। टीम जाने के बाद बुधवार सुबह मवेशियों के वाहन भी अंदर जाने लगे। वहीं काम शुरू होने से श्रमिकों को भी प्रवेश दिया गया। सूत्रों के अनुसार आयकर की टीम को पांच करोड़ से अधिक का हेरफेर मिला है।
स्लाटर हाउस का एक अधिकारी मवेशियों की सप्लाई भी करता था। उसके एक रिश्तेदार के खाते के माध्यम से हर माह करीब डेढ़ करोड़ का लेनदेन पाया गया है। सूत्रों के अनुसार आगरा के रहने वाले इस अधिकारी के कानपुर स्थित घर और उसके जिम पर भी अधिकारियों ने सोमवार रात जांच की थी। वहीं, उत्पादन भी मानक से ज्यादा पाया गया है। निर्यात किए गए मांस और स्लाटरिंग व ट्रांसपोर्टेशन संबंधी अभिलेखों में भी गड़बड़ी मिली है। अधिकारी के फर्जी बैंक खाते में हुए लेनदेन का रिकार्ड भी टीम ले गई है।
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