एपीओ भर्ती परीक्षा : हाईकोर्ट ने यूपी सरकार से पूछा- किन हालातों में 80 फीसदी सीटें आरक्षित की गई

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एपीओ भर्ती परीका में 80 फीसदी सीटें आरक्षित किये जाने के मामले में  इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यूपी सरकार से जवाब तलब किया है। कोर्ट ने सरकार से यह जानना चाहा है कि किन हालातों में यह निर्णय लिया गया है। यूपी सरकार को दो हफ्ते में जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है। 

कुल 44 पदों पर भर्ती के लिए परीक्षा आयोजित की गई थी। 44 में से 36 पद अलग- अलग जाति वर्गों के लिए आरक्षित किये गए हैं। ओबीसी के लिए 21, एससी के लिए 8, एसटी के लिए 3 और ईडब्लूएस के लिए 4 पद आरक्षित थे। महिलाओं को बीस फीसदी क्षैतिज आरक्षण दिया गया है। इस तरह 44 पदों की भर्ती में 80 फीसदी से ज़्यादा पद आरक्षित कर दिए गए हैं. नियमों के मुताबिक किसी भी भर्ती में 50 फीसदी से ज़्यादा पद आरक्षित नहीं किये जा सकते हैं।

21 अगस्त को हुई थी प्रारंभिक परीक्षा। लखनऊ और प्रयागराज में लिखित परीक्षा आयोजित की गई थी। यूपी लोकसेवा आयोग परीक्षा करवा रहा है। 63 हज़ार अभ्यर्थियों ने आवेदन किया था। मनमाने तरीके से आरक्षण दिए जाने का आरोप लगाकर हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की गई थी। जस्टिस करुणेश सिंह पंवार की सिंगल बेंच में हुई सुनवाई। अभ्यर्थी विनय कुमार पांडेय ने दाखिल की थी याचिका। 19 सितम्बर को होगी मामले की अगली सुनवाई।

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विस्तार

एपीओ भर्ती परीका में 80 फीसदी सीटें आरक्षित किये जाने के मामले में  इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यूपी सरकार से जवाब तलब किया है। कोर्ट ने सरकार से यह जानना चाहा है कि किन हालातों में यह निर्णय लिया गया है। यूपी सरकार को दो हफ्ते में जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है। 

कुल 44 पदों पर भर्ती के लिए परीक्षा आयोजित की गई थी। 44 में से 36 पद अलग- अलग जाति वर्गों के लिए आरक्षित किये गए हैं। ओबीसी के लिए 21, एससी के लिए 8, एसटी के लिए 3 और ईडब्लूएस के लिए 4 पद आरक्षित थे। महिलाओं को बीस फीसदी क्षैतिज आरक्षण दिया गया है। इस तरह 44 पदों की भर्ती में 80 फीसदी से ज़्यादा पद आरक्षित कर दिए गए हैं. नियमों के मुताबिक किसी भी भर्ती में 50 फीसदी से ज़्यादा पद आरक्षित नहीं किये जा सकते हैं।

21 अगस्त को हुई थी प्रारंभिक परीक्षा। लखनऊ और प्रयागराज में लिखित परीक्षा आयोजित की गई थी। यूपी लोकसेवा आयोग परीक्षा करवा रहा है। 63 हज़ार अभ्यर्थियों ने आवेदन किया था। मनमाने तरीके से आरक्षण दिए जाने का आरोप लगाकर हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की गई थी। जस्टिस करुणेश सिंह पंवार की सिंगल बेंच में हुई सुनवाई। अभ्यर्थी विनय कुमार पांडेय ने दाखिल की थी याचिका। 19 सितम्बर को होगी मामले की अगली सुनवाई।

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