[ad_1]
अमर उजाला नेटवर्क, प्रयागराज
Published by: विनोद सिंह
Updated Fri, 18 Feb 2022 12:31 AM IST
सार
याची अवनीश कुमार व दो अन्य एसएसबी में हेड कांस्टेबल के पद के लिए परीक्षा में शामिल हुए और उन्होंने टाइपिंग टेस्ट भी पास कर लिया। 13 नवंबर 2021 को जब मेडिकल टेस्ट किया गया तो वह शारीरिक रूप से स्वस्थ पाए गए लेकिन हाथों पर टैटू के कारण उन्हें अयोग्य घोषित कर दिया गया।
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एसएसबी भर्ती परीक्षा में शामिल तीन उम्मीदवारों की याचिका पर सुनवाई करते हुए मामले में केंद्र सरकार और और सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) से जवाब मांगा है। याचियों का कहना है कि परीक्षा के दौरान उनके दाहिने हाथ पर धार्मिक टैटू बना था।
इस वजह से उन्हें मेडिकल टेस्ट में अनफिट घोषित कर दिया गया था। मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति सिद्धार्थ वर्मा की एकल पीठ कर रही है। पीठ ने सुनवाई के लिए अगली तिथि 23 फरवरी तय की है।
टैटू होने के कारण किया गया है अनफिट
याची अवनीश कुमार व दो अन्य एसएसबी में हेड कांस्टेबल के पद के लिए परीक्षा में शामिल हुए और उन्होंने टाइपिंग टेस्ट भी पास कर लिया। 13 नवंबर 2021 को जब मेडिकल टेस्ट किया गया तो वह शारीरिक रूप से स्वस्थ पाए गए लेकिन हाथों पर टैटू के कारण उन्हें अयोग्य घोषित कर दिया गया।
याचिकाकर्ताओं का कहना है कि टैटू आकार में छोटे हैं और केवल धार्मिक प्रतीक हैं। मेडिकल में उन्हें अयोग्य घोषित किए जाने के बाद आवेदकों ने अपने दाहिने हाथ के टैटू को हटाने के लिए इलाज कराया। टैटू हटाने के बाद उन्होंने प्रतिवादियों के समक्ष अभ्यावेदन दिया।
विस्तार
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एसएसबी भर्ती परीक्षा में शामिल तीन उम्मीदवारों की याचिका पर सुनवाई करते हुए मामले में केंद्र सरकार और और सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) से जवाब मांगा है। याचियों का कहना है कि परीक्षा के दौरान उनके दाहिने हाथ पर धार्मिक टैटू बना था।
इस वजह से उन्हें मेडिकल टेस्ट में अनफिट घोषित कर दिया गया था। मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति सिद्धार्थ वर्मा की एकल पीठ कर रही है। पीठ ने सुनवाई के लिए अगली तिथि 23 फरवरी तय की है।
[ad_2]
Source link