एसडीएम, सीवीओ व डीपीआरओ से जवाब तलब

0
96

[ad_1]

ख़बर सुनें

उन्नाव। गोसेवक के आत्मदाह का प्रयास करने के बाद सीडीओ दिव्यांशु पटेल ने चमरौली में बनाए गए अस्थायी गो आश्रयस्थल में बंद मवेशियों के मरणासन्न होने के मामले को संज्ञान में लिया है। उन्होंने एसडीएम सदर सत्यप्रिय सिंह, सीवीओ डॉ. पीके सिंह व डीपीआरओ निरीश चंद्र साहू को कारण बताओ नोटिस जारी करके जवाब मांगा है।
सीडीओ ने बताया कि तीनों अधिकारियों ने यदि संतोषजनक जवाब नहीं दिया तो अनुशासनात्मक कार्रवाई की संस्तुति की जाएगी।
इन सवालों का मांगा जवाब
-लखनऊ कानपुर राजमार्ग पर चमरौली गांव के निकट बनाए गए अस्थायी गोआश्रय स्थल का चयन किसने किया। क्या यह निजी भूमि है, यदि हां तो किसकी भूमि है।
-इस स्थल पर निराश्रित गोवंश किसके निर्देश पर रखवाए गए हैं।
– स्थल पर चारा, पानी, छाया आदि की क्या व्यवस्था है। यह व्यवस्था किस मद से की जा रही है।
– निराश्रित गोवंशों के रखे जाने के कारण कानून व्यवस्था संबंधी कोई समस्या उत्पन्न होने की आशंका तो नहीं है।
-चमरौली में संरक्षित मवेशियों में किसी की चारा, पानी के अभाव या ठंड से मौत होने पर उसका कारण बताने और जिम्मेदार पर की गई कार्रवाई की जानकारी दें।
ग्राम प्रधान पर पशु क्रूरता अधिनियम की रिपोर्ट
चकलवंशी। माखी थाना क्षेत्र के पावा के प्रधान पर ग्राम विकास अधिकारी ने पशु क्रूरता अधिनियम व लोक सेवक का सहयोग न करने की धारा में रिपोर्ट दर्ज कराई है। आरोप है कि फसलों को बर्बाद करने वाले छुट्टा मवेशियों के संरक्षण में ग्राम प्रधान ने सहयोग करने से इनकार किया है।
विकास खंड सफीपुर में तैनात ग्राम विकास अधिकारी सर्वेश दीक्षित ने पुलिस को तहरीर देकर बताया कि माखी थाना क्षेत्र के पावा गांव में छुट्टा मवेशी किसानों की फसलों को नुकसान पहुंचा रहे हैं। इससे किसानों में आक्रोश है। वह कई बार इसकी शिकायत भी कर चुके हैं। किसानों की मांग पर जब क्षेत्र के पशुओं को पकड़कर संरक्षित करने के प्रयास किए गए तो ग्राम प्रधान रामरतन ने सहयोग करने से इनकार कर दिया। पुलिस ने ग्राम पंचायत अधिकारी सर्वेश दीक्षित की तहरीर पर ग्राम प्रधान रामरतन पर पशु क्रूरता निवारण अधिनियम व लोकसेवक का सहयोग न करने की धारा में रिपोर्ट दर्ज कर जांच शुरू की है।

यह भी पढ़ें -  गर पालिका में गंदगी पर ईओ नाराज, कार्रवाई की चेतावनी

उन्नाव। गोसेवक के आत्मदाह का प्रयास करने के बाद सीडीओ दिव्यांशु पटेल ने चमरौली में बनाए गए अस्थायी गो आश्रयस्थल में बंद मवेशियों के मरणासन्न होने के मामले को संज्ञान में लिया है। उन्होंने एसडीएम सदर सत्यप्रिय सिंह, सीवीओ डॉ. पीके सिंह व डीपीआरओ निरीश चंद्र साहू को कारण बताओ नोटिस जारी करके जवाब मांगा है।

सीडीओ ने बताया कि तीनों अधिकारियों ने यदि संतोषजनक जवाब नहीं दिया तो अनुशासनात्मक कार्रवाई की संस्तुति की जाएगी।

इन सवालों का मांगा जवाब

-लखनऊ कानपुर राजमार्ग पर चमरौली गांव के निकट बनाए गए अस्थायी गोआश्रय स्थल का चयन किसने किया। क्या यह निजी भूमि है, यदि हां तो किसकी भूमि है।

-इस स्थल पर निराश्रित गोवंश किसके निर्देश पर रखवाए गए हैं।

– स्थल पर चारा, पानी, छाया आदि की क्या व्यवस्था है। यह व्यवस्था किस मद से की जा रही है।

– निराश्रित गोवंशों के रखे जाने के कारण कानून व्यवस्था संबंधी कोई समस्या उत्पन्न होने की आशंका तो नहीं है।

-चमरौली में संरक्षित मवेशियों में किसी की चारा, पानी के अभाव या ठंड से मौत होने पर उसका कारण बताने और जिम्मेदार पर की गई कार्रवाई की जानकारी दें।

ग्राम प्रधान पर पशु क्रूरता अधिनियम की रिपोर्ट

चकलवंशी। माखी थाना क्षेत्र के पावा के प्रधान पर ग्राम विकास अधिकारी ने पशु क्रूरता अधिनियम व लोक सेवक का सहयोग न करने की धारा में रिपोर्ट दर्ज कराई है। आरोप है कि फसलों को बर्बाद करने वाले छुट्टा मवेशियों के संरक्षण में ग्राम प्रधान ने सहयोग करने से इनकार किया है।

विकास खंड सफीपुर में तैनात ग्राम विकास अधिकारी सर्वेश दीक्षित ने पुलिस को तहरीर देकर बताया कि माखी थाना क्षेत्र के पावा गांव में छुट्टा मवेशी किसानों की फसलों को नुकसान पहुंचा रहे हैं। इससे किसानों में आक्रोश है। वह कई बार इसकी शिकायत भी कर चुके हैं। किसानों की मांग पर जब क्षेत्र के पशुओं को पकड़कर संरक्षित करने के प्रयास किए गए तो ग्राम प्रधान रामरतन ने सहयोग करने से इनकार कर दिया। पुलिस ने ग्राम पंचायत अधिकारी सर्वेश दीक्षित की तहरीर पर ग्राम प्रधान रामरतन पर पशु क्रूरता निवारण अधिनियम व लोकसेवक का सहयोग न करने की धारा में रिपोर्ट दर्ज कर जांच शुरू की है।

[ad_2]

Source link

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here