ओलावृष्टि से हुए नुकसान की भरपाई के लिए मिले एक करोड़

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उन्नाव। एक माह पहले हुई ओलावृष्टि से फसलों को हुए नुकसान की भरपाई के लिए शासन ने एक करोड़ रुपये दिए हैं। जिला प्रशासन ने तहसील प्रशासन को किसानों की संख्या के आधार पर धनराशि आवंटित करने के आदेश दिए हैं। अगले सप्ताह से मुआवजा राशि मिलने की खबर से किसानों में खुशी है।
आठ जनवरी को हुई ओलावृष्टि से सफीपुर व बांगरमऊ तहसील क्षेत्र के कई गांवों में सैकड़ों किसानों की आलू, सरसों, गेहूं, टमाटर व गोभी की फसलें नष्ट हो र्र्गइं थीं। तहसील व बीमा कंपनी के सर्वे में प्रारंभिक स्तर पर अकेले फतेहपुर चौरासी के सूसूमऊ, सरहा सकतपुर, लवानी, तालिबपुर रहली, तमरिया कला, तमरिया खुर्द, बूचागाड़ा, ख्वाजगीपुर पहलवान, हयासपुर, जमरुद्दीपुर आदि गांवों में फसलों के नष्ट होने की पुष्टि हुई थी। इसके अलावा बांगरमऊ के मुस्तफाबाद, शादीपुर में भी फसलों को नुकसान पहुंचा था।
तहसील प्रशासन ने राजस्व कर्मियों व कृषि विभाग ने फसल बीमा कंपनी से नुकसान का सर्वे कराया था। उस समय कराए गए सर्वे में करीब पांच हजार बीघे में बोई गई फसल के नष्ट होने की पुष्टि हुई थी। इसके बाद प्रभावित किसानों को राहत पहुंचाने की कवायद तेज कर दी गई थी। जिला प्रशासन ने मुआवजे के लिए रिपोर्ट शासन को भेजी थी। अब प्रदेश सरकार ने मुआवजे के लिए एक करोड़ की धनराशि जारी की है। जिसे किसानों में वितरण के लिए तहसील को आवंटन करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। इससे करीब 3600 किसानों को राहत मिलेगी।
पहले की 24 शिकायतों की जांच नहीं
ओलावृष्टि से हुए नुकसान का आकलन राजस्व विभाग के अलावा फसल बीमा कंपनी यूनिवर्सल सोंपो जनरल इंश्योरेंस ने शुरू किया था। राजस्व विभाग ने तो तुरंत सर्वे करके रिपोर्ट भेज दी थी लेकिन बीमा कंपनी अभी तक सर्वे पूरा नहीं कर सकी है। जिला कृषि अधिकारी कुलदीप मिश्रा ने बताया कि 324 किसानों ने नुकसान होने की शिकायत दर्ज कराई थी। इसमें बीमा कंपनी ने 300 शिकायतों की जांच पूरी कर ली है। अभी 24 की जांच नहीं हो पाई है। इस बीच फिर ओलावृष्टि हो गई। अब इन शिकायतों का सर्वे शुरू करा दिया गया। जल्द ही पूरा सर्वे कराकर बीमित किसानों को मुआवजा दिलाया जाएगा।

यह भी पढ़ें -  Unnao: कृषि विभाग की बड़ी कार्रवाई, बीज दुकानों पर मारा छापा, 33 नमूने सील, दो दुकानदारों का नोटिस

उन्नाव। एक माह पहले हुई ओलावृष्टि से फसलों को हुए नुकसान की भरपाई के लिए शासन ने एक करोड़ रुपये दिए हैं। जिला प्रशासन ने तहसील प्रशासन को किसानों की संख्या के आधार पर धनराशि आवंटित करने के आदेश दिए हैं। अगले सप्ताह से मुआवजा राशि मिलने की खबर से किसानों में खुशी है।

आठ जनवरी को हुई ओलावृष्टि से सफीपुर व बांगरमऊ तहसील क्षेत्र के कई गांवों में सैकड़ों किसानों की आलू, सरसों, गेहूं, टमाटर व गोभी की फसलें नष्ट हो र्र्गइं थीं। तहसील व बीमा कंपनी के सर्वे में प्रारंभिक स्तर पर अकेले फतेहपुर चौरासी के सूसूमऊ, सरहा सकतपुर, लवानी, तालिबपुर रहली, तमरिया कला, तमरिया खुर्द, बूचागाड़ा, ख्वाजगीपुर पहलवान, हयासपुर, जमरुद्दीपुर आदि गांवों में फसलों के नष्ट होने की पुष्टि हुई थी। इसके अलावा बांगरमऊ के मुस्तफाबाद, शादीपुर में भी फसलों को नुकसान पहुंचा था।

तहसील प्रशासन ने राजस्व कर्मियों व कृषि विभाग ने फसल बीमा कंपनी से नुकसान का सर्वे कराया था। उस समय कराए गए सर्वे में करीब पांच हजार बीघे में बोई गई फसल के नष्ट होने की पुष्टि हुई थी। इसके बाद प्रभावित किसानों को राहत पहुंचाने की कवायद तेज कर दी गई थी। जिला प्रशासन ने मुआवजे के लिए रिपोर्ट शासन को भेजी थी। अब प्रदेश सरकार ने मुआवजे के लिए एक करोड़ की धनराशि जारी की है। जिसे किसानों में वितरण के लिए तहसील को आवंटन करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। इससे करीब 3600 किसानों को राहत मिलेगी।

पहले की 24 शिकायतों की जांच नहीं

ओलावृष्टि से हुए नुकसान का आकलन राजस्व विभाग के अलावा फसल बीमा कंपनी यूनिवर्सल सोंपो जनरल इंश्योरेंस ने शुरू किया था। राजस्व विभाग ने तो तुरंत सर्वे करके रिपोर्ट भेज दी थी लेकिन बीमा कंपनी अभी तक सर्वे पूरा नहीं कर सकी है। जिला कृषि अधिकारी कुलदीप मिश्रा ने बताया कि 324 किसानों ने नुकसान होने की शिकायत दर्ज कराई थी। इसमें बीमा कंपनी ने 300 शिकायतों की जांच पूरी कर ली है। अभी 24 की जांच नहीं हो पाई है। इस बीच फिर ओलावृष्टि हो गई। अब इन शिकायतों का सर्वे शुरू करा दिया गया। जल्द ही पूरा सर्वे कराकर बीमित किसानों को मुआवजा दिलाया जाएगा।

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