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उन्नाव। शब-ए-बरात का पर्व शुक्रवार रात मनाया गया। घरों, मस्जिदों और कब्रिस्तानों में रोशनी की गई। लोगों ने कब्रों पर फूल चढ़ाए। खुदा से गुनाहों की माफी मांगी।
मुस्लिम लोग एबी नगर स्थित बड़ा शहीदा कब्रिस्तान पहुंचे और नम आंखों से फातिहा पढ़कर दुआ मांगी। तड़के तीन बजे शहर की जामा मस्जिद में तस्बीह की नमाज अदा की गई और मुल्क में अमन और शांति की दुआ मांगी गई। कब्रिस्तान कमेटी के मोहम्मद अहमद, मोहम्मद जाबिर, नफीस अहमद, मोहम्मद आसिफ, शोएब अहमद, जहीर अब्बास, इकराम मोहम्मद फरीदी आदि मौजूद रहे। कस्बा न्योतनी में शब-ए-बरात पर कब्रिस्तान, दरगाहों, इमामबाड़ों, मस्जिदों में रोशनी की गई। अल्लाह से नेक रास्ते पर चलने की दुआ मांगी। अंजुमन हैदरिया अब्बासिया न्योतनी के सदस्य मुर्तजा हैदर रिजवी ने बताया कि यह रात रहमतों से दामन भर लेने की होती है। अल्लाह शब-ए-कद्र में इबादत करने वाला शख्स के साल भर के गुनाह माफ कर देता है।
उन्नाव। शब-ए-बरात का पर्व शुक्रवार रात मनाया गया। घरों, मस्जिदों और कब्रिस्तानों में रोशनी की गई। लोगों ने कब्रों पर फूल चढ़ाए। खुदा से गुनाहों की माफी मांगी।
मुस्लिम लोग एबी नगर स्थित बड़ा शहीदा कब्रिस्तान पहुंचे और नम आंखों से फातिहा पढ़कर दुआ मांगी। तड़के तीन बजे शहर की जामा मस्जिद में तस्बीह की नमाज अदा की गई और मुल्क में अमन और शांति की दुआ मांगी गई। कब्रिस्तान कमेटी के मोहम्मद अहमद, मोहम्मद जाबिर, नफीस अहमद, मोहम्मद आसिफ, शोएब अहमद, जहीर अब्बास, इकराम मोहम्मद फरीदी आदि मौजूद रहे। कस्बा न्योतनी में शब-ए-बरात पर कब्रिस्तान, दरगाहों, इमामबाड़ों, मस्जिदों में रोशनी की गई। अल्लाह से नेक रास्ते पर चलने की दुआ मांगी। अंजुमन हैदरिया अब्बासिया न्योतनी के सदस्य मुर्तजा हैदर रिजवी ने बताया कि यह रात रहमतों से दामन भर लेने की होती है। अल्लाह शब-ए-कद्र में इबादत करने वाला शख्स के साल भर के गुनाह माफ कर देता है।
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