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करीब डेढ़-दो दशक पहले तक पूरब दिशा में रामगढ़ताल के बाद यानी सहारा इस्टेट के बाद से गांव शुरू हो जाते थे जो अब कॉलोनियों का रूप ले चुके हैं। देवरिया रोड तक सड़क के दोनों तरफ एक-एक किलोमीटर से अधिक के दायरे में कॉलोनियां बस चुकी हैं। इसी तरह पश्चिम दिशा में सहजनवां तक शहर बस चुका है तो वहीं दक्षिण में जहां पहले नौसड़ के आगे से ही गांव का ग्रामीण परिवेश दिखने लगता था, अब पांच किलोमीटर आगे तक कॉलोनियां दिखाई पड़ रही हैं। उत्तर दिशा में भी मेडिकल रोड पर शहर का दायरा गुलरिहा के आगे तक तो गोरखनाथ रोड पर बालापार के आगे तक शहरी परिवेश दिखाई पड़ रहा है।
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ये गांव हाल ही में निगम में शामिल हुए
सिक्टौर तप्पा हवेली, रानीडीहा, खोराबार उर्फ सूबा बाजार, जंगल सिकरी उर्फ खोराबार, भरवलिया बुजुर्ग, कजाकपुर, बड़गो, मनहट, गायघाट बुजुर्ग, पथरा, बाघरानी, गायघाट खुर्द, सेमरा देवी प्रसाद, गुलरिहा, मुंडिला उर्फ मुंडेरा, मिर्जापुर तप्पा खुटहन, करमहा उर्फ कम्हरिया, जंगल तिकोनिया नंबर-1, जंगल बहादुर अली, नुरुद्दीन चक, चकरा दोयम, रामपुर तप्पा हवेली, सेंदुली बिंदुली, कठवतिया उर्फ कठउर, पिपरा तप्पा हवेली, झरवा, हरसेवकपुर नंबर दो, लक्ष्मीपुर तप्पा कस्बा, उमरपुर तप्पा खुटहन, जंगल हकीम नंबर-2
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