करोड़ों की परियोजनाओं से न सिंचाई का फायदा, ना ही पढ़ाई

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उन्नाव। शासन ने आम जनता की सहूलियत के लिए जनपद में करोड़ों की परियोजनाएं चलाईं। शुरुआत में पहली किस्त भी जारी कर दी। जब आधा काम हो गया तो कार्यदायी संस्था सीएंडडीएस उप्र जलनिगम यूनिट-29 लखनऊ ने दोबारा बजट की मांग की। सालों बीत जाने के बाद भी दोबारा बजट ही नहीं मिला।
जिस कारण करोड़ों की परियोजनाएं अधूरी पड़ी हैं। जिससे आम जनता को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है।
वर्ष 2015 में डायट कैंपस (नार्मल स्कूल के पीछे) राजकीय बालिका डिग्री कॉलेज को मंजूरी मिली थी। इसके लिए 4.77 करोड़ रुपये स्वीकृत हुए थे। समय बढ़ता गया तो कालेज निर्माण की लागत भी बढ़ती गई। जिसका पुनरीक्षित प्रस्ताव तैयार कराकर मंजूरी के लिए शासन को भेजा गया था।
पुनरीक्षित प्रस्ताव पर शासन ने बजट जारी नहीं किया। जिस कारण आज तक कालेज बनकर तैयार नहीं हो सका है। लोगों का कहना है कि यदि इन सरकारी स्कूलों का निर्माण पूरा हो जाता तो बच्चों को अच्छी शिक्षा के लिए भटकना नहीं पड़ता।
सिंचाई की समस्या को देखते हुए वर्ष 1985-86 में डौंडियाखेड़ा में चौधरी चरण सिंह डलमऊ बी पंप नहर योजना पर काम शुरू हुआ था। 300 क्यूसेक क्षमता की नहर पर मोटर बोट पर सात पंप रखे गए थे। पंप निर्माण के बाद जिले के अलावा रायबरेली क्षेत्र के कई गांवों के किसानों को लाभ मिला।
हालांकि परियोजना की मियाद 15 वर्ष थी लेकिन जब 25 साल योजना चल गई तो सरकार ने 2010 में 21 करोड़ रुपये जारी करके स्थायी नहर पंप बनाए जाने की स्वीकृति दी।
पुर्नस्थापना का कार्य 19 जनवरी 2012 को शुरू हुआ। वैसे काम 18 सितंबर 2014 को पूरा हो जाना था लेकिन 33 फीसदी ही पुर्नस्थापना का काम पूरा हो सका है। नया पंप हाउस सालों बाद भी शुरू नहीं हो सका है। वर्तमान में काम बंद चल रहा है।
पंप न चलने से कल्याणपुर, नानमऊ, जगतपुर, धनकोली आदि गांवों में सिंचाई के लिए मारामारी है। सिंचाई विभाग के एक्सईएन शैलेश कुमार ने बताया कि परियोजना को पूरा करने के लिए पुर्नमूल्यांकन करके वर्ष 2020 में 72.94 करोड़ का प्रस्ताव भेजा गया था। शासन से बजट जारी नहीं हुआ है। फिर से पत्राचार किया जा रहा है।
शहीद गुलाब सिंह लोधी पुलिस प्रशिक्षण केंद्र में एसटीपी प्लांट व सीवर लाइन निर्माण की स्वीकृति 2015 में मिली थी। इसके लिए 3.01 करोड़ रुपये जारी हुए थे। इस बजट से सीवर लाइन का कार्य कराया गया। करीब 73 फीसदी काम पूरा होने के बाद प्रोजेक्ट की लागत बढ़ गई।
जिसके बाद पुर्नमूल्याकंन इस्टीमेट तैयार करके शासन को मंजूरी के लिए भेजा गया। आज तक पुनरीक्षित बजट जारी न होने से काम पूरा नहीं हो सका है। जिस कारण ये काम भी अधूरा पड़ा है।
जिला अर्थ एवं संख्याधिकारी राजदीप वर्मा ने बताया कि कार्यदायी संस्था सीएंडडीएस की तीन परियोजनाएं बजट न मिलने से पूरी नहीं हो पाई हैं। बजट के लिए संस्था की ओर से पत्राचार किया जा रहा है।

यह भी पढ़ें -  Unnao News: सीएचसी, पीएचसी में अनुपस्थित मिले 102 कर्मचारी, रोका वेतन

उन्नाव। शासन ने आम जनता की सहूलियत के लिए जनपद में करोड़ों की परियोजनाएं चलाईं। शुरुआत में पहली किस्त भी जारी कर दी। जब आधा काम हो गया तो कार्यदायी संस्था सीएंडडीएस उप्र जलनिगम यूनिट-29 लखनऊ ने दोबारा बजट की मांग की। सालों बीत जाने के बाद भी दोबारा बजट ही नहीं मिला।

जिस कारण करोड़ों की परियोजनाएं अधूरी पड़ी हैं। जिससे आम जनता को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है।

वर्ष 2015 में डायट कैंपस (नार्मल स्कूल के पीछे) राजकीय बालिका डिग्री कॉलेज को मंजूरी मिली थी। इसके लिए 4.77 करोड़ रुपये स्वीकृत हुए थे। समय बढ़ता गया तो कालेज निर्माण की लागत भी बढ़ती गई। जिसका पुनरीक्षित प्रस्ताव तैयार कराकर मंजूरी के लिए शासन को भेजा गया था।

पुनरीक्षित प्रस्ताव पर शासन ने बजट जारी नहीं किया। जिस कारण आज तक कालेज बनकर तैयार नहीं हो सका है। लोगों का कहना है कि यदि इन सरकारी स्कूलों का निर्माण पूरा हो जाता तो बच्चों को अच्छी शिक्षा के लिए भटकना नहीं पड़ता।

सिंचाई की समस्या को देखते हुए वर्ष 1985-86 में डौंडियाखेड़ा में चौधरी चरण सिंह डलमऊ बी पंप नहर योजना पर काम शुरू हुआ था। 300 क्यूसेक क्षमता की नहर पर मोटर बोट पर सात पंप रखे गए थे। पंप निर्माण के बाद जिले के अलावा रायबरेली क्षेत्र के कई गांवों के किसानों को लाभ मिला।

हालांकि परियोजना की मियाद 15 वर्ष थी लेकिन जब 25 साल योजना चल गई तो सरकार ने 2010 में 21 करोड़ रुपये जारी करके स्थायी नहर पंप बनाए जाने की स्वीकृति दी।

पुर्नस्थापना का कार्य 19 जनवरी 2012 को शुरू हुआ। वैसे काम 18 सितंबर 2014 को पूरा हो जाना था लेकिन 33 फीसदी ही पुर्नस्थापना का काम पूरा हो सका है। नया पंप हाउस सालों बाद भी शुरू नहीं हो सका है। वर्तमान में काम बंद चल रहा है।

पंप न चलने से कल्याणपुर, नानमऊ, जगतपुर, धनकोली आदि गांवों में सिंचाई के लिए मारामारी है। सिंचाई विभाग के एक्सईएन शैलेश कुमार ने बताया कि परियोजना को पूरा करने के लिए पुर्नमूल्यांकन करके वर्ष 2020 में 72.94 करोड़ का प्रस्ताव भेजा गया था। शासन से बजट जारी नहीं हुआ है। फिर से पत्राचार किया जा रहा है।

शहीद गुलाब सिंह लोधी पुलिस प्रशिक्षण केंद्र में एसटीपी प्लांट व सीवर लाइन निर्माण की स्वीकृति 2015 में मिली थी। इसके लिए 3.01 करोड़ रुपये जारी हुए थे। इस बजट से सीवर लाइन का कार्य कराया गया। करीब 73 फीसदी काम पूरा होने के बाद प्रोजेक्ट की लागत बढ़ गई।

जिसके बाद पुर्नमूल्याकंन इस्टीमेट तैयार करके शासन को मंजूरी के लिए भेजा गया। आज तक पुनरीक्षित बजट जारी न होने से काम पूरा नहीं हो सका है। जिस कारण ये काम भी अधूरा पड़ा है।

जिला अर्थ एवं संख्याधिकारी राजदीप वर्मा ने बताया कि कार्यदायी संस्था सीएंडडीएस की तीन परियोजनाएं बजट न मिलने से पूरी नहीं हो पाई हैं। बजट के लिए संस्था की ओर से पत्राचार किया जा रहा है।

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