कल्याणी नदी पर पुल तैयार, आवागमन शुरू, 40 हजार लोगों को राहत

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सफीपुर। कल्याणी नदी पर बने पुल से आवागमन शुरू हो गया है। इससे 25 गांवों के 40 हजार लोगों को राहत मिली है। ये लोग दशकों से बांस-बल्ली से बने जुगाड़ पुल से सफर कर रहे थे। उन्हें अब नदी पार जाने के लिए 10 किलोमीटर का चक्कर भी नहीं लगाना पड़ेगा।
मुरादपुर गांव के बाहर से निकली कल्याणी नदी पर अभी तक पक्के पुल का निर्माण न होने से बच्चों को स्कूल और ग्रामीणों को बाजार, अस्पताल व तहसील मुख्यालय तक जाने में परेशानी होती थी। लोगों ने लंबे चक्कर से बचने के लिए मुरादपुर के पास नदी पर बांस बल्ली का पुल बना रखा था। इस पर जान जोखिम में डालकर सफर कर रहे थे। अमर उजाला ने इस समस्या को प्रमुखता से उठाया था। खबर को संज्ञान में लेकर विधायक बंबालाल दिवाकर ने पक्के पुल के लिए प्रयास शुरू किया। इसके बाद पीडब्ल्यूडी ने सर्वे किया और नदी पर पक्के पुल व 1200 मीटर संपर्क मार्ग बनाने के लिए ढाई करोड़ का इस्टीमेट बनाकर शासन को मंजूरी के लिए भेजा। फरवरी 2022 में इसे स्वीकृति मिली। जिसके बाद विभाग ने पुल का निर्माण शुरू कराया। जुलाई में पुल का निर्माण पूरा हो गया। अब संपर्क मार्ग का निर्माण पूरा हो गया है। इसके बाद पुल से वाहनों का आवागमन शुरू हो गया। अवर अभियंता प्रदीप कुमार ने बताया कि ग्रामीणों को अब सहूलियत होगी।
लोगों ने जताई खुशी
मुरादपुर निवासी संतोष कुमार ने बताया कि पुल बनने से जमालनगर से दबौली तक जाने वाला मार्ग अब मुरादपुर से सीधा जुड़ गया है। सीधा तहसील मुख्यालय, कोतवाली, सीएचसी, बैंक, पोस्ट आफिस व ब्लॉक पहुंचना आसान होगा।
राजेंद्र ने बताया कि शेरपुर, उडंकपुरवा, इब्राहिमाबाद, सनहा क्षेत्र के लोग मिर्जापुर बाजार व बैंक इसी मार्ग से होकर जा सकेंगे। पुल बनने से बढ़ी राहत मिली है।
चंद्रशेखर ने बताया कि वर्षों की प्रतीक्षा के बाद पुल का निर्माण हुआ है। आवागमन शुरू होने से किसानों के लिए उनकी खेती आसान हो गई। इससे पूर्व बांस बल्ली के बने पुल में खतरा बना रहता था।
मुरादपुर प्रधान कंचन विश्वकर्मा ने बताया कि गाव की अधिकांश कृषि भूमि पुल के उस पार है। पक्का पुल बनने के बाद लोग सुरक्षित आवागमन कर सकेंगे।
फोटो-16
विधायक बंबालाल दिवाकर ने कहा कि अमर उजाला ने समस्या को उठाया तो अधिकारियों से समन्वय बनाकर पक्के पुल के लिए प्रयास शुरू किया। पुल स्वीकृति से लेकर निर्माण पूरा होने के बाद इसका सुखद परिणाम सामने आया है। इस पुल से ग्रामीणों को काफी फायदा मिलेगा।

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सफीपुर। कल्याणी नदी पर बने पुल से आवागमन शुरू हो गया है। इससे 25 गांवों के 40 हजार लोगों को राहत मिली है। ये लोग दशकों से बांस-बल्ली से बने जुगाड़ पुल से सफर कर रहे थे। उन्हें अब नदी पार जाने के लिए 10 किलोमीटर का चक्कर भी नहीं लगाना पड़ेगा।

मुरादपुर गांव के बाहर से निकली कल्याणी नदी पर अभी तक पक्के पुल का निर्माण न होने से बच्चों को स्कूल और ग्रामीणों को बाजार, अस्पताल व तहसील मुख्यालय तक जाने में परेशानी होती थी। लोगों ने लंबे चक्कर से बचने के लिए मुरादपुर के पास नदी पर बांस बल्ली का पुल बना रखा था। इस पर जान जोखिम में डालकर सफर कर रहे थे। अमर उजाला ने इस समस्या को प्रमुखता से उठाया था। खबर को संज्ञान में लेकर विधायक बंबालाल दिवाकर ने पक्के पुल के लिए प्रयास शुरू किया। इसके बाद पीडब्ल्यूडी ने सर्वे किया और नदी पर पक्के पुल व 1200 मीटर संपर्क मार्ग बनाने के लिए ढाई करोड़ का इस्टीमेट बनाकर शासन को मंजूरी के लिए भेजा। फरवरी 2022 में इसे स्वीकृति मिली। जिसके बाद विभाग ने पुल का निर्माण शुरू कराया। जुलाई में पुल का निर्माण पूरा हो गया। अब संपर्क मार्ग का निर्माण पूरा हो गया है। इसके बाद पुल से वाहनों का आवागमन शुरू हो गया। अवर अभियंता प्रदीप कुमार ने बताया कि ग्रामीणों को अब सहूलियत होगी।

लोगों ने जताई खुशी

मुरादपुर निवासी संतोष कुमार ने बताया कि पुल बनने से जमालनगर से दबौली तक जाने वाला मार्ग अब मुरादपुर से सीधा जुड़ गया है। सीधा तहसील मुख्यालय, कोतवाली, सीएचसी, बैंक, पोस्ट आफिस व ब्लॉक पहुंचना आसान होगा।

राजेंद्र ने बताया कि शेरपुर, उडंकपुरवा, इब्राहिमाबाद, सनहा क्षेत्र के लोग मिर्जापुर बाजार व बैंक इसी मार्ग से होकर जा सकेंगे। पुल बनने से बढ़ी राहत मिली है।

चंद्रशेखर ने बताया कि वर्षों की प्रतीक्षा के बाद पुल का निर्माण हुआ है। आवागमन शुरू होने से किसानों के लिए उनकी खेती आसान हो गई। इससे पूर्व बांस बल्ली के बने पुल में खतरा बना रहता था।

मुरादपुर प्रधान कंचन विश्वकर्मा ने बताया कि गाव की अधिकांश कृषि भूमि पुल के उस पार है। पक्का पुल बनने के बाद लोग सुरक्षित आवागमन कर सकेंगे।

फोटो-16

विधायक बंबालाल दिवाकर ने कहा कि अमर उजाला ने समस्या को उठाया तो अधिकारियों से समन्वय बनाकर पक्के पुल के लिए प्रयास शुरू किया। पुल स्वीकृति से लेकर निर्माण पूरा होने के बाद इसका सुखद परिणाम सामने आया है। इस पुल से ग्रामीणों को काफी फायदा मिलेगा।

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