कान्हा की नगरी में दूल्हा बने श्रीराम: सिया को ब्याहने बरात लेकर निकले रघुनंदन, ब्रजवासियों ने किया स्वागत

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मथुरा में निकली श्रीराम बरात

मथुरा में निकली श्रीराम बरात
– फोटो : अमर उजाला

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योगीराज भगवान श्रीकृष्ण की जन्मस्थली मथुरा में सोमवार को मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम दूल्हा बनकर निकले। भगवान श्रीराम की बरात में बड़ी संख्या में झांकियां शामिल हुईं, जिसमें कई शहरों के प्रख्यात बैंड भी भगवान की बरात की शोभा बने। विभिन्न अखाड़ों ने अपनी कला का प्रदर्शन किया। पग-पग पर पुष्पों से बरात का स्वागत किया गया। दूल्हा बने राम, लक्ष्मण, भरत, शत्रुघ्न का मधुरावासियों ने आरती करते हुए स्वागत किया।

श्री रामलीला सभा के तत्वावधान में मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु श्रीराम की बरात बाटी वाली कुंज स्थित जनमासे से प्रस्थान कर चौक बाजार स्थित अवधपुरी पहुंची। यहां श्रीकृष्ण शर्मा चैरिटेबिल ट्रस्ट के तत्वावधान में मनोज शर्मा बादल, शैलेंद्र हकीम, अमित शर्मा, बॉबी शर्मा, प्रदीप गोस्वामी, अभिषेक शर्मा ने स्वागत सत्कार किया। यहां से स्वामी घाट, छत्ता बाजार, होली गेट होते हुई कोतवाली रोड, भरतपुर गेट स्थित जनकपुरी पहुंची। बरात में ऊंट और घोड़े ध्वज पताका के साथ आगे चल रहे थे। फिर ढोल की गूंजती आवाज ने लोगों का ध्यान अपनी ओर खींचा। इसके पीछे गणेश की झांकी बरात का नेतृत्व करते नजर आई।

आकर्षण का केंद्र बनीं झांकियां 

श्रीराम की बारत में भगवान शिव का परिवार, मां वैष्णो देवी, राधाकृष्ण, हनुमान जी, बिहारी जी, चंद्र लोक, कैलाश पर्वत, मां कैला देवी, गरुण गोविंद, श्रीनाथ जी सहित आधा दर्जन झांकियां लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र बनी रहीं। लोगों ने पुष्प वर्षा कर बरात का जगह-जगह स्वागत किया। बरात के आकर्षण का यह दौर रात भर बना रहा। राम बरात में राजा रामचंद्र के जयघोष से कृष्ण नगरी गुंजायमान हो गई। धर्म नगरी मथुरा भगवान राम के रंग में रंग गई।

भोर में प्रभु राम व जानकी के विवाहोत्सव की लीला हुई। जहां जनकपुरी समिति द्वारा मुनि वशिष्ठ, विश्वामित्र व राजा दशरथ का मिलनी कर स्वागत किया गया। विवाह लीला में माता जानकी का वरमाला पहना कर वरण किया गया। यह दृश्य देखकर उपस्थित जन समुदाय श्रीराम व माता जानकी की जय-जयकार करने लगा। श्रीराम की बरात में हजारों की संख्या में लोग शामिल हुए। 

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योगीराज भगवान श्रीकृष्ण की जन्मस्थली मथुरा में सोमवार को मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम दूल्हा बनकर निकले। भगवान श्रीराम की बरात में बड़ी संख्या में झांकियां शामिल हुईं, जिसमें कई शहरों के प्रख्यात बैंड भी भगवान की बरात की शोभा बने। विभिन्न अखाड़ों ने अपनी कला का प्रदर्शन किया। पग-पग पर पुष्पों से बरात का स्वागत किया गया। दूल्हा बने राम, लक्ष्मण, भरत, शत्रुघ्न का मधुरावासियों ने आरती करते हुए स्वागत किया।

श्री रामलीला सभा के तत्वावधान में मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु श्रीराम की बरात बाटी वाली कुंज स्थित जनमासे से प्रस्थान कर चौक बाजार स्थित अवधपुरी पहुंची। यहां श्रीकृष्ण शर्मा चैरिटेबिल ट्रस्ट के तत्वावधान में मनोज शर्मा बादल, शैलेंद्र हकीम, अमित शर्मा, बॉबी शर्मा, प्रदीप गोस्वामी, अभिषेक शर्मा ने स्वागत सत्कार किया। यहां से स्वामी घाट, छत्ता बाजार, होली गेट होते हुई कोतवाली रोड, भरतपुर गेट स्थित जनकपुरी पहुंची। बरात में ऊंट और घोड़े ध्वज पताका के साथ आगे चल रहे थे। फिर ढोल की गूंजती आवाज ने लोगों का ध्यान अपनी ओर खींचा। इसके पीछे गणेश की झांकी बरात का नेतृत्व करते नजर आई।

आकर्षण का केंद्र बनीं झांकियां 

श्रीराम की बारत में भगवान शिव का परिवार, मां वैष्णो देवी, राधाकृष्ण, हनुमान जी, बिहारी जी, चंद्र लोक, कैलाश पर्वत, मां कैला देवी, गरुण गोविंद, श्रीनाथ जी सहित आधा दर्जन झांकियां लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र बनी रहीं। लोगों ने पुष्प वर्षा कर बरात का जगह-जगह स्वागत किया। बरात के आकर्षण का यह दौर रात भर बना रहा। राम बरात में राजा रामचंद्र के जयघोष से कृष्ण नगरी गुंजायमान हो गई। धर्म नगरी मथुरा भगवान राम के रंग में रंग गई।

भोर में प्रभु राम व जानकी के विवाहोत्सव की लीला हुई। जहां जनकपुरी समिति द्वारा मुनि वशिष्ठ, विश्वामित्र व राजा दशरथ का मिलनी कर स्वागत किया गया। विवाह लीला में माता जानकी का वरमाला पहना कर वरण किया गया। यह दृश्य देखकर उपस्थित जन समुदाय श्रीराम व माता जानकी की जय-जयकार करने लगा। श्रीराम की बरात में हजारों की संख्या में लोग शामिल हुए। 

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