कारोबारियों, पूर्व आईएएस समेत दो दर्जन लोगों को ठगने वाले उपेंद्र पर होगी कुर्की की कार्रवाई

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गाजीपुर। कारोबारियों, पूर्व आईएएस अधिकारी समेत कई लोगों से कई करोड़ की ठगी करने वाले उपेंद्र राय की संपत्ति पर पुलिस प्रशासन कुर्की की कार्रवाई करने की तैयारी में है। करीमुद्दीनपुर थाना क्षेत्र के गोड़उर गांव स्थित उसके मकान पर 82 की नोटिस चस्पा होने के साथ 15 हजार का इनामी भी घोषित हो चुका है। पुलिस की तमाम प्रयासों के बाद अभी वह गिरफ्त से दूर है।
पुलिस अधीक्षक रोहन पी बोत्रे ने कहा कि उपेंद्र राय पर जनपद में दो मामले दर्ज हैं। ऐसे ही आधा दर्जन मामले अन्य शहरों में दर्ज हैं। अब तक वह भाग रहा है। उस पर कुर्की की कार्रवाई करने की तैयारी है। मालूम हो कि उपेंद्र राय पर लखनऊ, जयपुर, दिल्ली और दूसरे कई प्रदेशों में ठगी का आरोप है। वह कूट रचित दस्तावेजों में खुद को प्रभावी पद पर दिखाता है। परिजनों और रिश्तेदारों के रूप में उसका संगठित गिरोह इस काम में उसकी मदद करता है।
वहीं उपेंद्र के खिलाफ उसके फ्लैट की मालकिन रेखा रानी, खेती वाली पुश्तैनी जमीन बेचकर पैसा दिए गुमान सिंह, राहुल शर्मा, पुलिस इंस्पेक्टर अनिल सिंह, प्रदीप जायसवाल, राहुल शर्मा और पत्रकार मनीष मिश्र की तहरीर पर विभिन्न धाराओं में कई थानों में मुकदमा दर्ज है।
गोमती नगर के रहने वाले गुमान सिंह से उपेंद्र ने व्यवसायिक लाभ दिलाने के नाम पर मोटी रकम ऐंठ चुका है। गुमान सिंह ने अपनी पैतृक कृषि भूमि को बेचकर उसे पैसे दिए। लेकिन लाभ की बात कौन करे, उपेंद्र मूल धन भी हड़प कर लिया। गुमान जब उपेंद्र के गांव उसके आवास पर अपना पैसा मांगने गए तो परिजनों के साथ उपेंद्र उनसे न सिर्फ बदसलूकी पर उतर आया बल्कि गुमान सिंह की कनपटी से सटा कर फायर भी झोंक दिया था। गनीमत थी फायर मिस हो जाने से गुमान सिंह की जान बच गई। लेकिन वह उपेंद्र और उसके पिता के हमले में बुरी तरह जख्मी हो गए थे। पुलिस ने इस मामले में उपेंद्र सहित उसकी पत्नी मयूरी राय, पिता प्रदीप राय और मां वृंदा राय के खिलाफ अनुसूचित जाति जनजाति नृशंसता निवारण अधिनियम सहित कई गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है।
उपेंद्र राय ने विभूति खंड, लखनऊ के ओमेक्स बिल्डिंग में रेखा रानी से किराए पर फ्लैट लिया और फिर कब्जा कर लिया। फ्लैट खाली करने को कहने पर रेखा रानी के साथ भी बदसलूकी और मारपीट किया जिस मामले में उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ है।
इलेक्ट्रिक बसों की सप्लाई के नाम पर उपेंद्र कमल कोच वर्क्स प्राइवेट लिमिटेड का फर्जी तरीके से खुद को निदेशक दिखाता था। यही नहीं फर्जी रबर स्टांप भी तैयार कराया था। फर्जी निविदा में प्रतिभाग कराने का दस्तावेज भी उसने कूटराचित तरीके से तैयार किया और कई लोगों को ठग लिया। कमल कोच के निदेशक कुणाल कासलीवाल की तहरीर पर करीमुद्दीनपुर पुलिस ने उपेंद्र के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है।
उपेंद्र गोमती नगर में ही किराए पर एक फ्लैट लेकर रहता था ताकि अपने कारनामों को आसानी से अंजाम दे सके। इस बीच उसका परिचय एक रिटायर्ड आईएएस से हो गया। नौकरी से रिटायर्ड वह अफसर अपनी ग्रेच्युटी और दूसरे मद के पैसे उपेंद्र को इस विश्वास के साथ दे दिए कि वह कारोबार में लगाकर लाभांश देगा लेकिन उपेंद्र ने उनका पैसा हड़प लिया।
एक न्यूज चैनल के यूपी हेड मनीष मिश्रा से भी उपेंद्र ने 26 लाख रुपये की ठगी किया। इस ठगी में उसकी साली सृष्टि राय ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उपेंद्र ने मनीष को फर्जी कागजातों को दिखाया और खुद को कमल कोच का निदेशक बता कर यह ठगी किया। मनीष की तहरीर पर लखनऊ के विभूति खंड थाना क्षेत्र में मुकदमा पंजीकृत हुआ है।
आमदनी चार लाख रुपये हैं। स्पष्ट है कि महीने में उसकी आमदनी तकरीबन 35 हजार रुपये ही हैं। दूसरी ओर वह आलीशान जिंदगी जीता है।

यह भी पढ़ें -  कोर्ट : पुलिस बल पर कातिलाना हमला करने के 21 वर्ष पुराने मामले में सपा विधायक विजया यादव के खिलाफ गवाही पूरी

गाजीपुर। कारोबारियों, पूर्व आईएएस अधिकारी समेत कई लोगों से कई करोड़ की ठगी करने वाले उपेंद्र राय की संपत्ति पर पुलिस प्रशासन कुर्की की कार्रवाई करने की तैयारी में है। करीमुद्दीनपुर थाना क्षेत्र के गोड़उर गांव स्थित उसके मकान पर 82 की नोटिस चस्पा होने के साथ 15 हजार का इनामी भी घोषित हो चुका है। पुलिस की तमाम प्रयासों के बाद अभी वह गिरफ्त से दूर है।

पुलिस अधीक्षक रोहन पी बोत्रे ने कहा कि उपेंद्र राय पर जनपद में दो मामले दर्ज हैं। ऐसे ही आधा दर्जन मामले अन्य शहरों में दर्ज हैं। अब तक वह भाग रहा है। उस पर कुर्की की कार्रवाई करने की तैयारी है। मालूम हो कि उपेंद्र राय पर लखनऊ, जयपुर, दिल्ली और दूसरे कई प्रदेशों में ठगी का आरोप है। वह कूट रचित दस्तावेजों में खुद को प्रभावी पद पर दिखाता है। परिजनों और रिश्तेदारों के रूप में उसका संगठित गिरोह इस काम में उसकी मदद करता है।

वहीं उपेंद्र के खिलाफ उसके फ्लैट की मालकिन रेखा रानी, खेती वाली पुश्तैनी जमीन बेचकर पैसा दिए गुमान सिंह, राहुल शर्मा, पुलिस इंस्पेक्टर अनिल सिंह, प्रदीप जायसवाल, राहुल शर्मा और पत्रकार मनीष मिश्र की तहरीर पर विभिन्न धाराओं में कई थानों में मुकदमा दर्ज है।

गोमती नगर के रहने वाले गुमान सिंह से उपेंद्र ने व्यवसायिक लाभ दिलाने के नाम पर मोटी रकम ऐंठ चुका है। गुमान सिंह ने अपनी पैतृक कृषि भूमि को बेचकर उसे पैसे दिए। लेकिन लाभ की बात कौन करे, उपेंद्र मूल धन भी हड़प कर लिया। गुमान जब उपेंद्र के गांव उसके आवास पर अपना पैसा मांगने गए तो परिजनों के साथ उपेंद्र उनसे न सिर्फ बदसलूकी पर उतर आया बल्कि गुमान सिंह की कनपटी से सटा कर फायर भी झोंक दिया था। गनीमत थी फायर मिस हो जाने से गुमान सिंह की जान बच गई। लेकिन वह उपेंद्र और उसके पिता के हमले में बुरी तरह जख्मी हो गए थे। पुलिस ने इस मामले में उपेंद्र सहित उसकी पत्नी मयूरी राय, पिता प्रदीप राय और मां वृंदा राय के खिलाफ अनुसूचित जाति जनजाति नृशंसता निवारण अधिनियम सहित कई गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है।

उपेंद्र राय ने विभूति खंड, लखनऊ के ओमेक्स बिल्डिंग में रेखा रानी से किराए पर फ्लैट लिया और फिर कब्जा कर लिया। फ्लैट खाली करने को कहने पर रेखा रानी के साथ भी बदसलूकी और मारपीट किया जिस मामले में उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ है।

इलेक्ट्रिक बसों की सप्लाई के नाम पर उपेंद्र कमल कोच वर्क्स प्राइवेट लिमिटेड का फर्जी तरीके से खुद को निदेशक दिखाता था। यही नहीं फर्जी रबर स्टांप भी तैयार कराया था। फर्जी निविदा में प्रतिभाग कराने का दस्तावेज भी उसने कूटराचित तरीके से तैयार किया और कई लोगों को ठग लिया। कमल कोच के निदेशक कुणाल कासलीवाल की तहरीर पर करीमुद्दीनपुर पुलिस ने उपेंद्र के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है।

उपेंद्र गोमती नगर में ही किराए पर एक फ्लैट लेकर रहता था ताकि अपने कारनामों को आसानी से अंजाम दे सके। इस बीच उसका परिचय एक रिटायर्ड आईएएस से हो गया। नौकरी से रिटायर्ड वह अफसर अपनी ग्रेच्युटी और दूसरे मद के पैसे उपेंद्र को इस विश्वास के साथ दे दिए कि वह कारोबार में लगाकर लाभांश देगा लेकिन उपेंद्र ने उनका पैसा हड़प लिया।

एक न्यूज चैनल के यूपी हेड मनीष मिश्रा से भी उपेंद्र ने 26 लाख रुपये की ठगी किया। इस ठगी में उसकी साली सृष्टि राय ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उपेंद्र ने मनीष को फर्जी कागजातों को दिखाया और खुद को कमल कोच का निदेशक बता कर यह ठगी किया। मनीष की तहरीर पर लखनऊ के विभूति खंड थाना क्षेत्र में मुकदमा पंजीकृत हुआ है।

आमदनी चार लाख रुपये हैं। स्पष्ट है कि महीने में उसकी आमदनी तकरीबन 35 हजार रुपये ही हैं। दूसरी ओर वह आलीशान जिंदगी जीता है।



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