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न्यूज डेस्क, अमर उजाला, वाराणसी
Published by: उत्पल कांत
Updated Sun, 06 Feb 2022 09:59 AM IST
सार
काशी के सीर गोवर्धन स्थित संत रविदास मंदिर में 130 किलो सोने की पालकी रखी हुई है। इसे 2008 में यूरोप के भक्तों ने संगत कर पंजाब के जालंधर में बनवाया था।
मंदिरों के शहर बनारस में जहां भगवान के मंदिर हैं तो वहीं उनके भक्तों के भी अनोखे मंदिर हैं। सीर गोवर्धन में संत रविदास की श्रम साधना ऐसी फलीभूत हुई कि वह श्रद्धालुओं के लिए स्वयं भगवान के रूप में पूजे जाते हैं।
श्रद्धालुओं की श्रद्धा ऐसी है कि उन्होंने अपने दान से गुरु की जन्मस्थली पर भव्य मंदिर बनाया और यह श्री काशी विश्वनाथ मंदिर के बाद काशी का दूसरा स्वर्ण मंदिर बन गया। दान में 130 किलो सोने की पालकी, 35 किलो सोने का दीपक, 35 किलो सोने की छतरी और 32 स्वर्ण कलश हैं।
सीर गोवर्धन में संत रविदास का मंदिर रैदासियों की आस्था का केंद्र है। इस मंदिर के शिखर का कलश और मंदिर में मौजूद संत रविदास की पालकी से लेकर छत्र तक सब कुछ सोने का है। पंजाब, हरियाणा, छत्तीसगढ़, राजस्थान, मध्य प्रदेश के अलावा विदेशों से भी आने वाले श्रद्धालुओं के दान से संत के मंदिर के शिखर को स्वर्ण मंडित कराया गया है।
पढ़ेंः वाराणसी के सीर में इमली का पेड़ बना रैदासियों की आस्था का केंद्र, बांधते हैं मन्नत का धागा
मंदिर के ट्रस्टी के एल सरोआ ने बताया कि संत रविदास मंदिर में 130 किलो सोने की पालकी रखी हुई है। इसे 2008 में यूरोप के भक्तों ने संगत कर पंजाब के जालंधर में बनवाया था। इसका अनावरण बसपा सुप्रीमो मायावती ने फरवरी 2008 में किया था। इस पालकी को साल में एक बार जयंती के दिन निकाला जाता है। इस मंदिर का निर्माण 1965 में हुआ था।
यहां पहला स्वर्ण कलश 1994 में संत गरीब दास ने संगत के सहयोग से चढ़ाया था। बाद में भक्तों ने इसे 32 स्वर्ण कलशों से सुशोभित किया। इसके अलावा 2012 में 35 किलो का सोने का स्वर्ण दीपक बनवाया गया। इसमें अखंड ज्योति जल रही है। इस दीपक में एक बार में पांच किलोग्राम घी भरा जाता है। इतना ही नहीं एक भक्त ने संगत कर मंदिर में 35 किलो सोने का छत्र भी लगाया है। कुल मिलाकर इस पूरे मंदिर में 200 किलो से ज्यादा सोना मौजूद है। जो हर साल भक्तों के दान से बढ़ता ही जा रहा है।
संत रविदास की जयंती 16 फरवरी को मनाई जाएगी। इसमें देश से ही नहीं विदेश से लाखों की संख्या में रविदास धर्म को मानने वाले लोग आते हैं। इस भीड़ में शामिल हैं कई ऐसे एनआरआई जो अपने आराध्य संत रविदास को सोना भेंट करते हैं।
सीर गोवर्धन गांव इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि यहां संत के दर्शन को पीएम नरेंद्र मोदी और अरविंद केजरीवाल के अलावा यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ, पूर्व सीएम मायावती और अखिलेश के अलावा कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी भी आ चुकी हैं।
विस्तार
मंदिरों के शहर बनारस में जहां भगवान के मंदिर हैं तो वहीं उनके भक्तों के भी अनोखे मंदिर हैं। सीर गोवर्धन में संत रविदास की श्रम साधना ऐसी फलीभूत हुई कि वह श्रद्धालुओं के लिए स्वयं भगवान के रूप में पूजे जाते हैं।
श्रद्धालुओं की श्रद्धा ऐसी है कि उन्होंने अपने दान से गुरु की जन्मस्थली पर भव्य मंदिर बनाया और यह श्री काशी विश्वनाथ मंदिर के बाद काशी का दूसरा स्वर्ण मंदिर बन गया। दान में 130 किलो सोने की पालकी, 35 किलो सोने का दीपक, 35 किलो सोने की छतरी और 32 स्वर्ण कलश हैं।
सीर गोवर्धन में संत रविदास का मंदिर रैदासियों की आस्था का केंद्र है। इस मंदिर के शिखर का कलश और मंदिर में मौजूद संत रविदास की पालकी से लेकर छत्र तक सब कुछ सोने का है। पंजाब, हरियाणा, छत्तीसगढ़, राजस्थान, मध्य प्रदेश के अलावा विदेशों से भी आने वाले श्रद्धालुओं के दान से संत के मंदिर के शिखर को स्वर्ण मंडित कराया गया है।
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