काशी तमिल संगमम के मंच पर कलाकारों की प्रस्तुति – फोटो : अमर उजाला
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काशी तमिल संगमम में तमिल भाषी और काशी के लोग हर-हर महादेव से एक दूसरे का अभिवादन करेंगे। माह भर तक चलने वाले आयोजन में तीन हजार तमिल भाषी काशी, अयोध्या और प्रयागराज की यात्रा करेंगे। चार दिनों की यात्रा के बाद जब वह अपने-अपने क्षेत्रों में लौटेंगे तो उनके साथ यूपी में हो रहे विकास कार्यों की कहानियां भी होंगी।
यह तमिल भाषी एक तरह से यूपी के ब्रांड एंबेसडर की भूमिका भी निभाएंगे। महीने भर तक काशी वासियों को मिनी तमिलनाडु का एहसास भी होगा। 23 सौ साल पहले से काशी और तमिल का संबंध था जो आज भी है। तमिल समाज के लोकसाहित्य में बाबा विश्वनाथ, मां गंगा और मोक्षदायिका नगरी का उल्लेख मिलता है।
पीएम मोदी की जनसभा में 10 से 12 हजार लोग रहेंगे
19 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी काशी तमिल संगमम का शुभारंभ करेंगे। बीएचयू एंफीथिएटर के मैदान पर पीएम के दो घंटे के प्रस्तावित कार्यक्रम के दौरान तमिल समाज के 215 प्रतिनिधि मौजूद रहेंगे। प्रधानमंत्री की जनसभा में दस से 12 हजार लोग मौजूद होंगे। इनके अलावा तमिल के कुछ चर्चित लोग भी जनसभा में उद्बोधन करेंगे।
बीएचयू परिसर में खाने-पीने और हस्तशिल्प के स्टॉल लगाने के लिए तमिलनाडु से लोग वाराणसी आ गए हैं। जनसभा के बाद काशी विश्वनाथ मंदिर, विशालाक्षी मंदिर, सारनाथ भ्रमण का कार्यक्रम है। इसके बाद मेहमान रविदास घाट से रो-रो बोट पर सवार होकर गंगा आरती देखेंगे और घाटों का भ्रमण करेंगे। दूसरे दिन सुबह छह से आठ बजे तक ग्रुप सुब्रह्मण्यम स्वामी के आवास पर जाएगा। इसके बाद सात ग्रुप बीएचयू में, तीन ग्रुप टीएफसी में और दो ग्रुप काशी विश्वनाथ मंदिर परिसर में संवाद करेंगे।
मंडलायुक्त कौशल राज शर्मा ने कहा कि संगमम में काशी आने वाले मेहमानों को बनारस में अपनी संस्कृति का अहसास होना चाहिए। कमिश्नरी सभागार में काशी वासियों से अपील कर कहा कि वह भी अपनी मेहमान नवाजी में कोई कोर कसर न छोड़ें। जिले के सभी ऑटो व ई-रिक्शा चालक, टूरिस्ट गाइड और नाविक सभी में स्वागत का भाव हो। भारत सरकार के भाषिणी ऐप से कुछ तमिल शब्द सीखें, ताकि भाषा की दिक्कत न हो।
काशी हिंदू विश्वविद्यालय के एंफीथिएटर मैदान पर आयोजित काशी-तमिल संगमम एक भारत श्रेष्ठ भारत की पीएम की परिकल्पना को मूर्त रूप देगा। सांस्कृतिक आदान-प्रदान के तहत कार्यक्रम के दौरान काशीवासी तमिल संस्कृति, खानपान, मंदिर, धरोहर, कला से रूबरू होंगे।
तमिलनाडु से आने वाले प्रतिनिधि काशी भ्रमण के दौरान काशी विश्वनाथ धाम, सारनाथ, टीएफसी के साथ ही अयोध्या में बन रहे भगवान राम के मंदिर को भी देखेंगे। वह तीर्थराज प्रयागराज में भी दर्शन पूजन करेंगे। एंफीथिएटर मैदान पर सजने वाले दर्जनों स्टॉल के माध्यम से काशीवासियों को तमिल संस्कृति को बेहद करीब से जानने का अवसर मिलेगा।
तमिलनाडु की संस्कृति से जुड़े सांस्कृतिक कार्यक्रमों में मुख्यत: मीनाक्षी चितरंजन का भरतनाट्यम, तमिलनाडु का फोक म्यूजिक, इरुला व अन्य ट्राइबल नृत्य, विल्लुपाट्ट एक प्राचीन संगीतमय कथा-कथन, पौराणिक ऐतिहासिक ड्रामा, शिव पुराण, रामायण और महाभारत पर आधारित कठपुतली शो आदि देखने को मिलेंगे। जो दर्शाएंगे कि काशी और तमिलनाडु की भाषा, खानपान, रहन सहन भले अलग हों, लेकिन अभिव्यक्ति का तरीका और इसकी आत्मा एक ही है।
एंफीथिएटर मैदान में तमिलनाडु की सांस्कृतिक विविधता को दर्शाने के लिए 75 स्टॉल आकार ले रहे हैं। इनमें तमिलनाडु के हैंडीक्राफ्ट और हैंडलूम से बने उत्पादों को प्रदर्शित किया जाएगा। फ्रीडम फाइटर्स पर आधारित एक प्रदर्शनी भी लगाई जाएगी। नेशनल बुक ट्रस्ट की प्रदर्शनी, सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ लैंग्वेज की ओर से प्रदर्शनी और पब्लिक कंवर्सेशन भी होगा। काशी तमिल संगमम में 51 सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन होगा। इसमें तमिलनाडु के करीब-करीब सभी रंग दिखेंगे।
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काशी तमिल संगमम में तमिल भाषी और काशी के लोग हर-हर महादेव से एक दूसरे का अभिवादन करेंगे। माह भर तक चलने वाले आयोजन में तीन हजार तमिल भाषी काशी, अयोध्या और प्रयागराज की यात्रा करेंगे। चार दिनों की यात्रा के बाद जब वह अपने-अपने क्षेत्रों में लौटेंगे तो उनके साथ यूपी में हो रहे विकास कार्यों की कहानियां भी होंगी।
यह तमिल भाषी एक तरह से यूपी के ब्रांड एंबेसडर की भूमिका भी निभाएंगे। महीने भर तक काशी वासियों को मिनी तमिलनाडु का एहसास भी होगा। 23 सौ साल पहले से काशी और तमिल का संबंध था जो आज भी है। तमिल समाज के लोकसाहित्य में बाबा विश्वनाथ, मां गंगा और मोक्षदायिका नगरी का उल्लेख मिलता है।
पीएम मोदी की जनसभा में 10 से 12 हजार लोग रहेंगे
19 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी काशी तमिल संगमम का शुभारंभ करेंगे। बीएचयू एंफीथिएटर के मैदान पर पीएम के दो घंटे के प्रस्तावित कार्यक्रम के दौरान तमिल समाज के 215 प्रतिनिधि मौजूद रहेंगे। प्रधानमंत्री की जनसभा में दस से 12 हजार लोग मौजूद होंगे। इनके अलावा तमिल के कुछ चर्चित लोग भी जनसभा में उद्बोधन करेंगे।