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उन्नाव। चुनाव ड्यूटी के लिए जिले से 48 बसें भेजे जाने के बाद से यात्रियों की समस्या बरकरार है। मंगलवार को लगातार तीसरे दिन लखनऊ और आसपास जाने वाले लोग परेशान रहे। लोडरों पर बैठकर सफर करना पड़ा। प्राइवेट वाहन चालकों ने मनमाना किराया वसूल किया। सड़कों पर बसों के इंतजार में लोग खड़े रहे।
जिले में कुल 79 बसों में से वर्तमान में अलग-अलग रूटों पर सिर्फ 31 बसें ही चल रही हैं। बसों की संख्या आधी से भी कम होने पर मुसाफिरों की मुश्किलें बढ़ गईं हैं। हाईवे पर लखनऊ, कानपुर जाने के लिए आवास विकास बाईपास तिराहे व गदनखेड़ा चौराहे, आजाद मार्ग सहित अन्य स्थानों पर लोगों को घंटों खड़े रहकर वाहनों का इंतजार करना पड़ा। हारकर कोई ट्रक से तो कोई लोडर से सफर करने पर मजबूर रहा। लखनऊ और कानपुर की ओर जा रहे निजी वाहन सवार लोगों से भी लोगों ने बात कर लिफ्ट ली। सबसे ज्यादा परेशानी महिलाओं को उठानी पड़ी। जो परिवार के साथ सफर निकले वह वाहन के इंतजार में घंटों परेशान रहे। पुरवा, मौरावां, बांगरमऊ, बीघापुर हरदोई जाने के लिए यात्रियों को वाहन नहीं मिले। उन्नाव से मौरावां का 40 रुपये किराया निर्धारित है। निजी बस चालकों ने 50 से 55 रुपये तक लिए। बांगरमऊ के लिए 50 की जगह 60 रुपये देने पड़े। चकलवंशी से बांगरमऊ का किराया 35 रुपये की जगह 45 रुपये लिया। चकलवंशी से सफीपुर तक जाने वाले टेंपो चालकों ने मंगलवार को बांगरमऊ तक फेरे लगाए और 50 रुपये किराया लिया।
क्षेेत्रीय प्रबंधक मो. अशफाक ने बताया कि यात्रियों को परेशानी न हो इसके लिए सभी रूटों पर बसों के फेरे बढ़ाए गए हैं। बताया कि दूसरे जिलों में चुनाव के लिए गई बसें 15 फरवरी की रात तक वापस आ जाएंगी।
लखनऊ कानपुर हाइवे पर भार वाहनों में बैठकर यात्रा करते लोग। संवाद– फोटो : UNNAO
बस न मिलने से लखनऊ जाने के लिए प्राइवेट वाहन से किराया तय करते यात्री। संवाद– फोटो : UNNAO
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