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उन्नाव। धान बेचने के दो माह बाद भी भुगतान न होने से किसानों की परेशानी बढ़ गई है। क्रय केंद्र पहुंचने पर उन्हें जल्द भुगतान मिलने की बात कहकर लौटाया जा रहा है। नियम के अनुसार किसानों के खातों में 72 घंटे में भुगतान पहुंच जाना चाहिए लेकिन सैकड़ों ऐसे किसान हैं जिनके खातों में डेढ़ से दो माह बाद भी उपज बिक्री का पैसा नहीं पहुंचा है। 3.27 करोड़ का भुगतान बकाया है।
जिले में एक नवंबर को धान खरीद शुरू हुई थी। प्रशासन ने खरीद के लिए 35 क्रय केंद्र खोले हैं। पूर्व में किसान कभी उठान न करने तो कभी बोरों की समस्या से जूझते रहे। अब भुगतान के लिए परेशान हो रहे हैं।
विपणन विभाग से मिले आंकड़ों के अनुसार 18 फरवरी तक 6287 किसानों से 32,639 एमटी धान की खरीदारी हुई है। उपज तो बिक गई लेकिन किसानों को भुगतान की रफ्तार धीमी है। 3.27 करोड़ का भुगतान शेष है। इसमें सबसे ज्यादा भुगतान पीसीएफ एजेंसी का 1.10 करोड़ लंबित है। जिसके भुगतान के लिए किसान कभी केंद्र तो कभी जिला खाद्य विपणन अधिकारी कार्यालय के चक्कर लगा रहे हैं।
केस-1
बीघापुर निवासी सत्यनारायण ने 9 दिसंबर 2021 को घाटमपुर में संचालित साधन सहकारी समिति में 27.6 क्विंटल धान बेचा था। भुगतान 53,544 बना लेकिन आज तक उनके खाते में भुगतान की राशि नहीं पहुंची।
केस-2
हसनगंज निवासी गुरदीन ने भी क्षेत्र में खुले धान क्रय केंद्र में जनवरी में उपज बेची थी। 23 क्विंटल धान का 44,260 रुपये भुगतान बना था। आज तक खाते में पैसा नहीं पहुंचा है। केंद्र पर जाने पर जल्द भुगतान मिलने की बात कहकर वापस भेज दिया जाता है।
वर्जन
किसानों के खातों में पैसा पहुंच रहा है। रोजाना खरीद हो रही है। जिन नए किसानों से खरीद होती है उनकी फीडिंग होते ही भुगतान लंबित श्रेणी में पहुंच जाता है। 72 घंटे में भुगतान कराने का पूरा प्रयास किया जा रहा है। 63 करोड़ के सापेक्ष 60 करोड़ का भुगतान कर दिया गया है। शेष तीन करोड़ का भी भुगतान जल्द कराने का प्रयास किया जा रहा है। – श्याम मिश्रा, जिला खाद्य विपणन अधिकारी।
उन्नाव। धान बेचने के दो माह बाद भी भुगतान न होने से किसानों की परेशानी बढ़ गई है। क्रय केंद्र पहुंचने पर उन्हें जल्द भुगतान मिलने की बात कहकर लौटाया जा रहा है। नियम के अनुसार किसानों के खातों में 72 घंटे में भुगतान पहुंच जाना चाहिए लेकिन सैकड़ों ऐसे किसान हैं जिनके खातों में डेढ़ से दो माह बाद भी उपज बिक्री का पैसा नहीं पहुंचा है। 3.27 करोड़ का भुगतान बकाया है।
जिले में एक नवंबर को धान खरीद शुरू हुई थी। प्रशासन ने खरीद के लिए 35 क्रय केंद्र खोले हैं। पूर्व में किसान कभी उठान न करने तो कभी बोरों की समस्या से जूझते रहे। अब भुगतान के लिए परेशान हो रहे हैं।
विपणन विभाग से मिले आंकड़ों के अनुसार 18 फरवरी तक 6287 किसानों से 32,639 एमटी धान की खरीदारी हुई है। उपज तो बिक गई लेकिन किसानों को भुगतान की रफ्तार धीमी है। 3.27 करोड़ का भुगतान शेष है। इसमें सबसे ज्यादा भुगतान पीसीएफ एजेंसी का 1.10 करोड़ लंबित है। जिसके भुगतान के लिए किसान कभी केंद्र तो कभी जिला खाद्य विपणन अधिकारी कार्यालय के चक्कर लगा रहे हैं।
केस-1
बीघापुर निवासी सत्यनारायण ने 9 दिसंबर 2021 को घाटमपुर में संचालित साधन सहकारी समिति में 27.6 क्विंटल धान बेचा था। भुगतान 53,544 बना लेकिन आज तक उनके खाते में भुगतान की राशि नहीं पहुंची।
केस-2
हसनगंज निवासी गुरदीन ने भी क्षेत्र में खुले धान क्रय केंद्र में जनवरी में उपज बेची थी। 23 क्विंटल धान का 44,260 रुपये भुगतान बना था। आज तक खाते में पैसा नहीं पहुंचा है। केंद्र पर जाने पर जल्द भुगतान मिलने की बात कहकर वापस भेज दिया जाता है।
वर्जन
किसानों के खातों में पैसा पहुंच रहा है। रोजाना खरीद हो रही है। जिन नए किसानों से खरीद होती है उनकी फीडिंग होते ही भुगतान लंबित श्रेणी में पहुंच जाता है। 72 घंटे में भुगतान कराने का पूरा प्रयास किया जा रहा है। 63 करोड़ के सापेक्ष 60 करोड़ का भुगतान कर दिया गया है। शेष तीन करोड़ का भी भुगतान जल्द कराने का प्रयास किया जा रहा है। – श्याम मिश्रा, जिला खाद्य विपणन अधिकारी।
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