किसानों ने रोकवाया गंगा एक्सप्रेसवे का निर्माण कार्य

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सोनिक। बैनामे में जमीन कम और कब्जा ज्यादा लेने का आरोप लगाकर किसानों ने गंगा एक्सप्रेसवे का निर्माण कार्य रुकवा दिया। सूचना पर पहुंचे निर्माण एजेंसी के अधिकारियों ने किसानों को समझाने का प्रयास किया हालांकि काम नहीं शुरू हो सका।
प्रदेश सरकार का महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट गंगा एक्सप्रेसवे का निर्माण कार्य बिछिया विकासखंड के अलगनगढ़ के आगे शुरू किया गया है। अभी भूमि का समतलीकरण किया जा रहा है लेकिन शुक्रवार को काफी किसानों ने मौके पर पहुंचकर हंगामा किया।
अलगनगढ़ निवासी कमलेश ने बताया कि उसके पास 12 बिसवा जमीन है। इसमें नौ बिसवा का बैनामा गंगा एक्सप्रेसवे के लिए किया गया है। जबकि मौके पर जब काम शुरू हुआ तो शेष तीन बिसवा भूमि पर भी एजेंसी ने पत्थर लगा दिया। किसान छेदी ने बताया कि जितनी भूमि ली गई है, उसमें भी दो लाख रुपये कम कर दिए गए हैं। इसके अलावा किसान बाबू लाल, सज्जन व सूर्य पाल ने बताया कि बैनामे से ज्यादा जगह ले रहे हैं लेकिन पैसा कम दिया है।
उधर ग्रुप के असिस्टेंट मैनेजर महर्षि दुबे ने बताया कि किसानों को कुछ समस्या थी। जिसकी जानकारी लेखपाल संजय शुक्ला को दी थी। कुछ किसानों की समस्या का समाधान हो गया है। शेष का भी जल्द समाधान कराने का प्रयास किया जा रहा है। कर्मचारियों से कहा गया है कि जो जगह विवादित नहीं है, वहां पर काम शुरू करें। बताया कि यूपीडा के परियोजना निदेशक सतीश कुमार ने भी साइट विजिट की है। समस्याएं दूर करके तेजी के साथ काम पूरा कराया जाएगा।

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सोनिक। बैनामे में जमीन कम और कब्जा ज्यादा लेने का आरोप लगाकर किसानों ने गंगा एक्सप्रेसवे का निर्माण कार्य रुकवा दिया। सूचना पर पहुंचे निर्माण एजेंसी के अधिकारियों ने किसानों को समझाने का प्रयास किया हालांकि काम नहीं शुरू हो सका।

प्रदेश सरकार का महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट गंगा एक्सप्रेसवे का निर्माण कार्य बिछिया विकासखंड के अलगनगढ़ के आगे शुरू किया गया है। अभी भूमि का समतलीकरण किया जा रहा है लेकिन शुक्रवार को काफी किसानों ने मौके पर पहुंचकर हंगामा किया।

अलगनगढ़ निवासी कमलेश ने बताया कि उसके पास 12 बिसवा जमीन है। इसमें नौ बिसवा का बैनामा गंगा एक्सप्रेसवे के लिए किया गया है। जबकि मौके पर जब काम शुरू हुआ तो शेष तीन बिसवा भूमि पर भी एजेंसी ने पत्थर लगा दिया। किसान छेदी ने बताया कि जितनी भूमि ली गई है, उसमें भी दो लाख रुपये कम कर दिए गए हैं। इसके अलावा किसान बाबू लाल, सज्जन व सूर्य पाल ने बताया कि बैनामे से ज्यादा जगह ले रहे हैं लेकिन पैसा कम दिया है।

उधर ग्रुप के असिस्टेंट मैनेजर महर्षि दुबे ने बताया कि किसानों को कुछ समस्या थी। जिसकी जानकारी लेखपाल संजय शुक्ला को दी थी। कुछ किसानों की समस्या का समाधान हो गया है। शेष का भी जल्द समाधान कराने का प्रयास किया जा रहा है। कर्मचारियों से कहा गया है कि जो जगह विवादित नहीं है, वहां पर काम शुरू करें। बताया कि यूपीडा के परियोजना निदेशक सतीश कुमार ने भी साइट विजिट की है। समस्याएं दूर करके तेजी के साथ काम पूरा कराया जाएगा।

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