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उन्नाव। जिले में 3.89 लाख लोगों ने दूसरी डोज नहीं लगवाई और 12.15 लाख लोगों ने बूस्टर डोज से किनारा कर लिया। स्वास्थ्य विभाग का दावा है कि तमाम प्रयासों के बाद भी लोग कोविड वैक्सीन लगवाने से बच रहे हैं।
जिले में करोना की पहली लहर मार्च 2020 में आई थी। लोगों को संक्रमण से बचाने के लिए कोविड अस्पतालों में भर्ती कर इलाज किया गया। बचाव के लिए टीकाकरण शुरू हुआ ताकि लोग संक्रमण की चपेट में अधिक न आएं। टीकाकरण के लिए जिले में 25,92,046 लोग चिह्नित थे। पहली लहर में कोविशील्ड और को वैक्सीन का पहला टीका लगाया गया।
लगातार बढ़ रहे संक्रमण को देखते हुए जिला अस्पताल के साथ सीएचसी पीएचसी और निजी अस्पतालों में टीकाकरण की दूसरी डोज फिर बूस्टर डोज लगनी शुरू हुई। लेकिन इन तीन सालों में टीकाकरण पूरा नहीं हो पाया। स्थिति यह है कि आज भी 3,89,630 लोग ऐसे हैं जिन्होंने कोरोना की दूसरी डोज नहीं लगवाई।
वहीं, बूस्टर डोज न लगवाने वालों में 1,215,586 लोग शामिल हैं। इसमें कोविशील्ड की दूसरी डोज लगवाने वालों में 1,04,85,76 और को वैक्सीन की दूसरी डोज लगवाने वाले 1,67,010 लोग हैं। सीएमओ डॉ. सत्यप्रकाश ने बताया कि टीकाकरण लगातार चल रहा है। लोगों को लगवाने के लिए प्रेरित भी किया जा रहा है। उसके बाद भी लोग लापरवाही बरत रहे हैं।
फोटो- 5,6 और 7
अस्पताल में ही नियमों का नहीं हो रहा पालन
ओपीडी में बुखार के पहुंचे 145 मरीज, रही भीड़
संवाद न्यूज एजेंसी
उन्नाव। जिला अस्पताल में सोमवार को ओपीडी में मरीजों की खासी भीड़ रही। यहां आए 795 मरीजों में अकेले बुखार के 145 मरीज रहे। गाइडलाइन के बाद भी अस्पताल में कोरोना से बचाव के प्रति लोग जागरूक नजर नहीं आए।
अस्पताल में पर्चा काउंटर से लेकर पैथोलॉजी और ओपीडी में मरीजों की भीड़ रही। लेकिन कहीं भी कोरोना से बचाव का पालन होते नहीं दिखा। लोगों ने न ही सामाजिक दूरी का पालन किया और न ही मास्क लगाए नजर आए। यही हाल महिला अस्पताल का रहा। यहां भी महिला मरीज गाइडलाइन का पालन करते नजर नहीं आईं।
सीएमएस डॉ. सुशील कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि कोरोना नियमों का पालन करने की गाइडलाइन जारी कर दी गई है। डॉक्टरों को भी सामजिक दूरी का पालन कराते हुए मरीज देखने के निर्देश हैं। साथ ही अस्पताल आने वालों को अस्पताल में लगे साउंड के माध्यम से मास्क लगाकर आने को प्रेरित किया जा रहा है।
उन्नाव। जिले में 3.89 लाख लोगों ने दूसरी डोज नहीं लगवाई और 12.15 लाख लोगों ने बूस्टर डोज से किनारा कर लिया। स्वास्थ्य विभाग का दावा है कि तमाम प्रयासों के बाद भी लोग कोविड वैक्सीन लगवाने से बच रहे हैं।
जिले में करोना की पहली लहर मार्च 2020 में आई थी। लोगों को संक्रमण से बचाने के लिए कोविड अस्पतालों में भर्ती कर इलाज किया गया। बचाव के लिए टीकाकरण शुरू हुआ ताकि लोग संक्रमण की चपेट में अधिक न आएं। टीकाकरण के लिए जिले में 25,92,046 लोग चिह्नित थे। पहली लहर में कोविशील्ड और को वैक्सीन का पहला टीका लगाया गया।
लगातार बढ़ रहे संक्रमण को देखते हुए जिला अस्पताल के साथ सीएचसी पीएचसी और निजी अस्पतालों में टीकाकरण की दूसरी डोज फिर बूस्टर डोज लगनी शुरू हुई। लेकिन इन तीन सालों में टीकाकरण पूरा नहीं हो पाया। स्थिति यह है कि आज भी 3,89,630 लोग ऐसे हैं जिन्होंने कोरोना की दूसरी डोज नहीं लगवाई।
वहीं, बूस्टर डोज न लगवाने वालों में 1,215,586 लोग शामिल हैं। इसमें कोविशील्ड की दूसरी डोज लगवाने वालों में 1,04,85,76 और को वैक्सीन की दूसरी डोज लगवाने वाले 1,67,010 लोग हैं। सीएमओ डॉ. सत्यप्रकाश ने बताया कि टीकाकरण लगातार चल रहा है। लोगों को लगवाने के लिए प्रेरित भी किया जा रहा है। उसके बाद भी लोग लापरवाही बरत रहे हैं।
फोटो- 5,6 और 7
अस्पताल में ही नियमों का नहीं हो रहा पालन
ओपीडी में बुखार के पहुंचे 145 मरीज, रही भीड़
संवाद न्यूज एजेंसी
उन्नाव। जिला अस्पताल में सोमवार को ओपीडी में मरीजों की खासी भीड़ रही। यहां आए 795 मरीजों में अकेले बुखार के 145 मरीज रहे। गाइडलाइन के बाद भी अस्पताल में कोरोना से बचाव के प्रति लोग जागरूक नजर नहीं आए।
अस्पताल में पर्चा काउंटर से लेकर पैथोलॉजी और ओपीडी में मरीजों की भीड़ रही। लेकिन कहीं भी कोरोना से बचाव का पालन होते नहीं दिखा। लोगों ने न ही सामाजिक दूरी का पालन किया और न ही मास्क लगाए नजर आए। यही हाल महिला अस्पताल का रहा। यहां भी महिला मरीज गाइडलाइन का पालन करते नजर नहीं आईं।
सीएमएस डॉ. सुशील कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि कोरोना नियमों का पालन करने की गाइडलाइन जारी कर दी गई है। डॉक्टरों को भी सामजिक दूरी का पालन कराते हुए मरीज देखने के निर्देश हैं। साथ ही अस्पताल आने वालों को अस्पताल में लगे साउंड के माध्यम से मास्क लगाकर आने को प्रेरित किया जा रहा है।
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