खौफनाक मंजर: हर तरफ था खून ही खून, कांप उठा कलेजा, मेडिकल में भर्ती झुलसे लोगों ने सुनाई आपबीती 

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हापुड़ जिले के धौलाना औद्योगिक क्षेत्र में पुलिस चौकी से मात्र 250 मीटर और सीएनजी पंप से 500 मीटर की दूरी पर अवैध रूप से चल रही पटाखा फैक्टरी में शनिवार दोपहर ढाई बजे भीषण विस्फोट हो गया। हादसे में 12 मजदूरों की मौत हो गई और 21 बुरी तरह झुलस गए। इनमें से पांच की हालत गंभीर है। इलेक्ट्रॉनिक उपकरण बनाने के लाइसेंस पर चलाई जा रही फैक्टरी में बारुद के ढेर में अन्य रसायन मिलाए जाते समय हुआ धमाका इतना जबरदस्त था कि पूरी इमारत जमींदोज हो गई और भीषण आग लग गई। मृतकों की दूसरे दिन भी शिनाख्त नहीं हो पाई है। पांच सौ वर्ग मीटर की फैक्टरी परिसर में टिन शेड के नीचे अवैध रूप से पटाखे बनाने का काम पिछले तीन महीने से चल रहा था और आसपास के फैक्टरी संचालकों को इसकी भनक तक नहीं थी।

फैक्टरी में आग लगते ही काम कर रहे मजदूर हवा में उड़कर फैक्टरी से बाहर जाकर गिरे। धमाका इतना जोरदार था कि पूरा गांव दहल उठा। हर तरफ चीख-पुकार मची थी। जिधर देखो उधर खून ही खून बिखरा था। इस खौफनाक मंजर को देख हर किसी का कलेजा कांप उठा। धमाके के बाद अफरातफरी मच गई। धौलाना की फैक्टरी में झुलसे मेरठ मेडिकल की इमरजेंसी में भर्ती लोगों ने इस हादसे की आपबीती सुनाई। 

पड़ोस में काम करने वाले फैक्टरी संचालकों ने बताया कि फैक्टरी में करीब तीन साल पहले इलेक्ट्रॉनिक उपकरण बनाने का काम होता था। मेरठ निवासी दिलशाद खान की रूही इंडस्ट्रीज के नाम से फर्म है और इसी नाम से रजिस्टर्ड है। 

फैक्टरी में एक हॉल और छोटे कमरे के अलावा पूरे परिसर में बड़े टिन शेड के नीचे काम चल रहा था। अचानक हुए विस्फोट के बाद यह टिन शेड जमींदोज हो गया। फैक्टरी परिसर में कोई आग बुझाने का सिलिंडर तक नहीं था। अंदाजा लगाया जा रहा था। यहां केवल खिलौना बंदूक की गोली में बारूद भरने का काम किया जाता था, जो पूरी तरह हाथ से किया जाता था। जिसके कारण यह हादसा हुआ। 

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18 वर्षीय रिहान ने बताया कि धमाका इतना तेज था कि फैक्ट्री की छत उड़ गई और दीवार फट गई। सब कुछ तीन मिनट में खत्म हो गया। उसने बताया कि वह दो दिन पहले ही फैक्ट्री पर काम पर लगा था।

दूसरे बेड पर लेटे मनोज ने बताया कि दोपहर को खाना ही खाया था कि अचानक तेज धमाका हुआ। अगर फैक्ट्री की छत और दीवार नहीं उड़ती तो जलकर राख हो जाते। सभी मजदूर बिहार और लखीमपुर खीरी के रहने वाले बताए जा रहे हैं। 

मेडिकल इमरजेंसी में 95 से 100 प्रतिशत भी जले हुए हैं कई मजदूर

धौलाना की फैक्टरी में झुलसे 11 लोगों को मेडिकल की इमरजेंसी में लाया गया। इनमें से दो को मृत घोषित कर दिया गया, जबकि नौ का उपचार चल रहा है। इनमें से दो 95 से 100 प्रतिशत जबकि एक 60 से 70 प्रतिशत जला है। इमरजेंसी मेडिकल ऑफिसर डॉ. हर्षवर्धन ने बताया कि बेहतर उपचार का प्रयास कर रहे हैं। तीन लोग गंभीर हैं। 

उपचाराधीन          झुलने का प्रतिशत

शिवम (28)             95-100

सरोज  (26)             95-100

एजाज (27)              60-70

बाबू     (28)            10-15

चांद     (16)             20-25

राजेश  (21)              एक से पांच

रिहान   (18)             एक से पांच

मनोज   (18)            एक से पांच

जैनब    (22)             एक से पांच

मृत घोषित (95 से 100 प्रतिशत जले हुए)

दिलशाद (18)

अज्ञान (30)

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