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फैक्टरी में आग लगते ही काम कर रहे मजदूर हवा में उड़कर फैक्टरी से बाहर जाकर गिरे। धमाका इतना जोरदार था कि पूरा गांव दहल उठा। हर तरफ चीख-पुकार मची थी। जिधर देखो उधर खून ही खून बिखरा था। इस खौफनाक मंजर को देख हर किसी का कलेजा कांप उठा। धमाके के बाद अफरातफरी मच गई। धौलाना की फैक्टरी में झुलसे मेरठ मेडिकल की इमरजेंसी में भर्ती लोगों ने इस हादसे की आपबीती सुनाई।
फैक्टरी में एक हॉल और छोटे कमरे के अलावा पूरे परिसर में बड़े टिन शेड के नीचे काम चल रहा था। अचानक हुए विस्फोट के बाद यह टिन शेड जमींदोज हो गया। फैक्टरी परिसर में कोई आग बुझाने का सिलिंडर तक नहीं था। अंदाजा लगाया जा रहा था। यहां केवल खिलौना बंदूक की गोली में बारूद भरने का काम किया जाता था, जो पूरी तरह हाथ से किया जाता था। जिसके कारण यह हादसा हुआ।
दूसरे बेड पर लेटे मनोज ने बताया कि दोपहर को खाना ही खाया था कि अचानक तेज धमाका हुआ। अगर फैक्ट्री की छत और दीवार नहीं उड़ती तो जलकर राख हो जाते। सभी मजदूर बिहार और लखीमपुर खीरी के रहने वाले बताए जा रहे हैं।
मेडिकल इमरजेंसी में 95 से 100 प्रतिशत भी जले हुए हैं कई मजदूर
धौलाना की फैक्टरी में झुलसे 11 लोगों को मेडिकल की इमरजेंसी में लाया गया। इनमें से दो को मृत घोषित कर दिया गया, जबकि नौ का उपचार चल रहा है। इनमें से दो 95 से 100 प्रतिशत जबकि एक 60 से 70 प्रतिशत जला है। इमरजेंसी मेडिकल ऑफिसर डॉ. हर्षवर्धन ने बताया कि बेहतर उपचार का प्रयास कर रहे हैं। तीन लोग गंभीर हैं।
उपचाराधीन झुलने का प्रतिशत
शिवम (28) 95-100
सरोज (26) 95-100
एजाज (27) 60-70
बाबू (28) 10-15
चांद (16) 20-25
राजेश (21) एक से पांच
रिहान (18) एक से पांच
मनोज (18) एक से पांच
जैनब (22) एक से पांच
मृत घोषित (95 से 100 प्रतिशत जले हुए)
दिलशाद (18)
अज्ञान (30)
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