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उन्नाव। पतारी गांव में कच्ची छत दीवार समेत ढहने से दो मासूम भाइयों की मौत ने सभी को दहला दिया। घटना के दूसरे दिन भी गांव में गम का माहौल रहा। गोद सूनी होने से मां बदहवास दिखी।
गांव से एक किमी दूर बरकोता झील के पास दोनों बच्चों को आसपास मिट्टी में दबाकर उनका अंतिम संस्कार किया गया। सिटी मजिस्ट्रेट ने दैवीय आपदा कोष से परिवार को शीघ्र आर्थिक मदद दिलाने की बात कही है।
पतारी गांव निवासी मुकेश के घर के पीछे वाले कमरे की कच्ची छत बुधवार देर रात दीवार समेत भरभराकर गिर गई थी। हादसे में उसके दो बेटे हर्षित व हार्दिक की मलबे में दबकर मौत हो गई। मां सोनी बाल-बाल बच गईं थीं। गोद सूनी होने के गम में मां बदहवास है।
उन्नाव। पतारी गांव में कच्ची छत दीवार समेत ढहने से दो मासूम भाइयों की मौत ने सभी को दहला दिया। घटना के दूसरे दिन भी गांव में गम का माहौल रहा। गोद सूनी होने से मां बदहवास दिखी।
गांव से एक किमी दूर बरकोता झील के पास दोनों बच्चों को आसपास मिट्टी में दबाकर उनका अंतिम संस्कार किया गया। सिटी मजिस्ट्रेट ने दैवीय आपदा कोष से परिवार को शीघ्र आर्थिक मदद दिलाने की बात कही है।
पतारी गांव निवासी मुकेश के घर के पीछे वाले कमरे की कच्ची छत बुधवार देर रात दीवार समेत भरभराकर गिर गई थी। हादसे में उसके दो बेटे हर्षित व हार्दिक की मलबे में दबकर मौत हो गई। मां सोनी बाल-बाल बच गईं थीं। गोद सूनी होने के गम में मां बदहवास है।
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