गोरखपुर: BGMI गेम फिशिंग लिंक के जरिए अकाउंट हैक करने वाले दो गिरफ्तार, सोशल मीडिया एक्सेस कर करते थे बदनाम

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गोरखपुर समाचार।

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– फोटो : अमर उजाला।

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भारत में प्रतिबंधित गेम बीजीएमआई (बैटल ग्राउंड मोबाइल इंडिया) की मदद से प्राइवेट सोशल अकाउंट को हैक कर वसूली करने वाले गिरोह के दो सदस्यों को पुलिस ने बृहस्पतिवार को गिरफ्तार कर लिया। दोनों गेम के फिशिंग लिंक को भेजकर अकाउंट को हैक करने के बाद बदनाम करने की धमकी देकर रुपये वसूलते थे। दूसरे गेम का लिंक बेचकर भी रुपये कमाते थे। पुलिस ने दोनों आरोपियों को कोर्ट में पेश किया, जहां से जेल भेजा गया। गिरफ्तारी करने वाली रामगढ़ताल पुलिस व साइबर सेल को एसएसपी ने 25 हजार रुपये का इनाम भी दिया।

पकड़े गए आरोपियों की पहचान पश्चिम बंगाल के परगना निवासी अविजीत हल्धर व देवरिया के कोतवाली इलाके के विवेकानंद कॉलोनी निवासी अंश बरनवाल के रूप में हुई है। एसपी सिटी कृष्ण कुमार बिश्नोई व एसपी क्राइम इंदु प्रभा सिंह ने संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस कर पकड़े गए आरोपियों के बारे में जानकारी दी।

एसपी सिटी ने बताया कि 12 अक्तूबर 2022 को आदित्य नामक व्यक्ति ने रामगढ़ताल थाने में तहरीर देकर बताया कि उसकी ट्विटर आईडी व गेम अकाउंट हैक कर रुपयों की मांग की जा रही है। न देने पर पर्सनल फोटो वायरल करने की धमकी दी जा रही। तहरीर पर पुलिस ने केस दर्ज किया। मामले में साइबर सेल व रामगढ़ताल पुलिस रूप से लगी थी। जांच में सामने आया कि अंश बरनवाल ने उसे धमकी दी है। इसे पकड़ने के बाद दूसरे साथी का नाम सामने आया है और उसे दबोच लिया गया।

 

फिशिंग लिंक को अलग-अलग सोशल साइट (ट्वीटर, फेसबुक, इंट्राग्राम, गेम पोर्टल) पर भेजकर लोगों को फंसाया जाता था। उस फिशिंग लिंक पर जो कोई भी क्लिक कर अपना सोशल मीडिया अकाउंट की आईडी और पासवर्ड डालता था, वह जालसाजों को मिल जाता था। पासवर्ड व आईडी मिलते ही अविजीत उस आईडी का यूजर आईडी, पासवर्ड, लिंक मोबाइल नंबर और ईमेल आईडी बदल देता था। उसकी पहचान बदलकर अपनी ईमेल आईडी लिंक कर देता था। सभी जानकारी बदलने के बाद असली यूजर को बदनाम करने की धमकी दी जाती थी। रुपये लेकर यूजर को उसकी आईडी वापस की जाती थी।

इंडोनेशिया के प्रिंस से लेते थे फिशिंग लिंक
दोनों खुद फिशिंग लिंक बेचने के साथ ही खरीदते भी थे। दोनों इंडोनेशिया के प्रिंस नामक युवक से 380 रुपये में फिशिंग लिंक लेते थे। ये लोग एक दिन में 15 से 20 लोगों के साथ इस गेम के माध्यम से ठगी करते थे। एसपी ने बताया कि इन लोगों के द्वारा गेम को एक्सेस करने के बाद अकाउंट होल्डर का सारी व्यक्तिगत जानकारी इनके पास पहुंच जाती थी। एक व्यक्ति से ये 60 से 70 हजार रुपये तक वसूलते थे। पुलिस के अनुसार भारत के पब जी और बीजीएमआई गेम एप बैन है।

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साइबर अपराध से बचने के लिए बरतें ये सावधानियां

  • किसी भी अवांछित लिंक पर क्लिक न करें।
  • रिवॉर्ड प्वाइंट, रॉयल पास, एयर ड्राप आदि के लिए दिए गए किसी लिंक पर क्लिक न करें।
  • सोशल मीडिया साइट्स का पासवर्ड स्ट्रांग रखे व टू फैक्टर ऑथेन्टिंकेशन को हमेशा ऑन रखें।
  • रिकवरी ईमेल आईडी व मोबाइल नंबर को अपडेट रखें।
  • अपनी पेमेंट क्यूआर कोड व यूपीआई आईडी व एकाउंट का एक्सेस किसी अंजान को सोशल मीडिया पर कभी न दें।
  • साइबर अपराध होने पर तत्काल हेल्पलाइन नंबर 1930 पर कॉल करें।

 
एसपी सिटी कृष्ण कुमार बिश्नोई ने कहा कि बीजीएमआई, पब जी जैसे गेम भारत में प्रतिबंधित हैं। इन्हें खेलना अपराध की श्रेणी में आता है। प्रतिबंधित गेम के लिंक की मदद से ही जालसाज अपराध कर रहे हैं, ताकि लोग डरकर शिकायत न दर्ज कराएं। सावधानी बरतें और इस तरह के लिंक और गेम से दूरी बनाएं। अगर आपके साथ जालसाजी हुई तो तत्काल सूचना देनी चाहिए।

 

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भारत में प्रतिबंधित गेम बीजीएमआई (बैटल ग्राउंड मोबाइल इंडिया) की मदद से प्राइवेट सोशल अकाउंट को हैक कर वसूली करने वाले गिरोह के दो सदस्यों को पुलिस ने बृहस्पतिवार को गिरफ्तार कर लिया। दोनों गेम के फिशिंग लिंक को भेजकर अकाउंट को हैक करने के बाद बदनाम करने की धमकी देकर रुपये वसूलते थे। दूसरे गेम का लिंक बेचकर भी रुपये कमाते थे। पुलिस ने दोनों आरोपियों को कोर्ट में पेश किया, जहां से जेल भेजा गया। गिरफ्तारी करने वाली रामगढ़ताल पुलिस व साइबर सेल को एसएसपी ने 25 हजार रुपये का इनाम भी दिया।

पकड़े गए आरोपियों की पहचान पश्चिम बंगाल के परगना निवासी अविजीत हल्धर व देवरिया के कोतवाली इलाके के विवेकानंद कॉलोनी निवासी अंश बरनवाल के रूप में हुई है। एसपी सिटी कृष्ण कुमार बिश्नोई व एसपी क्राइम इंदु प्रभा सिंह ने संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस कर पकड़े गए आरोपियों के बारे में जानकारी दी।

एसपी सिटी ने बताया कि 12 अक्तूबर 2022 को आदित्य नामक व्यक्ति ने रामगढ़ताल थाने में तहरीर देकर बताया कि उसकी ट्विटर आईडी व गेम अकाउंट हैक कर रुपयों की मांग की जा रही है। न देने पर पर्सनल फोटो वायरल करने की धमकी दी जा रही। तहरीर पर पुलिस ने केस दर्ज किया। मामले में साइबर सेल व रामगढ़ताल पुलिस रूप से लगी थी। जांच में सामने आया कि अंश बरनवाल ने उसे धमकी दी है। इसे पकड़ने के बाद दूसरे साथी का नाम सामने आया है और उसे दबोच लिया गया।

 



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