घर की दहलीज पहुंचते ही नम हो गईं आंखें

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उन्नाव । यूक्रेन में मेडिकल की पढ़ाई कर रहे शहर के शाहगंज निवासी अंशू शर्मा की गुरुवार को घर वापसी होई। दहशत और मौत के खौफ में छह दिन बिताने के बाद घर पहुंचे अंशू ने जैसे ही दहलीज लांघी, उसके आंसू छलक पड़े। माता-पिता ने इकलौते बेटे को गले से लगाया तो उनकी आंखों से भी आंसू बह निकले। सभी ने केंद्र सरकार की तारीफ की।
शाहगंज निवासी आईटीआई शिक्षक गौरी शंकर शर्मा का पुत्र अंशू शर्मा यूक्रेन के इवानो फ्रेंकीवेस्क में मेडिकल कॉलेज का छात्र है। अंशू तीन साल से वहीं पर है। हमले के बाद अंशू इवानो फ्रेंकीवेस्क से निकल पड़ा। उसने पांच दिन बमबारी के बीच गुजारे। गुरुवार दोपहर करीब 1 बजे जब वह यूक्रेन से घर लौटा तो माता-पिता के खुशी से आंलू छलक उठे।
अंशू ने बताया कि वह इवानो फ्रेंकीवेक्स में किराये के फ्लैट में रहता है। 24 फरवरी को भारतीय समयानुसार सुबह 7:30 बजे अचानक रूसी फाइटर प्लेनों ने शहर में बम बरसाने शुरू कर दिए। पांच मिसाइलें भी गिराईं। आनन-फानन भारतीय दूतावास से संपर्क किया तो वहीं सुरक्षित रहने और अगले आदेश का इंतजार करने को कहा गया। वह और उसके साथी बंकर में चले गए। अगले दिन उसे शहर से निकलने को कहा गया। तीस साथियों के साथ मिलकर एक बस बुक की। बस से 300 किमी दूर रोमानिया सीमा पहुंचा। बताया कि उनके साथ कुछ पाकिस्तानी और नाइजीरिया के छात्र भी भारत का झंडा लेकर बस में बैठ गए। जानकारी होने के बाद भी उनकी जान बचाने के लिए अपने साथ रखा।
अंशू बस से रोमानिया की सीमा पर 27 फरवरी को रात 1:30 बजे पहुंचा। बताया कि रोमानिया की सीमा पर इतनी भीड़ थी कि कई बार भगदड़ मची। सभी यूक्रेन की सीमा से हटकर रोमानिया में दाखिल होने लगे। कुछ नाइजीरिया के छात्रों ने सीमा पर गेट को लांघने का कोशिश की। यूक्रेन के सैनिकों ने हवाई फायरिंग की जिससे दहशत फैल गई। बताया कि वहां दो हजार भारतीय छात्र-छात्रों की भीड़ थी। दो दिन के बाद उसे रोमानिया के भीतर एक शेल्टर होम में जगह मिली। जहां पर भारतीय मूल के तुषार गुप्ता और विराज गुप्ता ने खाना-पीना, कपड़े और अन्य सभी जरूरत की चीजों की व्यवस्था की।
अंशू ने बताया कि 2 मार्च को नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने उससे मुलाकात की तथा पूरी जानकारी ली। दोपहर करीब 5:25 बजे भारतीय वायु सेना के मालवाहक हवाई जहाज सी-16 से उसकी रवानगी हुई। बताया कि भारतीय छात्र-छात्राओं को लाने के लिए ग्लोब मास्टर, सी-17, सी-18, सी-15 हवाई जहाज पहुंच गए हैं। गुरुवार सुबह 1:30 बजे वह नई दिल्ली पहुंचा जहां से कार द्वारा यूपी भवन लाया गया। इसके बाद कार में पांच छात्रों को उनके घरों के लिए भेज दिया गया।
एक सवाल के जवाब में अंशू ने बताया कि उसे हर हाल में यू्क्रेन में मेडिकल की पढ़ाई करनी होगी। अभी छह माह तो वह घर पर ही रहेगा लेकिन उसके बाद हालात ठीक होने पर वह यूक्रेन जाएगा। कारण यूक्रेन में यदि वह पढ़ाई पूरी नहीं करता है तो भारत में वह चिकित्सकीय सेवा नहीं कर सकेगा। इसके पीछे उसने केंद्र सरकार के कानून का हवाला दिया। बताया कि पढ़ाई पूरी किए बिना वह अन्य किसी मेडिकल कॉलेज में दाखिला भी नहीं ले सकता है।
औरास। दिपवल गांव निवासी जितेंद्र सिंह की बड़ी बेटी ह्रिति सिंह सुरक्षित रूप से पोलैंड पहुंच गई। पिता जितेंद्र सिंह के मुताबिक, उसका रजिस्ट्रेशन भी हो गया है। संभवत: आज रात या फिर कल उसे इंडिया के लिए एयर लिफ्ट किया जाएगा। उन्होंने बताया वह बेटी को रिसीव करने दिल्ली जा रहे हैं।
पुरवा। नगर के मोहल्ला पश्चिम टोला की श्रुति वतन वापसी की राह पर हैं। गुरुवार सुबह 4:10 बजे वह ट्रेन से रोमानिया बार्डर के लिए निकली। श्रुति ने दादी चेल्लम्मा को बताया कि 12 से 14 घंटे में ल्वीव, यूक्रेन पहुंचेगी। जिसके बाद रोमानिया या हंगरी बॉर्डर मिलेगा। चेल्लम्मा ने बताया कि सुबह मैसेज आया था जिसके बाद बात नहीं हो सकी है। वहीं तहसीलदार विराग करवरिया, नायब तहसीलदार अमृतलाल व राजस्व निरीक्षक अभिनव सिंह चौहान श्रुति के घर पहुंचे और ताजा अपडेट लिया।
पाटन। यूक्रेन में कई दिन फंसे रहे आशुतोष घर वापसी कर रहे हैं। गुरुवार शाम आशुतोष के ग्राम धनकोली के मजरे नयाखेड़ा स्थित घर तहसीलदार दिलीप कुमार पहुंचे। यहां उन्होंने आशुतोष के चाचा अनिल सिंह से जानकारी ली। तहसीलदार ने बताया कि आशुतोष गुरुवार सुबह करीब 10 बजे दिल्ली एयरपोर्ट पहुंच गया है। जहां उसे पहले यूपी भवन में ठहराया गया और फिर शासकीय वाहन से कानपुर भेजा गया। आशुतोष कानपुर में ही अपनी माता व बड़े भाई अशीष के पास रुकेगा। तहसीलदार के साथ क्षेत्रीय लेखपाल पंकज मिश्रा भी मौजूद रहे।

यह भी पढ़ें -  उन्नाव : गुरु पूर्णिना मनाई

उन्नाव । यूक्रेन में मेडिकल की पढ़ाई कर रहे शहर के शाहगंज निवासी अंशू शर्मा की गुरुवार को घर वापसी होई। दहशत और मौत के खौफ में छह दिन बिताने के बाद घर पहुंचे अंशू ने जैसे ही दहलीज लांघी, उसके आंसू छलक पड़े। माता-पिता ने इकलौते बेटे को गले से लगाया तो उनकी आंखों से भी आंसू बह निकले। सभी ने केंद्र सरकार की तारीफ की।

शाहगंज निवासी आईटीआई शिक्षक गौरी शंकर शर्मा का पुत्र अंशू शर्मा यूक्रेन के इवानो फ्रेंकीवेस्क में मेडिकल कॉलेज का छात्र है। अंशू तीन साल से वहीं पर है। हमले के बाद अंशू इवानो फ्रेंकीवेस्क से निकल पड़ा। उसने पांच दिन बमबारी के बीच गुजारे। गुरुवार दोपहर करीब 1 बजे जब वह यूक्रेन से घर लौटा तो माता-पिता के खुशी से आंलू छलक उठे।

अंशू ने बताया कि वह इवानो फ्रेंकीवेक्स में किराये के फ्लैट में रहता है। 24 फरवरी को भारतीय समयानुसार सुबह 7:30 बजे अचानक रूसी फाइटर प्लेनों ने शहर में बम बरसाने शुरू कर दिए। पांच मिसाइलें भी गिराईं। आनन-फानन भारतीय दूतावास से संपर्क किया तो वहीं सुरक्षित रहने और अगले आदेश का इंतजार करने को कहा गया। वह और उसके साथी बंकर में चले गए। अगले दिन उसे शहर से निकलने को कहा गया। तीस साथियों के साथ मिलकर एक बस बुक की। बस से 300 किमी दूर रोमानिया सीमा पहुंचा। बताया कि उनके साथ कुछ पाकिस्तानी और नाइजीरिया के छात्र भी भारत का झंडा लेकर बस में बैठ गए। जानकारी होने के बाद भी उनकी जान बचाने के लिए अपने साथ रखा।

अंशू बस से रोमानिया की सीमा पर 27 फरवरी को रात 1:30 बजे पहुंचा। बताया कि रोमानिया की सीमा पर इतनी भीड़ थी कि कई बार भगदड़ मची। सभी यूक्रेन की सीमा से हटकर रोमानिया में दाखिल होने लगे। कुछ नाइजीरिया के छात्रों ने सीमा पर गेट को लांघने का कोशिश की। यूक्रेन के सैनिकों ने हवाई फायरिंग की जिससे दहशत फैल गई। बताया कि वहां दो हजार भारतीय छात्र-छात्रों की भीड़ थी। दो दिन के बाद उसे रोमानिया के भीतर एक शेल्टर होम में जगह मिली। जहां पर भारतीय मूल के तुषार गुप्ता और विराज गुप्ता ने खाना-पीना, कपड़े और अन्य सभी जरूरत की चीजों की व्यवस्था की।

अंशू ने बताया कि 2 मार्च को नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने उससे मुलाकात की तथा पूरी जानकारी ली। दोपहर करीब 5:25 बजे भारतीय वायु सेना के मालवाहक हवाई जहाज सी-16 से उसकी रवानगी हुई। बताया कि भारतीय छात्र-छात्राओं को लाने के लिए ग्लोब मास्टर, सी-17, सी-18, सी-15 हवाई जहाज पहुंच गए हैं। गुरुवार सुबह 1:30 बजे वह नई दिल्ली पहुंचा जहां से कार द्वारा यूपी भवन लाया गया। इसके बाद कार में पांच छात्रों को उनके घरों के लिए भेज दिया गया।

एक सवाल के जवाब में अंशू ने बताया कि उसे हर हाल में यू्क्रेन में मेडिकल की पढ़ाई करनी होगी। अभी छह माह तो वह घर पर ही रहेगा लेकिन उसके बाद हालात ठीक होने पर वह यूक्रेन जाएगा। कारण यूक्रेन में यदि वह पढ़ाई पूरी नहीं करता है तो भारत में वह चिकित्सकीय सेवा नहीं कर सकेगा। इसके पीछे उसने केंद्र सरकार के कानून का हवाला दिया। बताया कि पढ़ाई पूरी किए बिना वह अन्य किसी मेडिकल कॉलेज में दाखिला भी नहीं ले सकता है।

औरास। दिपवल गांव निवासी जितेंद्र सिंह की बड़ी बेटी ह्रिति सिंह सुरक्षित रूप से पोलैंड पहुंच गई। पिता जितेंद्र सिंह के मुताबिक, उसका रजिस्ट्रेशन भी हो गया है। संभवत: आज रात या फिर कल उसे इंडिया के लिए एयर लिफ्ट किया जाएगा। उन्होंने बताया वह बेटी को रिसीव करने दिल्ली जा रहे हैं।

पुरवा। नगर के मोहल्ला पश्चिम टोला की श्रुति वतन वापसी की राह पर हैं। गुरुवार सुबह 4:10 बजे वह ट्रेन से रोमानिया बार्डर के लिए निकली। श्रुति ने दादी चेल्लम्मा को बताया कि 12 से 14 घंटे में ल्वीव, यूक्रेन पहुंचेगी। जिसके बाद रोमानिया या हंगरी बॉर्डर मिलेगा। चेल्लम्मा ने बताया कि सुबह मैसेज आया था जिसके बाद बात नहीं हो सकी है। वहीं तहसीलदार विराग करवरिया, नायब तहसीलदार अमृतलाल व राजस्व निरीक्षक अभिनव सिंह चौहान श्रुति के घर पहुंचे और ताजा अपडेट लिया।

पाटन। यूक्रेन में कई दिन फंसे रहे आशुतोष घर वापसी कर रहे हैं। गुरुवार शाम आशुतोष के ग्राम धनकोली के मजरे नयाखेड़ा स्थित घर तहसीलदार दिलीप कुमार पहुंचे। यहां उन्होंने आशुतोष के चाचा अनिल सिंह से जानकारी ली। तहसीलदार ने बताया कि आशुतोष गुरुवार सुबह करीब 10 बजे दिल्ली एयरपोर्ट पहुंच गया है। जहां उसे पहले यूपी भवन में ठहराया गया और फिर शासकीय वाहन से कानपुर भेजा गया। आशुतोष कानपुर में ही अपनी माता व बड़े भाई अशीष के पास रुकेगा। तहसीलदार के साथ क्षेत्रीय लेखपाल पंकज मिश्रा भी मौजूद रहे।

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