चंबल की बाढ़ में डूबे अरमान: आंखों में आंसू… तबाही का मंजर, 38 गांवों के 25 हजार से अधिक लोग प्रभावित

0
17

[ad_1]

चंबल में आई बाढ़ के बाद आगरा जिले के बाह, पिनाहट और जैतपुर में तबाही का मंजर है। आंखों से छलकते आंसू और बाढ़ में बहे अरमानों का दर्द लिए जिंदगी फिर खुद को समेटने की जद्दोजहद में लगी है। 38 गांव में 25 हजार से अधिक लोग प्रभावित हैं। 300 हेक्टेयर से अधिक फसल नष्ट हो गई। तीन दिन से 1500 से अधिक मकान पानी में डूबे हैं, जिनमें 500 से अधिक क्षतिग्रस्त हो गए हैं। सैकड़ों पशु बह गए, जबकि हजारों लापता हैं, जिनका सत्यापन में बाढ़ का पानी लौटने के बाद होगा। किसी की बिटिया की शादी के अरमान डूब गए हैं, तो कोई आशियाना बिखरने से बेघर हो गया। कोई दाने-दाने को मोहताज है, तो कोई बीमारी से परेशान। 20 गांव तबाह हो गए हैं। यह बाढ़ की विभीषिका का परिणाम है। जिसने 26 साल का रिकॉर्ड तोड़ा। शनिवार को अमर उजाला ने प्रभावित क्षेत्रों में पड़ताल की, तो तबाही का मंजर नजर आया।

बाढ़ ने सबसे ज्यादा तबाही उमरेठा, गोहरा व पुरा भगवान गांव में मचाई है। उमरैठापुरा में शनिवार सुबह 10 सेकंड में मकान गिर पड़ा। सामान पानी में बह गया। उमरेठा के होशियार और राधेश्याम ने बताया कि 180 घर डूब गए हैं, जिनमें 22 गिरासू हैं। बाजरा, तिल की फसल जलमग्न है। तीन दिन से 700 से अधिक लोगों ने टीलों पर शरण ले रखी है। गोहरा के राकेश यादव और ब्रजेश ने बताया कि 150 मकान डूबे हैं। 18 क्षतिग्रस्त हैं। 140 हेक्टेयर फसलें नष्ट हो गई हैं। भगवानपुरा के हरी सिंह और मोहकम सिंह ने बताया कि 100 घर डूब गए हैं। 700 लोग टीले पर हैं।

यह भी पढ़ें -  Mata Vaishno Devi Yatra : माता वैष्णो देवी यात्रा पर जाने से पहले जरूर जान लें बदले हुए नियम

सिमराई के प्रधान जयवीर सिंह ने बताया कि रानीपुरा के हरी सिंह के आठ, अशोक के पांच पशु बाढ़ में बह गए। गांव के 100 से ज्यादा पशु लापता हैं। पानी और उतरने पर ग्रामीण उनकी तलाश में जुटेंगे। इस संबंध में एसडीएम रतन वर्मा का कहना है कि पानी घट रहा है। नुकसान का आंकलन कराया जाएगा, तभी नुकसान का सही जानकारी हो सकेगी।

उमरैठापुरा समेत 20 गांवों में छतों तक पानी भर गया। इससे लोग घर छोड़कर बीहड़ के टीले पर अपना ठिकाना बनाया है। चंबल में डूबे उमरैठापुरा गांव के किसान अनंगपाल का मकान में भी छत के करीब तक पानी भरा है। इसके कारण मंगलवार को उनका मकान अचानक भरभराकर गिर गया। परिवार के लोग बीहड़ के टीले में तंबू लगाकर थे, जिससे जनहानि नहीं हुई। बाढ़ में मकान गिरने का वीडियो भी शनिवार को सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।

पुरा भगवान गांव में चंबल के टीले पर तंबू में बैठे परिवार अपने बुने टूटे सपनों को लेकर दुखी हैं। उन्हें नहीं सूझ रहा कि बेटियों की शादी का अरमान कैसे पूरा होगा। टीले पर मौजूद विमला देवी बोलीं कि दो बेटियों रचना और जसोदा की शादी के लिए 50 बीघा जमीन में तिल और बाजरा की फसल बोई थी। घर फसल दोनों डूब गए। बेटियों की शादी टालनी पडे़गी।

[ad_2]

Source link

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here