छह स्थानों पर भूमि विवादित, गोआश्रयस्थल निर्माण प्रक्रिया ठप 18-03-25

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Construction of six shelters implicated in land dispute

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सफीपुर। क्षेत्र में अन्ना मवेशियों की समस्या से निजात के लिए सात स्थानों पर गोआश्रय स्थल के निर्माण की कवायद शुरू की गई थी। लेकिन सिर्फ एक जगह ही काम शुरू हो सका। छह स्थानों पर भूमि विवादित होने के कारण कार्य ठप पड़ा है। राजस्व विभाग भूमि पर खड़ी फसल कटने का इंतजार कर रहा है।
अन्ना पशुओं को संरक्षित करने के लिए जुनेदपुर, लहबरपुर, खरगौरा, महमूदपुर, जमल्दीपुर, मेथीटीकुर में पशुशालाएं संचालित हैं। इसके बाद भी किसान अन्ना मवेशियों से परेशान हैं। इसको देखते हुए मखदूमनगर, सराय सकहन, रूपपुर चंदेला, साल्हेपुर खलीलनगर, देवगांव, भैंसहरा, रहीमाबाद में गोआश्रय स्थल के लिए भूमि चिह्नित कर प्रस्ताव तहसील भेजा था। लेकिन सिर्फ रहीमाबाद में ही आश्रय स्थल का निर्माण कराया जा सका है। शेष गांवों में भूमि पर विवाद है। भैंसहरा में प्रस्तावित भूमि पर पक्का निर्माण है। सराय सकहन में पट्टेधारकों ने भूमि जोत रखी है। यही स्थित रूपपुर चंदेला, देवगांव, साल्हेनगर की भी है। सराय सकहन निवासी रज्जा, दिनेश, लीलावती, नारायण, जमुना, घनश्याम, कल्लू, भिम्मा, गंगाप्रसाद व सियाराम ने बताया कि पशुचर भूमि पर पट्टे हुए थे। जिन्हें खारिज कर अन्य स्थानों पर पट्टा करने की बात कही जा रही है। फिलहाल प्रस्तावित भूमि पर फसल खड़ी है। देवगनमऊ निवासी रामरतन, देवगांव निवासी अवधेश गौड़ व रहीमाबाद निवासी राकेश ने बताया कि राजस्व विभाग प्रस्तावित भूमि पर कब्जा कर फसल बोने वालों को बचाने के बदले क्षेत्र के सैकड़ों किसानों की फसल दांव पर लगाए है। एसडीएम रामसकल मौर्य ने बताया कि पशुचर भूमि पर अस्थायी पट्टे होते हैं। ऐसे सभी किसानों को दूसरे स्थानों पर पट्टे देकर भूमि खाली कराई जा रही है।

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सफीपुर। क्षेत्र में अन्ना मवेशियों की समस्या से निजात के लिए सात स्थानों पर गोआश्रय स्थल के निर्माण की कवायद शुरू की गई थी। लेकिन सिर्फ एक जगह ही काम शुरू हो सका। छह स्थानों पर भूमि विवादित होने के कारण कार्य ठप पड़ा है। राजस्व विभाग भूमि पर खड़ी फसल कटने का इंतजार कर रहा है।

अन्ना पशुओं को संरक्षित करने के लिए जुनेदपुर, लहबरपुर, खरगौरा, महमूदपुर, जमल्दीपुर, मेथीटीकुर में पशुशालाएं संचालित हैं। इसके बाद भी किसान अन्ना मवेशियों से परेशान हैं। इसको देखते हुए मखदूमनगर, सराय सकहन, रूपपुर चंदेला, साल्हेपुर खलीलनगर, देवगांव, भैंसहरा, रहीमाबाद में गोआश्रय स्थल के लिए भूमि चिह्नित कर प्रस्ताव तहसील भेजा था। लेकिन सिर्फ रहीमाबाद में ही आश्रय स्थल का निर्माण कराया जा सका है। शेष गांवों में भूमि पर विवाद है। भैंसहरा में प्रस्तावित भूमि पर पक्का निर्माण है। सराय सकहन में पट्टेधारकों ने भूमि जोत रखी है। यही स्थित रूपपुर चंदेला, देवगांव, साल्हेनगर की भी है। सराय सकहन निवासी रज्जा, दिनेश, लीलावती, नारायण, जमुना, घनश्याम, कल्लू, भिम्मा, गंगाप्रसाद व सियाराम ने बताया कि पशुचर भूमि पर पट्टे हुए थे। जिन्हें खारिज कर अन्य स्थानों पर पट्टा करने की बात कही जा रही है। फिलहाल प्रस्तावित भूमि पर फसल खड़ी है। देवगनमऊ निवासी रामरतन, देवगांव निवासी अवधेश गौड़ व रहीमाबाद निवासी राकेश ने बताया कि राजस्व विभाग प्रस्तावित भूमि पर कब्जा कर फसल बोने वालों को बचाने के बदले क्षेत्र के सैकड़ों किसानों की फसल दांव पर लगाए है। एसडीएम रामसकल मौर्य ने बताया कि पशुचर भूमि पर अस्थायी पट्टे होते हैं। ऐसे सभी किसानों को दूसरे स्थानों पर पट्टे देकर भूमि खाली कराई जा रही है।

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