छात्र की मौत के बाद दहशत

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उन्नाव। यूक्रेन में फंसे जिले के छात्र-छात्राओं के अभी घर लौटने की उम्मीद नजर नहीं आ रही है। औरास व पुरवा की छात्राएं खारकीव में फंसी हैं। कर्नाटक के एक छात्र की फायरिंग में मौत के बाद से विद्यार्थियों में दहशत है। एक छात्रा ने बताया कि फोन पर भी प्रतिबंध लगाया जा रहा है और बाहर निकलने नहीं दे रहे।
औरास के दिपवल गांव निवासी जितेंद्र सिंह की बड़ी बेटी ह्रिति सहित कई भारतीय छात्र यूक्रेन के खारकीव शहर के मेट्रो स्टेशन में हैं। छह दिन से वह वहीं पर फंसी है। जितेंद्र ने बताया कि बच्ची बहुत परेशान है। कहीं से कोई मदद नहीं मिल रही है। खारकीव में ही फायरिंग से भारतीय छात्र की मौत से स्थिति ज्यादा खराब हो गई है। अब बेटी का मोबाइल भी बंद हो गया है। पिता ने भारत सरकार से अनुरोध किया कि वह किसी तरह बच्ची को वहां से बाहर निकाले।
वहीं पुरवा के पश्चिमटोला निवासी छात्रा श्रुति भी यूक्रेन में फंसी है। मंगलवार को उसके बाबा-दादी से मिलकर नायब तहसीलदार अमृत लाल और राजस्व कर्मियों ने जानकारी ली। दादी को वीडियो कॉल कर श्रुति ने बताया कि फायरिंग लगातार हो रही है। उसके पास राशन सीमित रह गया है। फोन पर बात करने पर प्रतिबंध लगाया जा रहा है। इस समय वह खारकीव में कालेज के निकट एक बंकर में अन्य छात्राओं के साथ है। बाहर सामान लेने गए एक छात्र की फायरिंग में मौत होने के बाद स्थितियां काफी बिगड़ गई हैं। अब किसी को भी बाहर निकलने नहीं दिया जा रहा है। एसडीएम दयाशंकर पाठक ने बताया कि छात्रा श्रुति के परिजनों से वार्ता हुई है। रिपोर्ट डीएम को भेजी जा रही है।
हंगरी पहुंचा आशुतोष, परिजनों ने ली राहत की सांस
पाटन। बीघापुर तहसील क्षेत्र के नयाखेड़ा मजरे धनकोली निवासी फौजी विनोद सिंह व शशि सिंह का छोटा बेटा आशुतोष सिंह साथियों के साथ सोमवार रात ट्रेन से हंगरी पहुंच गया। भाई आशीष ने बताया कि आशुतोष अब बुडापेस्ट में साथियों के साथ है। आशुतोष के यूक्रेन से बाहर निकलने के बाद परिवार ने राहत की सांस ली है। पिता बेटे की घर वापसी का इंतजार कर रहे हैं।
रोमानिया सरकार दे रही सुविधा : कुलदीप
नवाबगंज। कुईथर निवासी छात्र कुलदीप कुमार वर्मा ने मंगलवार को परिजनों से फोन पर बात की। बताया कि रोमानिया सरकार दोनों समय का भोजन सहित अन्य सुविधाएं दे रही है। भारतीय दूतावास का फोन नहीं उठा रहा है। पिता जगन्नाथ ने बताया कि रोमानिया सरकार अनुमति दे तो छात्र वहीं के एयरपोर्ट से अरब कंट्री होकर भारत आ सकेंगे। किराये के खर्च के लिए छात्र तैयार हैं। परिजन किसी तरह से बच्चों को वापस बुलाना चाह रहे हैं। पिता जगन्नाथ के अनुसार, रोमानिया से अगर जहाज मिलता है तो पाकिस्तान होकर भारत आने में साढ़े पांच घंटे लगेंगे। वहीं अरब के रास्ते आने में आठ से नौ घंटे भारत पहुंचने में लगेंगे।
रोमानिया बॉर्डर पहुंचा विशाल
शहर के कब्बाखेड़ा निवासी विशाल के पिता धर्मेंद्र कुमार ने बताया कि सोमवार रात तीन बजे बात हुई थी। विशाल ने रोमानिया बार्डर पहुंचने की जानकारी दी थी। वहां पर भारतीय दूतावास द्वारा खाने और पानी की व्यवस्था की गई है।

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उन्नाव। यूक्रेन में फंसे जिले के छात्र-छात्राओं के अभी घर लौटने की उम्मीद नजर नहीं आ रही है। औरास व पुरवा की छात्राएं खारकीव में फंसी हैं। कर्नाटक के एक छात्र की फायरिंग में मौत के बाद से विद्यार्थियों में दहशत है। एक छात्रा ने बताया कि फोन पर भी प्रतिबंध लगाया जा रहा है और बाहर निकलने नहीं दे रहे।

औरास के दिपवल गांव निवासी जितेंद्र सिंह की बड़ी बेटी ह्रिति सहित कई भारतीय छात्र यूक्रेन के खारकीव शहर के मेट्रो स्टेशन में हैं। छह दिन से वह वहीं पर फंसी है। जितेंद्र ने बताया कि बच्ची बहुत परेशान है। कहीं से कोई मदद नहीं मिल रही है। खारकीव में ही फायरिंग से भारतीय छात्र की मौत से स्थिति ज्यादा खराब हो गई है। अब बेटी का मोबाइल भी बंद हो गया है। पिता ने भारत सरकार से अनुरोध किया कि वह किसी तरह बच्ची को वहां से बाहर निकाले।

वहीं पुरवा के पश्चिमटोला निवासी छात्रा श्रुति भी यूक्रेन में फंसी है। मंगलवार को उसके बाबा-दादी से मिलकर नायब तहसीलदार अमृत लाल और राजस्व कर्मियों ने जानकारी ली। दादी को वीडियो कॉल कर श्रुति ने बताया कि फायरिंग लगातार हो रही है। उसके पास राशन सीमित रह गया है। फोन पर बात करने पर प्रतिबंध लगाया जा रहा है। इस समय वह खारकीव में कालेज के निकट एक बंकर में अन्य छात्राओं के साथ है। बाहर सामान लेने गए एक छात्र की फायरिंग में मौत होने के बाद स्थितियां काफी बिगड़ गई हैं। अब किसी को भी बाहर निकलने नहीं दिया जा रहा है। एसडीएम दयाशंकर पाठक ने बताया कि छात्रा श्रुति के परिजनों से वार्ता हुई है। रिपोर्ट डीएम को भेजी जा रही है।

हंगरी पहुंचा आशुतोष, परिजनों ने ली राहत की सांस

पाटन। बीघापुर तहसील क्षेत्र के नयाखेड़ा मजरे धनकोली निवासी फौजी विनोद सिंह व शशि सिंह का छोटा बेटा आशुतोष सिंह साथियों के साथ सोमवार रात ट्रेन से हंगरी पहुंच गया। भाई आशीष ने बताया कि आशुतोष अब बुडापेस्ट में साथियों के साथ है। आशुतोष के यूक्रेन से बाहर निकलने के बाद परिवार ने राहत की सांस ली है। पिता बेटे की घर वापसी का इंतजार कर रहे हैं।

रोमानिया सरकार दे रही सुविधा : कुलदीप

नवाबगंज। कुईथर निवासी छात्र कुलदीप कुमार वर्मा ने मंगलवार को परिजनों से फोन पर बात की। बताया कि रोमानिया सरकार दोनों समय का भोजन सहित अन्य सुविधाएं दे रही है। भारतीय दूतावास का फोन नहीं उठा रहा है। पिता जगन्नाथ ने बताया कि रोमानिया सरकार अनुमति दे तो छात्र वहीं के एयरपोर्ट से अरब कंट्री होकर भारत आ सकेंगे। किराये के खर्च के लिए छात्र तैयार हैं। परिजन किसी तरह से बच्चों को वापस बुलाना चाह रहे हैं। पिता जगन्नाथ के अनुसार, रोमानिया से अगर जहाज मिलता है तो पाकिस्तान होकर भारत आने में साढ़े पांच घंटे लगेंगे। वहीं अरब के रास्ते आने में आठ से नौ घंटे भारत पहुंचने में लगेंगे।

रोमानिया बॉर्डर पहुंचा विशाल

शहर के कब्बाखेड़ा निवासी विशाल के पिता धर्मेंद्र कुमार ने बताया कि सोमवार रात तीन बजे बात हुई थी। विशाल ने रोमानिया बार्डर पहुंचने की जानकारी दी थी। वहां पर भारतीय दूतावास द्वारा खाने और पानी की व्यवस्था की गई है।

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