इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मथुरा स्थित जवाहर बाग कांड की सीबीआई जांच पूरी होने के बाद विशेष अदालत में पेश करने तथा नियमानुसार ट्रायल शुरू करने की अनुमति दे दी है। सीबीआई की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता ज्ञान प्रकाश तथा संजय यादव ने सील बंद लिफाफे में जांच रिपोर्ट पेश करते हुए बताया कि इसमें कई सुझाव दिए गए हैं।
इस पर कोर्ट ने सीलबंद रिपोर्ट सीबीआई के अधिवक्ता को मुख्य सचिव को देने के लिए लौटा दी ताकि वह कर्तव्य पालन में लापरवाही बरतने के दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करें या सुधारात्मक कदम उठाए जा सकें। यह आदेश मुख्य न्यायमूर्ति राजेश बिंदल तथा न्यायमूर्ति जेजे मुनीर की खंडपीठ ने विजय पाल सिंह तोमर की याचिका को निस्तारित करते हुए दिया है।
हाईकोर्ट ने सीबीआई को दो टीम बनाकर जांच कर रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया था। कहा, एक टीम को जवाहर बाग की घटना तो दूसरी टीम को प्रशासनिक अधिकारियों की संलिप्तता की जांच करनी थी। घटना के दोषियों पर चार्जशीट दाखिल की गई है। दोषी अधिकारियों के बारे में रिपोर्ट में दिए गए सुझाव पर कोर्ट ने मुख्य सचिव को कार्रवाई के लिए कहा है।
मामले में मार्च 2014 में रामबृक्ष यादव अपने दो हजार समर्थकों के साथ मथुरा के मध्य स्थित राजकीय जवाहर पार्क में आया। स्वाधीन भारत विधिक सत्याग्रह तथा स्वाधीन भारत सुभाष सेना के नाम से धरने पर बैठ गया। पार्क में निर्माण कर लिए। साथ ही असलहे लेकर अपनी सरकार जैसी स्थिति बना ली। वर्ष भर के राशन की व्यवस्था भी कर ली। अवैध बिजली, पानी कनेक्शन ले लिया।
पार्क को भारी नुक़सान पहुंचाया। इस पर विजय पाल सिंह तोमर तथा कई अन्य ने हाईकोर्ट से हस्तक्षेप की मांग की। कहा, पार्क में सरकार का शासन नहीं है। पुलिस भीतर नहीं जा सकती। 280 एकड़ में फैले पार्क में दो हजार लोगों का परिवार रह रहा था। हथियारबंद लोग सुरक्षा में लगे थे।
हाईकोर्ट ने पार्क खाली कराने का आदेश दिया। भारी दबाव के बाद भी जब रामबृक्ष यादव ने पार्क खाली नहीं किया तो पुलिस ने दो जून 2016 को कार्रवाई की, जिसमें एसपी सिटी मुकुल द्विवेदी तथा एसएचओ संतोष कुमार यादव सहित 28 लोग मारे गए। मुठभेड़ में रामबृक्ष यादव भी मारा गया था।
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इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मथुरा स्थित जवाहर बाग कांड की सीबीआई जांच पूरी होने के बाद विशेष अदालत में पेश करने तथा नियमानुसार ट्रायल शुरू करने की अनुमति दे दी है। सीबीआई की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता ज्ञान प्रकाश तथा संजय यादव ने सील बंद लिफाफे में जांच रिपोर्ट पेश करते हुए बताया कि इसमें कई सुझाव दिए गए हैं।
इस पर कोर्ट ने सीलबंद रिपोर्ट सीबीआई के अधिवक्ता को मुख्य सचिव को देने के लिए लौटा दी ताकि वह कर्तव्य पालन में लापरवाही बरतने के दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करें या सुधारात्मक कदम उठाए जा सकें। यह आदेश मुख्य न्यायमूर्ति राजेश बिंदल तथा न्यायमूर्ति जेजे मुनीर की खंडपीठ ने विजय पाल सिंह तोमर की याचिका को निस्तारित करते हुए दिया है।
हाईकोर्ट ने सीबीआई को दो टीम बनाकर जांच कर रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया था। कहा, एक टीम को जवाहर बाग की घटना तो दूसरी टीम को प्रशासनिक अधिकारियों की संलिप्तता की जांच करनी थी। घटना के दोषियों पर चार्जशीट दाखिल की गई है। दोषी अधिकारियों के बारे में रिपोर्ट में दिए गए सुझाव पर कोर्ट ने मुख्य सचिव को कार्रवाई के लिए कहा है।