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उन्नाव। जिला अस्पताल में दिव्यांग प्रमाणपत्र बनाने के लिए लगे शिविर का सोमवार को डीएम ने निरीक्षण किया। दिव्यांगों की भीड़ देखकर उन्होंने सप्ताह में एक की जगह अब तीन दिन शिविर लगवाने के निर्देश दिए। कई दिव्यांगों के चक्कर लगाने के बाद भी प्रमाण पत्र न बनने की शिकायत की। इस पर डीएम ने सीएमएस को व्यवस्था सुधारने के लिए कहा।
जिला अस्पताल के पीछे दिव्यांग बोर्ड का कार्यालय है। सोमवार को यहां लगे दिव्यांग शिविर में डीएम रवींद्र कुमार पहुंचे। उन्होंने तीन दिन पहले किए गए निरीक्षण में क्या सुधार हुआ, इसकी हकीकत जानी। दिव्यांगों के बैठने के लिए सीटें पड़ी मिलीं। साथ ही पीने के पानी के लिए वाटर कूलर भी लगा मिला। लेकिन150 से अधिक दिव्यांगों को देखकर डीएम ने सीएमएस डॉ. पवन कुमार से एक दिन में बनने वाले प्रमाणपत्रों की जानकारी ली। उन्होंने बताया कि 80 से 100 प्रमाणपत्र एक दिन में बनाए जाते हैं।
इस पर डीएम ने सप्ताह में सोमवार के साथ बुधवार और शुक्रवार को भी शिविर लगाने के निर्देश दिए। केसरीखेड़ा के बउवा, बिछिया के संजय व मद्दीखेड़ा के शिवराम सहित कई दिव्यांगों ने डीएम को बताया कि वह माह में तीन बार आ चुके हैं लेकिन अभी तक उनका प्रमाणपत्र नहीं बन पाया है। इस पर डीएम ने नाराजगी जताई और सीएमएस को व्यवस्था में सुधार के निर्देश दिए। कहा कि दोबारा ऐसी शिकायतें नहीं मिलनी चाहिए।
डीएम के आदेश का असर नहीं, फिर दिखे दलाल
दिव्यांग शिविर के दौरान पेड़ के नीचे प्रमाणपत्र बनवाने वाले दलाल खड़े रहते हैं। वह दिव्यांगों से ऑनलाइन काम व प्रमाणपत्र बनवाने के नाम पर 150 से 200 रुपये लेते हैं। तीन दिन पहले डीएम ने निरीक्षण के दौरान सीएमएस को निर्देश दिए थे कि दलाल यहां नहीं दिखने चाहिए लेकिन सोमवार को फिर दलाल नजर आए।
उन्नाव। जिला अस्पताल में दिव्यांग प्रमाणपत्र बनाने के लिए लगे शिविर का सोमवार को डीएम ने निरीक्षण किया। दिव्यांगों की भीड़ देखकर उन्होंने सप्ताह में एक की जगह अब तीन दिन शिविर लगवाने के निर्देश दिए। कई दिव्यांगों के चक्कर लगाने के बाद भी प्रमाण पत्र न बनने की शिकायत की। इस पर डीएम ने सीएमएस को व्यवस्था सुधारने के लिए कहा।
जिला अस्पताल के पीछे दिव्यांग बोर्ड का कार्यालय है। सोमवार को यहां लगे दिव्यांग शिविर में डीएम रवींद्र कुमार पहुंचे। उन्होंने तीन दिन पहले किए गए निरीक्षण में क्या सुधार हुआ, इसकी हकीकत जानी। दिव्यांगों के बैठने के लिए सीटें पड़ी मिलीं। साथ ही पीने के पानी के लिए वाटर कूलर भी लगा मिला। लेकिन150 से अधिक दिव्यांगों को देखकर डीएम ने सीएमएस डॉ. पवन कुमार से एक दिन में बनने वाले प्रमाणपत्रों की जानकारी ली। उन्होंने बताया कि 80 से 100 प्रमाणपत्र एक दिन में बनाए जाते हैं।
इस पर डीएम ने सप्ताह में सोमवार के साथ बुधवार और शुक्रवार को भी शिविर लगाने के निर्देश दिए। केसरीखेड़ा के बउवा, बिछिया के संजय व मद्दीखेड़ा के शिवराम सहित कई दिव्यांगों ने डीएम को बताया कि वह माह में तीन बार आ चुके हैं लेकिन अभी तक उनका प्रमाणपत्र नहीं बन पाया है। इस पर डीएम ने नाराजगी जताई और सीएमएस को व्यवस्था में सुधार के निर्देश दिए। कहा कि दोबारा ऐसी शिकायतें नहीं मिलनी चाहिए।
डीएम के आदेश का असर नहीं, फिर दिखे दलाल
दिव्यांग शिविर के दौरान पेड़ के नीचे प्रमाणपत्र बनवाने वाले दलाल खड़े रहते हैं। वह दिव्यांगों से ऑनलाइन काम व प्रमाणपत्र बनवाने के नाम पर 150 से 200 रुपये लेते हैं। तीन दिन पहले डीएम ने निरीक्षण के दौरान सीएमएस को निर्देश दिए थे कि दलाल यहां नहीं दिखने चाहिए लेकिन सोमवार को फिर दलाल नजर आए।
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