जिले में मंडराया बाढ़ का खतरा, खतरे का निशान 61 सेमी दूर गंगा

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गंगा का जलस्तर बढ़ने से बांगरमऊ के कटरी गदनपुर आहार से फरीदपुर कट्टर मार्ग की कटकर बही सड़क। संवा

गंगा का जलस्तर बढ़ने से बांगरमऊ के कटरी गदनपुर आहार से फरीदपुर कट्टर मार्ग की कटकर बही सड़क। संवा
– फोटो : UNNAO

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उन्नाव। गंगा का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। इससे कटरी क्षेत्र के गांवों में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है। रविवार को जलस्तर 112.39 मीटर पर पहुंच गया। यदि इसी तरह पानी बढ़ता रहा तो एक-दो दिन में जलस्तर खतरे का निशान पार कर जाएगा। बाढ़ का पानी कई गांवों के पास पहुंच गया है। बांगरमऊ में सड़क कट गई। पानी पुल के ऊपर से बह रहा है।
गंगा के जलस्तर में 24 घंटे में 140 सेमी की बढ़ोत्तरी हुई। रविवार की शाम छह बजे जलस्तर 112.390 मीटर पर पहुंच गया, जो खतरे के निशान से सिर्फ 61 सेमी दूर है। लगातार बढ़ते जलस्तर से कटरी क्षेत्र के गांवों में स्थितियां बिगड़ने लगी हैं। बांगरमऊ में कटरी गदनपुर आहार से फरीदपुर कट्टर मार्ग गंगा पानी के तेज बहाव से कट गया। कई जगह मार्ग के ऊपर से पानी निकल रहा है। सड़क कटने से कटरी गदनपुर आहार, कुशालपुरवा मल्लाहनपुरवा, नयापुरवा, धन्नापुरवा, हरीगंज आदि गांवों का संपर्क टूट गया है।
गांवों के किनारे निचली भूमि की फसलें जलमग्न हो गई हैं। एसडीएम उदित नारायण सेंगर ने बताया कि बाढ़ पर लगातार नजर रखी जा रही है। किसी भी हालत से निपटने की प्रशासन पूरी तरह से सतर्क है।
सैकड़ों बीघा फसल गंगा में समाई
फतेहपुर चौरासी। गंगा के बढ़ते जलस्तर से कटरी क्षेत्र की सैकड़ों बीघा फसल गंगा में समा गई। गंगा की धारा से कटान भी तेज हो गई है। हिंदूपुर के दिनेश कुमार ने बताया कि पांच बीघा अमरूद, एक बीघा यूकेलिप्टस का बाग कट चुका है। नया बंगला निवासी रामबाबू की पांच बीघा तिल्ली और रामबहादुर की तीन बीघा परवल की फसल कटकर गंगा में चली गई।
कुशेहर के शिवपाल, शिवराज, रघुवीर, सुंदर, मनोहर, परशुराम, राघवेंद्र, रंजीत, जगदीश आदि ने बताया कि कटान में परवल, तिल्ली, शकरकंद आदि की फसलें चली गईं। गड़ाई के प्रधान लक्ष्मीनारायण व दबौली के प्रधान अजीत कुमार ने बताया कि गंगा में बाढ़ आने से पहले ही पहली उपधारा सरैइयाघाट से निकलकर दबौली, पाल्हेपुर, भदेहरा, धन्नापुरवा, भिखारीपुरवा बंदीमाता घाट तक और दूसरी उपधारा कबूलपुर से निकलकर मन्नानगरी, भूलभुलियाखेड़ा, परशुरामपुरवा, गड़ाई व हिंदूपुर आदि गांवों में कहर बरपा देती है। ये उप धाराएं न केवल फसलों को डुबो देती हैं बल्कि कटान भी करती हैं।
यदि इन धाराओं को गंगा की मुख्य धारा से जोड़ दिया जाए तो कटरी क्षेत्र के किसानों को काफी राहत मिलेगी।
जमालनगर गैर एहतमाली का पुल डूबा, नावें तैयार
सफीपुर। गंगा के साथ कल्याणी नदी का जलस्तर बढ़ने से जमालनगर गैर एहतमाली में बना पुल डूब गया। इससे परियर से दबौली मार्ग तक जाने वाले राहगीर परेशान हैं। एसडीएम शिवेंद्र कुमार वर्मा ने बताया कि अभी जलस्तर खतरे के निशान से नीचे है। तैयारियों में 10 बाढ़ राहत चौकी तैयार कर ली गई है।
जमालनगर गांव में कल्याणी नदी के पुल पर आवागमन बना रहे, इसके लिए नावें तैयार करा ली गई हैं। उधर, परियर कटरी क्षेत्र के माना बंगला, बाबूबंगला, देवीपुरवा, लल्लतूपुरवा, बंदनपुरवा, पनपथा व कटरी आदि गांवों की सीमा के अंदर पानी घुस चुका है। किसानों की सैकड़ों बीघा फसल जलमग्न हो गई है। इससे किसान बैंगन, धान, मिर्च आदि फसलें समय से पहले ही काटने के लिए मजबूर हो गए हैं।
विजय ने बताया कि 20 बीघा धान की फसल बोई थी। पानी खेत के पास आ गया है। इसलिए अधपकी फसल काटनी पड़ रही है। मानाबंगला निवासी विनोद ने बताया कि उसने लौकी व कद्दू की लगभग 14 बीघे फसल बोई थी। बाढ़ की चपेट में फसल के आने से नुकसान हो गया है।
जलस्तर में बढ़ोत्तरी को देखते हुए तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। बाढ़ चौकियां स्थापित की जा रही हैं। गोताखोरों और नावों को रिजर्व रखा गया है। जरूरत पड़ने पर संबंधित क्षेत्रों में भेजा जाएगा। गूगल मीट के जरिये अधिकारियों को रोजाना जलस्तर पर नजर रखने और प्रतिदिन रिपोर्ट देने के आदेश दिए हैं।-अपूर्वा दुबे, डीएम।

बांगरमऊ में कटरी गदनपुर आहार मार्ग पर सड़क से बहता बाढ़ का पानी। संवाद

बांगरमऊ में कटरी गदनपुर आहार मार्ग पर सड़क से बहता बाढ़ का पानी। संवाद– फोटो : UNNAO

बांगरमऊ में कटरी गदनपुर आहार में बाढ़ के पानी के बीच कुछ इस तरह निकलते लोग। संवाद

बांगरमऊ में कटरी गदनपुर आहार में बाढ़ के पानी के बीच कुछ इस तरह निकलते लोग। संवाद– फोटो : UNNAO

सफीपुर के जमालनगर गैर एहतेमाली में कल्याणी नदी पुल डूबा जाने से कुछ इस तरह आवागमन करते ग्रामीण। स

सफीपुर के जमालनगर गैर एहतेमाली में कल्याणी नदी पुल डूबा जाने से कुछ इस तरह आवागमन करते ग्रामीण। स– फोटो : UNNAO

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उन्नाव। गंगा का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। इससे कटरी क्षेत्र के गांवों में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है। रविवार को जलस्तर 112.39 मीटर पर पहुंच गया। यदि इसी तरह पानी बढ़ता रहा तो एक-दो दिन में जलस्तर खतरे का निशान पार कर जाएगा। बाढ़ का पानी कई गांवों के पास पहुंच गया है। बांगरमऊ में सड़क कट गई। पानी पुल के ऊपर से बह रहा है।

गंगा के जलस्तर में 24 घंटे में 140 सेमी की बढ़ोत्तरी हुई। रविवार की शाम छह बजे जलस्तर 112.390 मीटर पर पहुंच गया, जो खतरे के निशान से सिर्फ 61 सेमी दूर है। लगातार बढ़ते जलस्तर से कटरी क्षेत्र के गांवों में स्थितियां बिगड़ने लगी हैं। बांगरमऊ में कटरी गदनपुर आहार से फरीदपुर कट्टर मार्ग गंगा पानी के तेज बहाव से कट गया। कई जगह मार्ग के ऊपर से पानी निकल रहा है। सड़क कटने से कटरी गदनपुर आहार, कुशालपुरवा मल्लाहनपुरवा, नयापुरवा, धन्नापुरवा, हरीगंज आदि गांवों का संपर्क टूट गया है।

गांवों के किनारे निचली भूमि की फसलें जलमग्न हो गई हैं। एसडीएम उदित नारायण सेंगर ने बताया कि बाढ़ पर लगातार नजर रखी जा रही है। किसी भी हालत से निपटने की प्रशासन पूरी तरह से सतर्क है।

सैकड़ों बीघा फसल गंगा में समाई

फतेहपुर चौरासी। गंगा के बढ़ते जलस्तर से कटरी क्षेत्र की सैकड़ों बीघा फसल गंगा में समा गई। गंगा की धारा से कटान भी तेज हो गई है। हिंदूपुर के दिनेश कुमार ने बताया कि पांच बीघा अमरूद, एक बीघा यूकेलिप्टस का बाग कट चुका है। नया बंगला निवासी रामबाबू की पांच बीघा तिल्ली और रामबहादुर की तीन बीघा परवल की फसल कटकर गंगा में चली गई।

कुशेहर के शिवपाल, शिवराज, रघुवीर, सुंदर, मनोहर, परशुराम, राघवेंद्र, रंजीत, जगदीश आदि ने बताया कि कटान में परवल, तिल्ली, शकरकंद आदि की फसलें चली गईं। गड़ाई के प्रधान लक्ष्मीनारायण व दबौली के प्रधान अजीत कुमार ने बताया कि गंगा में बाढ़ आने से पहले ही पहली उपधारा सरैइयाघाट से निकलकर दबौली, पाल्हेपुर, भदेहरा, धन्नापुरवा, भिखारीपुरवा बंदीमाता घाट तक और दूसरी उपधारा कबूलपुर से निकलकर मन्नानगरी, भूलभुलियाखेड़ा, परशुरामपुरवा, गड़ाई व हिंदूपुर आदि गांवों में कहर बरपा देती है। ये उप धाराएं न केवल फसलों को डुबो देती हैं बल्कि कटान भी करती हैं।

यदि इन धाराओं को गंगा की मुख्य धारा से जोड़ दिया जाए तो कटरी क्षेत्र के किसानों को काफी राहत मिलेगी।

जमालनगर गैर एहतमाली का पुल डूबा, नावें तैयार

सफीपुर। गंगा के साथ कल्याणी नदी का जलस्तर बढ़ने से जमालनगर गैर एहतमाली में बना पुल डूब गया। इससे परियर से दबौली मार्ग तक जाने वाले राहगीर परेशान हैं। एसडीएम शिवेंद्र कुमार वर्मा ने बताया कि अभी जलस्तर खतरे के निशान से नीचे है। तैयारियों में 10 बाढ़ राहत चौकी तैयार कर ली गई है।

जमालनगर गांव में कल्याणी नदी के पुल पर आवागमन बना रहे, इसके लिए नावें तैयार करा ली गई हैं। उधर, परियर कटरी क्षेत्र के माना बंगला, बाबूबंगला, देवीपुरवा, लल्लतूपुरवा, बंदनपुरवा, पनपथा व कटरी आदि गांवों की सीमा के अंदर पानी घुस चुका है। किसानों की सैकड़ों बीघा फसल जलमग्न हो गई है। इससे किसान बैंगन, धान, मिर्च आदि फसलें समय से पहले ही काटने के लिए मजबूर हो गए हैं।

विजय ने बताया कि 20 बीघा धान की फसल बोई थी। पानी खेत के पास आ गया है। इसलिए अधपकी फसल काटनी पड़ रही है। मानाबंगला निवासी विनोद ने बताया कि उसने लौकी व कद्दू की लगभग 14 बीघे फसल बोई थी। बाढ़ की चपेट में फसल के आने से नुकसान हो गया है।

जलस्तर में बढ़ोत्तरी को देखते हुए तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। बाढ़ चौकियां स्थापित की जा रही हैं। गोताखोरों और नावों को रिजर्व रखा गया है। जरूरत पड़ने पर संबंधित क्षेत्रों में भेजा जाएगा। गूगल मीट के जरिये अधिकारियों को रोजाना जलस्तर पर नजर रखने और प्रतिदिन रिपोर्ट देने के आदेश दिए हैं।-अपूर्वा दुबे, डीएम।

बांगरमऊ में कटरी गदनपुर आहार मार्ग पर सड़क से बहता बाढ़ का पानी। संवाद

बांगरमऊ में कटरी गदनपुर आहार मार्ग पर सड़क से बहता बाढ़ का पानी। संवाद– फोटो : UNNAO

बांगरमऊ में कटरी गदनपुर आहार में बाढ़ के पानी के बीच कुछ इस तरह निकलते लोग। संवाद

बांगरमऊ में कटरी गदनपुर आहार में बाढ़ के पानी के बीच कुछ इस तरह निकलते लोग। संवाद– फोटो : UNNAO

सफीपुर के जमालनगर गैर एहतेमाली में कल्याणी नदी पुल डूबा जाने से कुछ इस तरह आवागमन करते ग्रामीण। स

सफीपुर के जमालनगर गैर एहतेमाली में कल्याणी नदी पुल डूबा जाने से कुछ इस तरह आवागमन करते ग्रामीण। स– फोटो : UNNAO



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