[ad_1]
अमर उजाला नेटवर्क, प्रयागराज
Published by: विनोद सिंह
Updated Fri, 25 Feb 2022 10:31 PM IST
सार
बाहुबली विधायक मुख्तार पर आरोप है कि उन्होंने सन 2001 में पांच लोगों का नाम अपने लैटर पैड पर लिखकर उनका शस्त्र लाइसेंस बनवाने के लिए मऊ के जिलाधिकारी से सिफारिश की थी। लेटर पैड के आधार पर जिलाधिकारी ने सभी को लाइसेंस जारी किया था।
शस्त्र लाइसेंस संस्तुती के मामले में मुख्तार अंसारी की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। उत्तर प्रदेश सरकार ने निचली अदालत द्वारा इस मामले में (शस्त्र लाइसेंस) दी गई जमानत के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। सरकार की ओर से दाखिल याचिका में जमानत निरस्त कराने की मांग की गई है। मामले की सुनवाई कर रही न्यायमूर्ति राजीव गुप्ता की पीठ ने अपने को अलग कर लिया है और इसे मुख्य न्यायमूर्ति के पास भेज दिया है।
बाहुबली विधायक मुख्तार पर आरोप है कि उन्होंने सन 2001 में पांच लोगों का नाम अपने लैटर पैड पर लिखकर उनका शस्त्र लाइसेंस बनवाने के लिए मऊ के जिलाधिकारी से सिफारिश की थी। लेटर पैड के आधार पर जिलाधिकारी ने सभी को लाइसेंस जारी किया था।
बाद में जांच के दौरान तीन का लाइसेंस फर्जी पते पर बना पाया गया। जिस पर मुख्तार अंसारी सहित सात लोगों के खिलाफ 2020 में मऊ जिले दक्षिण टोला थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी। मामले में सभी आरोपियों को जमानत मिल चुकी है। उत्तर प्रदेश सरकार ने मुख्तार को मिली जमानत के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की है।
विस्तार
शस्त्र लाइसेंस संस्तुती के मामले में मुख्तार अंसारी की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। उत्तर प्रदेश सरकार ने निचली अदालत द्वारा इस मामले में (शस्त्र लाइसेंस) दी गई जमानत के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। सरकार की ओर से दाखिल याचिका में जमानत निरस्त कराने की मांग की गई है। मामले की सुनवाई कर रही न्यायमूर्ति राजीव गुप्ता की पीठ ने अपने को अलग कर लिया है और इसे मुख्य न्यायमूर्ति के पास भेज दिया है।
बाहुबली विधायक मुख्तार पर आरोप है कि उन्होंने सन 2001 में पांच लोगों का नाम अपने लैटर पैड पर लिखकर उनका शस्त्र लाइसेंस बनवाने के लिए मऊ के जिलाधिकारी से सिफारिश की थी। लेटर पैड के आधार पर जिलाधिकारी ने सभी को लाइसेंस जारी किया था।
बाद में जांच के दौरान तीन का लाइसेंस फर्जी पते पर बना पाया गया। जिस पर मुख्तार अंसारी सहित सात लोगों के खिलाफ 2020 में मऊ जिले दक्षिण टोला थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी। मामले में सभी आरोपियों को जमानत मिल चुकी है। उत्तर प्रदेश सरकार ने मुख्तार को मिली जमानत के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की है।
[ad_2]
Source link