ठंड का सितम, नहीं हो रहा कम

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कोहरे के कारण दोपहर 12 बजे लखनऊ कानपुर हाइवे पर कुछ इस तरह धीमी गति से निकलते वाहन। संवाद
– फोटो : UNNAO

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उन्नाव/ गंजमुरादाबाद। कड़ाके की ठंड का कहर तीसरे दिन भी जारी रहा। सर्दी के कारण कामकाज प्रभावित रहा। सड़कों और बाजारों में सन्नाटा छाया रहा। लोग आवश्यक कार्य पर ही घरों से निकले। सबसे ज्यादा परेशानी बुजुर्गों को हुई।
बुधवार को तापमान में कोई अंतर नहीं आया। अधिकतम तापमान 15.1 डिग्र्री और न्यूनतम 5.2 डिग्र्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया। दोपहर दो बजे तक धूप नहीं निकली। शाम ढलते ही ठंड का कहर और विकराल हो गया। दिनभर कोहरे की धुंध छाई रही। इससे पहले मंगलवार देर रात जबरदस्त कोहरे से दृश्यता काफी कम हो गई थी। सड़क पर चलने वाले राहगीर भी अलाव का ही आसरा ढू्ंढ़ते रहे। घरों में भी पूरे दिन ब्लोअर चलते रहे। ग्रामीण इलाकों में भी लोग आग जलाए हाथ-पैर सेंकते रहे। बुजुर्ग व बच्चे ब्लोअर के आसपास ही बैठे रहे।
वहीं, गंजमुरादाबाद में अलाव जलाने के लिए लोगों को सूखी लकड़ी नहीं मिल पा रही है। सर्दी और शीतलहर से आम जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है। दिहाड़ी मजदूरों के सामने रोजी रोटी का संकट खड़ा हो गया है। दुकानों पर ग्राहक न पहुंचने से सन्नाटा पसरा रहा। पीयूष कुमार शुक्ला, शिव कुमार रस्तोगी, दिनेश तिवारी, अमित गुप्ता, विजय गुप्ता, वीरेंद्र कुशवाहा, शहजाद अली ऐसी सर्दी कई वर्षों बाद हुई है।

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उन्नाव/ गंजमुरादाबाद। कड़ाके की ठंड का कहर तीसरे दिन भी जारी रहा। सर्दी के कारण कामकाज प्रभावित रहा। सड़कों और बाजारों में सन्नाटा छाया रहा। लोग आवश्यक कार्य पर ही घरों से निकले। सबसे ज्यादा परेशानी बुजुर्गों को हुई।

बुधवार को तापमान में कोई अंतर नहीं आया। अधिकतम तापमान 15.1 डिग्र्री और न्यूनतम 5.2 डिग्र्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया। दोपहर दो बजे तक धूप नहीं निकली। शाम ढलते ही ठंड का कहर और विकराल हो गया। दिनभर कोहरे की धुंध छाई रही। इससे पहले मंगलवार देर रात जबरदस्त कोहरे से दृश्यता काफी कम हो गई थी। सड़क पर चलने वाले राहगीर भी अलाव का ही आसरा ढू्ंढ़ते रहे। घरों में भी पूरे दिन ब्लोअर चलते रहे। ग्रामीण इलाकों में भी लोग आग जलाए हाथ-पैर सेंकते रहे। बुजुर्ग व बच्चे ब्लोअर के आसपास ही बैठे रहे।

वहीं, गंजमुरादाबाद में अलाव जलाने के लिए लोगों को सूखी लकड़ी नहीं मिल पा रही है। सर्दी और शीतलहर से आम जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है। दिहाड़ी मजदूरों के सामने रोजी रोटी का संकट खड़ा हो गया है। दुकानों पर ग्राहक न पहुंचने से सन्नाटा पसरा रहा। पीयूष कुमार शुक्ला, शिव कुमार रस्तोगी, दिनेश तिवारी, अमित गुप्ता, विजय गुप्ता, वीरेंद्र कुशवाहा, शहजाद अली ऐसी सर्दी कई वर्षों बाद हुई है।

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