छात्र-छात्राओं को टैबलेट-स्मार्ट फोन दिए जाने की डिजीशक्ति योजना मेें भी बड़े स्तर पर अनियमितता सामने आई है। शिक्षण संस्थानों ने 350 से अधिक विद्यार्थियों को टैबलेट-स्मार्ट फोन वितरित ही नहीं किए। अब ऐसे संस्थानों के खिलाफ एफआईआर लिखाने की तैयारी है। डिजिशक्ति योजना के तहत बारहवीं पास करने के बाद उच्च शिक्षा में दाखिला लेने वाले अंतिम वर्ष के विद्यार्थियों को मुफ्त में टैबलेट एवं स्मार्ट फोन वितरित किए जाएंगे।
जिले में अब तक 56 हजार टैबलेट-स्मार्ट फोन वितरित किए जा चुके हैं। जहां वितरण हुआ, उन संस्थानों के 350 से अधिक विद्यार्थियों ने डिजीशक्ति पोर्टल पर टैबलेट और स्मार्ट फोन नहीं मिलने की शिकायत की है। विद्यार्थियों ने अलग-अलग कारण भी बताए हैं। ज्यादातर विद्यार्थियाें की शिकायत है कि फीस के रूप में उनसे अधिक पैसा मांगा जा रहा है। ऐसे विद्यार्थियों तथा संस्थाओं की सूची तैयार की जा रही है।
टैबलेट-स्मार्ट फोन वितरण योजना के प्रभारी एडीएम नागरिक आपूर्ति जेपी सिंह का कहना है कि इस तरह की शिकायतें आईं हैं। टैबलेट या स्मार्ट फोन का वितरण न करने वाले संस्थानों के प्रबंधकों के खिलाफ एफआईआर लिखाई जाएगी।
करीब चार हजार ने की है गड़बड़ी की शिकायत
जिले के करीब चार हजार विद्यार्थियों ने टैबलेट और स्मार्ट फोन में गड़बड़ी की भी शिकायत की है। तकनीकी गड़बड़ी होने की वजह से 42 विद्यार्थियों के टैबलेट एवं फोन बदले भी गए हैं। डिजीशक्ति की टीम की ओर से योजना का लाभ पाने वाले विद्यार्थियों से फोन पर जानकारी ली जा रही है। उनसे टैबलेट एवं स्मार्ट फोन की गुणवत्ता के बारे में भी पूछताछ की जा रही है। यह कवायद दो महीने से की जा रही है और अब तक 17 हजार विद्यार्थियों से पूछताछ की जा चुकी है। इनमें से करीब चार हजार विद्यार्थियों ने टैबलेट एवं स्मार्ट फोन में गड़बड़ी की शिकायत की है।
हालांकि, इनमें से कई के टैबलेट या फोन गिरने की वजह से खराब हो गए। वहीं कई को उन्हें ऑपरेट करने में भी परेशानी आ रही है। सर्विस सेंटर पर ऐसे विद्यार्थियों को प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है। वहीं 42 ऐसे शिकायतकर्ता भी पहुंचे, जिनके टैबलेट या फोन में ज्यादा गड़बड़ी है। इनके टैबलेट एवं फोन बदल दिए गए हैं।
तीन अधिकृत सेंटर पर ठीक करा सकते हैं गड़बड़ी
डिजीशक्ति योजना के तहत जिले में तीन सर्विस सेंटर अधिकृत किए गए हैं। यहां योजना के तहत मिले टैबलेट एवं स्मार्ट फोन की गड़बड़ी को मुफ्त में ठीक कराया जा सकता है। एडीएम नागरिक आपूर्ति ने बताया कि ये तीनों केंद्र केयर एंड केयर सर्विस सेंटर, ज्ञानश्री इंटर प्राइजेज तथा किएटिवकॉम्प इंपोरटेड प्रा.लि. हैं। तीनों ही सेंटर सिविल लाइंस में हैं।
अभी 76 हजार पंजीकृत विद्यार्थियों को है बारी का इंतजार डिजीशक्ति योजना के तहत टैबलेट एवं स्मार्ट फोन के लिए जिले में अब तक एक लाख 46 हजार 606 विद्यार्थियों के आवेदन पहुंचे हैं। इनमें से एक लाख 23 हजार 377 विद्यार्थियों को टैबलेट या फोन दिए जाने हैं। इसके विपरीत अभी तक 56044 टैबलेट एवं फोन आ चुके हैं। इनमें से करीब 12 हजार टैबलेट एवं फोन बचे हैं। शेष का वितरण हो चुका है। इस तरह से 76 हजार विद्यार्थियों को अब भी टैबलेट या फोन का इंतजार है।
सात हजार टैबलेट स्टोर में, नहीं मिली पात्रों की सूची डिजीशक्ति योजना के पात्रों की लंबी सूची होने के बावजूद सात हजार टैबेलट स्टोर में पड़े हैं। इनके पात्रों की सूची ही अभी तक नहीं आई है। शासन की ओर से टैबलेट एवं स्मार्ट फोन तो दिए गए लेकिन पोर्टल पर टैबलेट के पात्रों की सूची अभी तक अपलोड नहीं हो पाई है। इसकी वजह से इनका वितरण नहीं हो पा रहा है।
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छात्र-छात्राओं को टैबलेट-स्मार्ट फोन दिए जाने की डिजीशक्ति योजना मेें भी बड़े स्तर पर अनियमितता सामने आई है। शिक्षण संस्थानों ने 350 से अधिक विद्यार्थियों को टैबलेट-स्मार्ट फोन वितरित ही नहीं किए। अब ऐसे संस्थानों के खिलाफ एफआईआर लिखाने की तैयारी है। डिजिशक्ति योजना के तहत बारहवीं पास करने के बाद उच्च शिक्षा में दाखिला लेने वाले अंतिम वर्ष के विद्यार्थियों को मुफ्त में टैबलेट एवं स्मार्ट फोन वितरित किए जाएंगे।
जिले में अब तक 56 हजार टैबलेट-स्मार्ट फोन वितरित किए जा चुके हैं। जहां वितरण हुआ, उन संस्थानों के 350 से अधिक विद्यार्थियों ने डिजीशक्ति पोर्टल पर टैबलेट और स्मार्ट फोन नहीं मिलने की शिकायत की है। विद्यार्थियों ने अलग-अलग कारण भी बताए हैं। ज्यादातर विद्यार्थियाें की शिकायत है कि फीस के रूप में उनसे अधिक पैसा मांगा जा रहा है। ऐसे विद्यार्थियों तथा संस्थाओं की सूची तैयार की जा रही है।
टैबलेट-स्मार्ट फोन वितरण योजना के प्रभारी एडीएम नागरिक आपूर्ति जेपी सिंह का कहना है कि इस तरह की शिकायतें आईं हैं। टैबलेट या स्मार्ट फोन का वितरण न करने वाले संस्थानों के प्रबंधकों के खिलाफ एफआईआर लिखाई जाएगी।