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वर्ष 2000 में ताजमहल के 500 मीटर दायरे में आगरा विकास प्राधिकरण, एएसआई और नगर निगम की टीम ने संयुक्त सर्वे किया था, जिसमें हर घर का सर्वे करके उसका वीडियो और फोटो लेकर रिपोर्ट तैयार की गई थी। इसमें भवन के अंदर कमरे, संचालित गतिविधियों और भवन की ऊंचाई आदि का ब्योरा दर्ज था, ताकि उसके बाद हुए निर्माण, कमरों की जानकारी पता चल सके।
इस रिपोर्ट को एडीए के इंजीनियरों ने ही दबा दिया और ताजगंज में अवैध निर्माणों को प्रोत्साहन दिया। इस रिपोर्ट के बारे में पूछने पर अधिकारी चुप्पी साध लेते हैं, जबकि इस रिपोर्ट की प्रतियां ताजगंज के लोगों के पास रखी हुई हैं।
शुक्रवार को ताजगंज के दुकानदारों ने पूर्वी गेट पर बैठक की, जिसमें दुकानदारों ने तय किया कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा ताजमहल के 500 मीटर परिधि में व्यावसायिक गतिविधियों पर रोक के आदेश से उनके सामने आजीविका का संकट खड़ा हो जाएगा। व्यापारियों ने कहा कि ये रोजी रोटी का सवाल है। सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाकर इंसाफ मांगेंगे।
बैठक में ताजगंज के लोगों ने अदालत के आदेश के बाद संघर्ष समिति का गठन किया, जिसमें नितिन सिंह को अध्यक्ष और सचिन बंसल, शीतल राजपूत, आयुष गुप्ता, आरिफ तैमूरी, जुबैर, सुनील श्रीवास्तव और संदीप अरोड़ा को सदस्य बनाया गया है। यह कमेटी सुप्रीम कोर्ट में ताजगंज के व्यापारियों और लोगों का पक्ष रखेगी।
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