ताजमहल के सिर ‘ताज’: स्वदेशी पर्यटकों में नंबर वन पर रही ‘मोहब्बत की निशानी’, दुनिया भी है दीवानी

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कोरोना काल में ताजमहल भले ही 188 दिनों तक बंद रहा हो, लेकिन पर्यटकों में इसके दीदार की दीवानगी कम नहीं हुई। यही वजह है कि ताजमहल के सिर एक बार फिर ताज सजा है। कोरोना महामारी के बीच वर्ष 2021-22 में देश में सबसे ज्यादा स्वदेशी सैलानियों ने ताजमहल का दीदार किया। केंद्रीय संरक्षित स्मारकों में सबसे ज्यादा पर्यटक ताजमहल पर पहुंचे। स्वदेशी सैलानियों में ताजमहल नंबर एक पर रहा तो विदेशी पर्यटकों में मल्लापुरम पहले और ताज दूसरे नंबर पर रहा। 

पर्यटन मंत्रालय द्वारा जारी की गई रिपोर्ट में बीते साल ताजमहल पर 32.9 लाख घरेलू पर्यटक पहुंचे, जबकि केवल 38 हजार विदेशी पर्यटक आए। स्वदेशी पर्यटकों को लुभाने में दिल्ली का लाल किला दूसरे और कुतुब मीनार तीसरे नंबर पर रहा। विश्व पर्यटन दिवस पर पर्यटन मंत्रालय की रिपोर्ट में बताया गया कि केंद्रीय संरक्षित स्मारकों में ताजमहल सबसे लोकप्रिय स्मारक है, जो भारतीय सैलानियों में नंबर वन रहा। 

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कोविड महामारी से जुड़े प्रतिबंधों के कारण भारत में विदेशी पर्यटकों की संख्या में काफी कमी आई। साल 2020 में 27.4 लाख विदेशी सैलानी आए, लेकिन बीते साल इनकी संख्या महज 15.2 लाख रह गई। 

ताजमहल इस मामले में नंबर दो पर रहा, जहां 38 हजार विदेशी सैलानी आए, जबकि नंबर एक पर तमिलनाडु का मल्लापुरम रहा, यहां 1.4 लाख विदेशी पर्यटक पहुंचे। 

कोरोना महामारी से पहले ताजमहल पर 70 लाख से ज्यादा भारतीय सैलानी और आठ लाख विदेशी पर्यटक पहुंचे थे, लेकिन कोविड-19 ने दो सालों तक आगरा के पर्यटन को बुरी तरह से प्रभावित किया। 

अब ताजमहल में हर दिन हजारों सैलानी पहुंच रहे हैं। वीकेंड पर ताज का दीदार करने वाले सैलानियों की संख्या 30 हजार तक पहुंच जाती है। विदेशी पर्यटकों की संख्या भी बढ़ी है। 

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