ताजमहल: गुस्ल की रस्म के साथ शाहजहां का उर्स शुरू, स्मारक में पर्यटकों को मिला निशुल्क प्रवेश

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ताजमहल में मुगल बादशाह शाहजहां का तीन दिवसीय उर्स रविवार को गुस्ल की रस्म के साथ शुरू हो गया। पहले दिन दोपहर दो बजे मुख्य मकबरे के नीचे तहखाने के दरवाजे खोले गए। तहखाने में शाहजहां और मुमताज की कब्रों पर गुस्ल के बाद चंदन का लेप गया। फूलों की चादर चढ़ाई गई। इसके बाद फातिहा पढ़ा गया। इस दौरान भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) के वरिष्ठ संरक्षण सहायक प्रिंस वाजपेयी, राजकुमार कपूर, उर्स कमेटी के अध्यक्ष सैयद इब्राहिम जैदी, सैयद मुनव्वर अली, ताहिरउद्दीन ताहिर, आरिफ तैमूरी आदि मौजूद रहे। उर्स के दूसरे दिन दोपहर दो बजे संदल चढ़ाया जाएगा। तीसरे दिन सुबह से शाम तक चादरपोशी का सिलसिला चलेगा। इसी दिन सर्वधर्म सद्भाव की प्रतीक सतरंगी चादर चढ़ाई जाएगी। 

रविवार को दोपहर दो बजे से ताजमहल में पर्यटकों को निशुल्क प्रवेश दिया गया। इससे पर्यटकों ने मुख्य गुम्बद के नीचे तहखाने में शाहजहां और मुमताज की कब्रों को देखा। बता दें कि ताजमहल में भूमिगत कब्रों को साल में सिर्फ उर्स के दौरान ही पर्यटक देख सकते हैं।

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इस्लामिक केलेंडर के रजब माह की 25, 26 और 27 तारीख को मुगल बादशाह शाहजहां का उर्स मनाया जाता है। रविवार को रजब की 25 तारीख को ताजमहल में शाहजहां का 367वां उर्स शुरू हुआ। उर्स शुरू होने के साथ ही दो बजे के बाद बड़ी तादाद में सैलानी भूमिगत कब्रों को देखने के लिए पहुंचे।

रविवार को काफी संख्या में सैलानी ताजमहल का दीदार करने पहुंचे। सोमवार को दोपहर दो बजे से और मंगलवार को पूरे दिन ताजमहल में पर्यटकों को निशुल्क प्रवेश मिलेगा। तीसरे दिन यानी एक मार्च को दोपहर में सर्वधर्म सद्भाव की प्रतीक कपड़े की सतरंगी चादर चढ़ाई जाएगी। 

खुद्दाम-ए-रोजा कमेटी द्वारा इस बार 1381 मीटर लंबी चादर चढ़ाई जाएगी, पिछले वर्ष उर्स में 1331 मीटर लंबी चादर चढ़ाई गई थी। खुद्दाम-ए-रोजा कमेटी के अध्यक्ष हाजी ताहिरुद्दीन ताहिर ने बताया कि उर्स में चादरपोशी के लिए कपड़े की सतरंगी चादर तैयार कराई जा रही है। दक्षिणी गेट स्थित हनुमान मंदिर से यह चादर ताजमहल में ले जायी जाएगी।

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