ताजमहल: जहां रोक दिए गए थे जगद्गुरु परमहंस दास, वहां भगवा कपड़े पहन, ब्रह्मदंड के साथ पहुंचे हिंदूवादी नेता गोविंद पाराशर

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अमर उजाला ब्यूरो, आगरा
Published by: धीरेन्द्र सिंह
Updated Wed, 27 Apr 2022 04:26 PM IST

सार

ताजमहल में जगद्गुरु परमहंस दास को प्रवेश ने मिलने का मामला गर्मा रहा है। जहां जगद्गुरु को प्रवेश करने से रोक दिया गया था, वहीं राष्ट्रीय हिंदू परिषद भारत के राष्ट्रीय अध्यक्ष गोविंद पाराशर भगवा कपड़े पहन ब्रह्मदंड के साथ पहुंच गए। ये देख सभी हैरान रह गए। 

ताजमहल के अंदर ब्रह्मदंड के साथ पहुंचे हिंदूवादी नेता गोविंद पाराशर

ताजमहल के अंदर ब्रह्मदंड के साथ पहुंचे हिंदूवादी नेता गोविंद पाराशर
– फोटो : अमर उजाला

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अयोध्या की तपस्वी छावनी के उत्तराधिकारी परमहंस दास को ताजमहल में मंगलवार को प्रवेश करने से रोक दिया गया था। इस बात की भनक जब हिंदूवादी संगठनों को हुई तो उनमें आक्रोश फैल गया। गुरुवार सुबह राष्ट्रीय हिंदू परिषद भारत के राष्ट्रीय अध्यक्ष गोविंद पाराशर ताजमहल पर जगद्गुरु परमहंस दास के अंदाज में पहुंच गए। उन्होंने भगवा कपड़े पहने हुए थे और हाथ में जगद्गुरु की तरह ब्रह्मदंड भी था। ये देखकर सभी हैरान थे। गोविंद पाराशर ने बताया कि उन्हें किसी ने रोका नहीं।
  

 शंकराचार्य का अपमान करने वालों पर कार्रवाई की मांग 

गोविंद पाराशर ने कहा कि ‘तेजो महल में हमारे एक शंकराचार्य को ब्रह्मदंड के साथ प्रवेश नहीं दिया गया। इसके विरोध में ब्रह्मदंड लेकर तेजो महल के अंदर गए’। उन्होंने कहा कि आगरा प्रशासन से मांग करता हूं जिन कर्मचारियों ने शंकराचार्य का अपमान किया है उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए, नहीं तो राष्ट्रीय हिंदू परिषद भारत उग्र आंदोलन करेगा।

ये है पूरा मामला 

बता दें तपस्वी छावनी के उत्तराधिकारी परमहंस दास अलीगढ़ में महिला भक्त को आशीर्वाद देने के बाद मंगलवार को आगरा आए थे। ताजमहल देखने के लिए वह दो शिष्यों के साथ पहुंचे। पश्चिमी गेट पर शाम को 5.35 बजे वह पहुंचे तो सीआईएसएफ ने उन्हें ब्रह्मदंड अंदर ले जाने से रोक दिया। इस पर वह नाराज हो गए।  परमहंस दास के मुताबिक ताजमहल शिव मंदिर है और वह इसे देखने आए थे, लेकिन सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें प्रवेश नहीं करने दिया। 

एएसआई ने दिया था नियमों का हवाला

इस मामले में एएसआई अधीक्षण पुरातत्वविद राजकुमार पटेल ने बताया कि ताजमहल में प्रवेश के लिए नियम तय हैं। संत अपने साथ अंदर लोहे का दंड ले जाना चाहते थे, जिसके लिए उन्हें मना किया गया। उनके प्रवेश पर कोई मनाही नहीं थी। ब्रह्मदंड गेट पर रखने का आग्रह किया गया था, लेकिन वह तैयार नहीं हुए।

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विस्तार

अयोध्या की तपस्वी छावनी के उत्तराधिकारी परमहंस दास को ताजमहल में मंगलवार को प्रवेश करने से रोक दिया गया था। इस बात की भनक जब हिंदूवादी संगठनों को हुई तो उनमें आक्रोश फैल गया। गुरुवार सुबह राष्ट्रीय हिंदू परिषद भारत के राष्ट्रीय अध्यक्ष गोविंद पाराशर ताजमहल पर जगद्गुरु परमहंस दास के अंदाज में पहुंच गए। उन्होंने भगवा कपड़े पहने हुए थे और हाथ में जगद्गुरु की तरह ब्रह्मदंड भी था। ये देखकर सभी हैरान थे। गोविंद पाराशर ने बताया कि उन्हें किसी ने रोका नहीं।

  

 शंकराचार्य का अपमान करने वालों पर कार्रवाई की मांग 

गोविंद पाराशर ने कहा कि ‘तेजो महल में हमारे एक शंकराचार्य को ब्रह्मदंड के साथ प्रवेश नहीं दिया गया। इसके विरोध में ब्रह्मदंड लेकर तेजो महल के अंदर गए’। उन्होंने कहा कि आगरा प्रशासन से मांग करता हूं जिन कर्मचारियों ने शंकराचार्य का अपमान किया है उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए, नहीं तो राष्ट्रीय हिंदू परिषद भारत उग्र आंदोलन करेगा।

ये है पूरा मामला 

बता दें तपस्वी छावनी के उत्तराधिकारी परमहंस दास अलीगढ़ में महिला भक्त को आशीर्वाद देने के बाद मंगलवार को आगरा आए थे। ताजमहल देखने के लिए वह दो शिष्यों के साथ पहुंचे। पश्चिमी गेट पर शाम को 5.35 बजे वह पहुंचे तो सीआईएसएफ ने उन्हें ब्रह्मदंड अंदर ले जाने से रोक दिया। इस पर वह नाराज हो गए।  परमहंस दास के मुताबिक ताजमहल शिव मंदिर है और वह इसे देखने आए थे, लेकिन सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें प्रवेश नहीं करने दिया। 

एएसआई ने दिया था नियमों का हवाला

इस मामले में एएसआई अधीक्षण पुरातत्वविद राजकुमार पटेल ने बताया कि ताजमहल में प्रवेश के लिए नियम तय हैं। संत अपने साथ अंदर लोहे का दंड ले जाना चाहते थे, जिसके लिए उन्हें मना किया गया। उनके प्रवेश पर कोई मनाही नहीं थी। ब्रह्मदंड गेट पर रखने का आग्रह किया गया था, लेकिन वह तैयार नहीं हुए।

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