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सीआईएसएफ के जवानों को मुख्य मकबरे पर भीड़ नियंत्रित करने के लिए बार बार लाठियां फटकारनी पड़ीं। यही हाल रॉयल गेट से मुख्य मकबरे का रहा, जहां वाटर चैनल के दोनों ओर पर्यटकों की भारी भीड़ रही। चमेली फर्श और उसके ऊपर मकबरे पर पर्यटकों की गोल गोल कतार लगीं, जिनमें दो घंटे बाद तहखाने के लिए नंबर आया। थककर लोग मकबरे पर ही बैठ गए।
लेबर गेट से निकाले सैलानी, हो गए परेशान
ताजमहल के अंदर 60 हजार से ज्यादा सैलानी पहुंच गए, जिनके कारण मुख्य मकबरे पर दबाव बढ़ गया। ऐसे में पर्यटकों को लेबर गेट से ताज के बाहर भेजा गया। जो पर्यटक ताजमहल पश्चिमी गेट से अंदर आए थे, उन्हें इस चक्कर में परेशान होना पड़ा।
काली मस्जिद के सामने लेबर गेट से उन्हें पाठक प्रेस से ताजगंज थाना और पश्चिमी गेट होकर पार्किंग तक पैदल जाना पड़ा। करीब 1.50 किमी का अतिरिक्त चक्कर उन्हें लगाना पड़ा। बुजुर्ग और महिलाओं के साथ बच्चे फ्री के चक्कर में कुल तीन से चार घंटे तक कतार का हिस्सा रहे, तब जाकर तहखाने में असली कब्रों को देख सके।
मंगलवार को पेश होगी 1381 मीटर लंबी सतरंगी चादर
खुद्दाम ए रोजा कमेटी के अध्यक्ष ताहिरुद्दीन ताहिर के मुताबिक शाहजहां उर्स के आखिरी दिन मंगलवार को दोपहर में 1381 मीटर लंबी हिंदुस्तानी सतरंगी चादर पेश की जाएगी। दक्षिणी गेट स्थित हनुमान मंदिर से धर्मगुरुओं की मौजूदगी में सतरंगी चादर ताजमहल पश्चिमी गेट से ले जाई जाएगी। इसके अलावा फूलों की चादर, मोतियों की चादरें पेश की जाएंगी।
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