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अमर उजाला ब्यूरो, आगरा
Published by: मुकेश कुमार
Updated Sat, 19 Feb 2022 12:54 AM IST
सार
एक बार फिर वो मौका आया गया है, जब पर्यटक ताजमहल में शाहजहां और मुमताज की असली कब्रों को देख सकेंगे। तीन दिन ताजमहल में निशुल्क प्रवेश मिलेगा।
ताजमहल में शाहजहां का तीन दिवसीय उर्स 27, 28 फरवरी और एक मार्च को आयोजित किया जाएगा। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ने शाहजहां उर्स के दौरान तीनों दिन ताजमहल में नि:शुल्क प्रवेश का आदेश जारी कर दिया है। अधीक्षण पुरातत्वविद डॉ. राजकुमार पटेल के मुताबिक शाहजहां उर्स के पहले दिन 27 फरवरी रविवार को दोपहर 2 बजे से शाम तक पर्यटक नि:शुल्क प्रवेश कर पाएंगे।
28 फरवरी सोमवार को भी दोपहर दो बजे के बाद उर्स की परंपराएं शुरू होंगी और तब से शाम तक कोई भी नि:शुल्क प्रवेश कर सकता है। एक मार्च को उर्स के आखिरी दिन मंगलवार को सुबह सूर्योदय से शाम सूर्यास्त तक नि:शुल्क प्रवेश किया जा सकेगा। उर्स के दौरान कोविड-19 प्रोटोकॉल का पालन करना होगा और ताज में तीनों दिन बड़े ढोल, ताशे, विज्ञापन सामग्री आदि का प्रवेश प्रतिबंधित रहेगा।
तीनों दिन ताजमहल के तहखाने में बनी शाहजहां-मुमताज की असली कब्रों को पर्यटक देख पाएंगे। ताजमहल के मुख्य गुंबद में बने तहखाने के दरवाजों को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के अधिकारी खोलेंगे। उसके बाद गुस्ल की रस्म होगी और असली कब्रों पर गुस्ल के बाद अजान होगी और फातिहा पढ़ी जाएगी। ताजमहल के गेट बंद होने तक कव्वालियां होती रहेंगी।
विस्तार
ताजमहल में शाहजहां का तीन दिवसीय उर्स 27, 28 फरवरी और एक मार्च को आयोजित किया जाएगा। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ने शाहजहां उर्स के दौरान तीनों दिन ताजमहल में नि:शुल्क प्रवेश का आदेश जारी कर दिया है। अधीक्षण पुरातत्वविद डॉ. राजकुमार पटेल के मुताबिक शाहजहां उर्स के पहले दिन 27 फरवरी रविवार को दोपहर 2 बजे से शाम तक पर्यटक नि:शुल्क प्रवेश कर पाएंगे।
28 फरवरी सोमवार को भी दोपहर दो बजे के बाद उर्स की परंपराएं शुरू होंगी और तब से शाम तक कोई भी नि:शुल्क प्रवेश कर सकता है। एक मार्च को उर्स के आखिरी दिन मंगलवार को सुबह सूर्योदय से शाम सूर्यास्त तक नि:शुल्क प्रवेश किया जा सकेगा। उर्स के दौरान कोविड-19 प्रोटोकॉल का पालन करना होगा और ताज में तीनों दिन बड़े ढोल, ताशे, विज्ञापन सामग्री आदि का प्रवेश प्रतिबंधित रहेगा।
तीनों दिन ताजमहल के तहखाने में बनी शाहजहां-मुमताज की असली कब्रों को पर्यटक देख पाएंगे। ताजमहल के मुख्य गुंबद में बने तहखाने के दरवाजों को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के अधिकारी खोलेंगे। उसके बाद गुस्ल की रस्म होगी और असली कब्रों पर गुस्ल के बाद अजान होगी और फातिहा पढ़ी जाएगी। ताजमहल के गेट बंद होने तक कव्वालियां होती रहेंगी।
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