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गुलाबो देवी से पहले शम्पा गांगुली ने रंजिश ही सही दिल दुखाने के लिए आ, आजा रे परदेसी मैं कब से खड़ी तेरे द्वार की प्रस्तुतियां दीं। प्राच्य संगीत कला मंदिर के कलाकारों ने कथक नृत्य की प्रस्तुतियां दीं। लोक कलाकार रमेश पाल प्रसाद ने नृत्य पाई डंडा की प्रस्तुति दी। रिंकी यादव ने कथक तराना की प्रस्तुति दी।
मोरे कान्हा जो आए, पलट के अब खेलूंगी होरी…
ताज महोत्सव जोनल पार्क में शुक्रवार को मुंबई से आई लता सिंह ने ‘मोरे कान्हा जो आए, पलट के अबके खेलूंगी होरी मैं डट के, चदरिया झीनी रे झीनी सांवरिया देखो जरा…’आदि गीतों से समा बांध दिया। लखनऊ की डॉ. मीरा दीक्षित ने कथक की प्रस्तुति दी। डॉ. कविता द्विवेदी ने ओडिसी नृत्य, पुष्पांजलि मोहंती ने कालिया मर्दन पर नृत्य नाटिका पेश की।
सदर के मुक्ताकाशीय मंच पर विजय सिंह लोधी, रूपेश मल्होत्रा, अक्षधा, दीपक, कंचन शर्मा ने गीत और नृत्य की प्रस्तुति दी। अलंकार ग्रुप के कलाकार ने नाट्य प्रस्तुति दी। जादूगर जतिंदर सिंह बब्बर ने जादू के खेल दिखाए।
वो जन्म लेगी… से गूंजा बेटी बचाओ का संदेश
ताज महोत्सव के तहत सूरसदन प्रेक्षागृह में फिल्म थिएटर क्रिएशन ग्रुप ने उमाशंकर मिश्र व चंद्रशेखर बहावर लिखित नाटक ‘वो जन्म लेगी’ का मंचन किया। नाटक के माध्यम से बेटी बचाओ का संदेश दिया गया। नाटक में सोमा जैन, रंजू सिंह, एसके जैन, ध्वनि जैन, डॉ. महेश, अमन अग्रवाल, डॉ. मनु शर्मा, कीर्ति वर्मा, हर्ष अग्रवाल, वाणी जैन, गति गौतम, गतिका गौतम आदि अभिनय किया।
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