ताज महोत्सव में शिल्पग्राम के मुक्ताकाशी मंच पर गुरुवार को बंगाली गीतों का जादू दर्शकों के सिर चढ़कर बोला। मौका था काचा बादाम गीत से स्टार बने भुवन बादायकर की प्रस्तुति का। रात 8 बजे उन्होंने मंच संभाला और फिर श्रोता उनके खास अंदाज पर झूमते हुए वन्स मोर… वन्स मोर.. कहते नजर आए। भुवन ने काचा बादाम गीत गाया तो दर्शक थिरकने लगे। दर्शकों की फरमाइश पर उन्होंने चार बार यह गीत गाया।
भुवन बादायकर के बाद राइजिंग स्टार-3 फेम व रियलटी शो में धूम मचाने वाले स्वराग बैंड ने रात 10 बजे शिल्पग्राम में समा बांधा। केसरिया बालम पधारो म्हारे देश… तेरे रश्क ए कमर… गीत से इंडो वेस्टर्न फ्यूजन बिखेरा। बैंड में आसिफ, आरिफ, सेफअली, आलविन, सांई, तसरूफ और साजिद ने ड्रम, तबला, सेक्सोफोन, गिटार पर साथ दिया।
भुवन बादायकर ने मंच संभालते ही बंगाली भाषा में अपना परिचय भी गीत के माध्यम से दिया। वीरभूमि से बाड़ी आकर नाम की हौये भुवन… गीत गाया। इसके बाद वह गीत गाया जिस से वह मशहूर हुए तो दर्शक झूमते नजर आए। पायर तोड़ा हातेर वाला, हाके जो दी सिटी गोल्ड एक चैन.. दिये जा बेन, ताते सोमान अपनी बादाम पावेल… काचा बादाम दादा… काचा बादाम…गीत से महफिल को थिरकने पर मजबूर कर दिया।
दर्शकों की खास मांग पर भुवन बादायकर ने चार बार ‘काचा बादाम’ गीत गाया। डॉ. प्रीती गुप्ता और एडीए उपाध्यक्ष राजेंद्र पैंसिया ने भुवन बादायकर को स्मृति चिह्न देकर सम्मानित किया। उधर, ताज महोत्सव के तहत सूरसदन में ब्रज संस्कृति केंद्र के खेमचंद यदुवंशी के निर्देशन में 1857 के शहीद राजा नाहर सिंह पर भगत नाट्य का मंचन किया गया। ताज महोत्सव के जोनल पार्क स्थित मंच पर वायलिन, म्रदंग और तबले की थाप गूंजी।
ताज महोत्सव में आज की प्रस्तुतियां
मुक्ताकाशी मंच शिल्पग्राम शाम 6 बजे से रात 8 बजे तक
– सांस्कृतिक प्रस्तुति: राशि जोहरी, प्राच्य संगीत कला मंदिर द्वारा, ध्रुव तिवारी, शम्पा गांगुली, तनिष्क एवं आराध्या, सुलभ कुलश्रेष्ठ, गोविंद सिंह का गायन, भंवर सिंह का सितार वादन व हितेंद्र श्रीवास्तव का तबला वादन।
– बुंदेलखंड लोकगीत: झांसी की राधिका प्रजापति द्वारा
– पाई डंडा: चित्रकूट के रमेश प्रसाद पाल द्वारा
– राजस्थानी लोक प्रस्तुतियां: पद्मश्री गुलाबो द्वारा
मुक्ताकाशीय मंच सदर बाजार में शाम 6.30 बजे से रात 8 बजे तक
– गायन: शारदा, विजयलक्ष्मी, संतोष कुमार, राहुल कुमार, रितेश शर्मा, शिशांक दिवाकर, रूपेश मल्होत्रा, अंजलि शर्मा
– नृत्य: कनिका सिसौदिया, आशि मित्तल, आराध्या गोयल,
– सप्तरंग: अश्विन शिरोमणी
– कव्वाली: अजीज चिश्ती फतेहपुर सीकरी वाले
सूरसदन में शाम छह बजे
– नाटक: फिल्म थिएटर क्रिएशन ग्रुप (अनिल जैन) की प्रस्तुति
आगरा किला पर शाम 6 बजे – सरोद वादन: अंशुमान महाराज
जोनल पार्क में शाम 6 बजे से-
– ताल कला संगम: लाल जी प्रभाकार, भानू प्रताप सिंह, सलीम खान, भीमसेन शिरोमणी व रवींद्र तलेगांवकर
– रुद्र वीणा: गजाधर पाठक
– ओडिसी नृत्य: कविता द्विवेदी
– कथक: डॉ. मीरा दीक्षित भारखंडे संगीत विश्वविद्यालय लखनऊ की प्रस्तुति।