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तिरंगा रखना साथ, दूतावास से आदेश मिला है
शास्त्रीपुरम निवासी संतोष सिंह ने बताया कि यूक्रेन में बेटी श्रेया एमबीबीएस कर रही है। शनिवार की दोपहर करीब ढाई बजे फोन पर बात हुई थी, तब उसने बताया था कि भारतीय दूतावास से फोन आया है और कहा कि आप तिरंगा साथ रखना और छोटे बैग में पासपोर्ट समेत बेहद जरूरी सामान ही रखें। इस पर उसने बैग पर तिरंगा लगा लिया है। तीन बसों में भारतीय छात्र रवाना हुए हैं। पौलेंड के बॉर्डर सील होने के कारण रोमानिया से होते हुए बस आने को कहा है, वहां से एयरलिफ्ट किए जाएंगे। बेटी ने बताया कि यहां हालात खराब होते जा रहे हैं, खाने-पीने के सामान के लिए अराजक स्थिति बन गई है। इसके बाद फोन पर संपर्क नहीं हो पाया है।
कीव की सड़कें खोदी हुई हैं..हमें निकालो
बमरौली कटारा के देवेंद्र सिंह ने शुक्रवार को यूक्रेन से वीडियो वायरल कर मदद मांगी थी। उनके बड़े भाई नवल सिंह राना ने बताया कि उनका भाई यूक्रेन की राजधानी कीव में है और वहां एमबीबीएस की तीसरी साल का छात्र है। फोन पर उसने बताया कि है कि कीव के हालात सबसे ज्यादा खराब हैं। यहां हमले से सड़कें खोदी हुई हैं। इमारतें भी ध्वस्त हैं। वीडियो वायरल होने के बाद दूतावास और दिल्ली से फोन पर बात करके उनको घर से बाहर न निकलने के लिए कहा है। उन्होंने बताया कि हरियाणा का भी एक दोस्त साथ में है। खाने-पीने का सामान भी खत्म होने को है। पूरा परिवार चिंतित है और हर आधा घंटे में अपडेट ले रहे हैं।
यूक्रेन की राजधानी कीव सहित कई शहरों में आगरा के 16 छात्र-छात्राएं फंसे हुए हैं। वहां से फोन व वीडियो कॉल कर वह अपने परिजनों से संपर्क जोड़ रहे हैं। कलेक्ट्रेट में शुरू हुए कंट्रोल रूम पर यूक्रेन में फंसे छात्र-छात्राओं के परिजन मदद के लिए फ्लाइट भेजने की मांग कर रहे हैं। परिजनों का कहना है कि यूक्रेन में हालात बदतर हो गए हैं। तीन दिन से बच्चे भूखे प्यासे बंकर में छुपे हुए हैं। उनके पास पैसा नहीं हैं। रसद सामग्री नहीं हैं। वहां ठंड बहुत है। बचाव के लिए गर्म कपड़े नहीं हैं। सबसे बड़ी समस्या रोमानिया बॉर्डर पश्चिम में हैं जबकि जो बच्चे पूर्वी यूक्रेन के शहरों में फंसे हैं उन्हें बॉर्डर तक पहुंचने के लिए वाहन नहीं मिल रहे। वहां से रोमानिया बॉर्डर बहुत दूर है।
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