कौशांबी में तीन करोड़ की लूट का मामला। – फोटो : अमर उजाला
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प्रयागराज के बाघंबरी हाउसिंग स्कीम अल्लापुर के पते पर पंजीकृत कथित तौर पर जिस कार में लूट की वारदात हुई उसके मालिक विनयराज सिंह का भी पुलिस पता नहीं लगा सकी। कार के नंबर के आधार पर पुलिस ने यह तो पता कर लिया कि कार विनय राज की है लेकिन मौजूदा समय वह कहां रहता है? इसका पता नहीं चल सका। कार को बिना अनुमति के मॉडीफाइड कराया गया था, जिससे साफ है कि गाड़ी को खासतौर पर अवैध पैसे को ठिकाने लगाने के लिए तैयार किया गया था।
जिन कार सवारों के साथ करोड़ों की लूटपाट हुई थी उसका मालिक भी गाड़ी रिलीज कराने के लिए सामने नहीं आया। कार को खासतौर पर मॉडीफाइड किया गया था। जिसमें करोड़ों रुपया आसानी से छिपाया जा सकता था। गाड़ी के चालकों के मुताबिक जो कैश लूटा गया वह कार के अंदर गोपनीय तरीके से बनाए गए कैविटी बॉक्स के अंदर था। बॉक्स में ताला बंद था और उसकी चाबी चालक के पास थी। अब सवाल उठता है कि जिस गोपनीय बॉक्स में रुपया रखा गया था उसकी जानकारी पैसे के मालिक व चालकों के अलावा किसी को नहीं थी।
ऐसे में बदमाशों को कैसे पता चला कि इसी बॉक्स में करोड़ों की रकम भरी है। चालकों के बयान से यह बात भी साफ हो गई कि रकम करोड़ों में थी। उन्हें सिर्फ इतना निर्देश मिला था कि जब गाड़ी कानपुर से दिल्ली की तरफ बढ़ेगी तो किसी का फोन आएगा। इसके बाद पैसा उसे देना है। चालकों के मुताबिक कार को मॉडीफाइड कराया गया था। जिसमें करीब 10 करोड़ की छोटी व 30 करोड़ की बड़ी नोट (दो हजार रुपये) की आसानी से छिपाई जा सकती है।
इनका कहना है
कंपनी से लांच की गई गाड़ी में किसी तरह की छेड़खानी नहीं की जा सकती है। अगर कोई व्यक्ति कंपनी से निर्गत वाहन में बिना अनुमति छेड़छाड़ करता है तो उसके खिलाफ धारा 52 के तहत कार्रवाई होनी चाहिए। फिलहाल कोखराज पुलिस की तरफ से किसी वाहन में छेड़छाड़ की सूचना नहीं मिली है। शिकायत मिलती है तो जांच कर कार्रवाई की जाएगी। – तारकेश्वर मल्ल-एआरटीओ
कोखराज कोतवाली इलाके में किसी कार से लूट की जानकारी है। विभाग की तरफ से गाड़ी के टेक्निकल मुआयना किए जाने की रिपोर्ट नहीं आई। सूचना मिलती है टेक्निकल सेक्शन से जांच कराकर कार्रवाई की रिपोर्ट भेजी जाएगी। – चंद्रशेखर शर्मा, आरआई पुलिस लाइन
विस्तार
प्रयागराज के बाघंबरी हाउसिंग स्कीम अल्लापुर के पते पर पंजीकृत कथित तौर पर जिस कार में लूट की वारदात हुई उसके मालिक विनयराज सिंह का भी पुलिस पता नहीं लगा सकी। कार के नंबर के आधार पर पुलिस ने यह तो पता कर लिया कि कार विनय राज की है लेकिन मौजूदा समय वह कहां रहता है? इसका पता नहीं चल सका। कार को बिना अनुमति के मॉडीफाइड कराया गया था, जिससे साफ है कि गाड़ी को खासतौर पर अवैध पैसे को ठिकाने लगाने के लिए तैयार किया गया था।
जिन कार सवारों के साथ करोड़ों की लूटपाट हुई थी उसका मालिक भी गाड़ी रिलीज कराने के लिए सामने नहीं आया। कार को खासतौर पर मॉडीफाइड किया गया था। जिसमें करोड़ों रुपया आसानी से छिपाया जा सकता था। गाड़ी के चालकों के मुताबिक जो कैश लूटा गया वह कार के अंदर गोपनीय तरीके से बनाए गए कैविटी बॉक्स के अंदर था। बॉक्स में ताला बंद था और उसकी चाबी चालक के पास थी। अब सवाल उठता है कि जिस गोपनीय बॉक्स में रुपया रखा गया था उसकी जानकारी पैसे के मालिक व चालकों के अलावा किसी को नहीं थी।