[ad_1]
ख़बर सुनें
उन्नाव। खुद को लखनऊ स्थित पुलिस स्थापना कार्यालय का कंप्यूटर ऑपरेटर बताकर ट्रांसफर व पोस्टिंग के नाम पर पुलिस कर्मियों से उगाही करने वाले युवक को दो दिन बाद पुलिस ने जेल भेज दिया। उसके पास से एक जोड़ी खाकी वर्दी, पुलिस का फर्जी आईकार्ड दो मोबाइल व बाइक बरामद हुई है।
शहर के शिवनगर निवासी निखिलेश प्रताप सिंह दो दिन पहले बुधवार रात बाइक से दही थाना पहुंचा था। वहां खुद को पुलिस स्थापना कार्यालय का कंप्यूटर ऑपरेटर बताकर रौब झाड़ा था। शक होने पर पुलिस ने उसे बाइक समेत हिरासत में लिया था। दो दिन से पुलिस उससे पूछताछ कर रही थी। थाना प्रभारी राघवेंद्र सिंह ने बताया कि आरोपी फर्जी पुलिस कर्मी बनकर विभाग के सिपाही व दरोगा की पोस्टिंग और ट्रांसफर कराने के नाम पर रुपये ऐंठता था। बाद में मोबाइल बंद कर लेता था। उसके पास से पुलिस की वर्दी, पुलिस विभाग का फर्जी आईडी कार्ड, एक एटीएम, दो मोबाइल समेत अन्य सामान मिला है।
बताया कि वह कई पुलिस कर्मियों से उगाही कर चुका है। उसकी बाइक को सीज किया गया है। उसके खिलाफ धोखाधड़ी समेत अन्य धाराओं में रिपोर्ट दर्ज की गई है। शुक्रवार को उसे कोर्ट में पेश किया गया। वहां से न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया।
उन्नाव। खुद को लखनऊ स्थित पुलिस स्थापना कार्यालय का कंप्यूटर ऑपरेटर बताकर ट्रांसफर व पोस्टिंग के नाम पर पुलिस कर्मियों से उगाही करने वाले युवक को दो दिन बाद पुलिस ने जेल भेज दिया। उसके पास से एक जोड़ी खाकी वर्दी, पुलिस का फर्जी आईकार्ड दो मोबाइल व बाइक बरामद हुई है।
शहर के शिवनगर निवासी निखिलेश प्रताप सिंह दो दिन पहले बुधवार रात बाइक से दही थाना पहुंचा था। वहां खुद को पुलिस स्थापना कार्यालय का कंप्यूटर ऑपरेटर बताकर रौब झाड़ा था। शक होने पर पुलिस ने उसे बाइक समेत हिरासत में लिया था। दो दिन से पुलिस उससे पूछताछ कर रही थी। थाना प्रभारी राघवेंद्र सिंह ने बताया कि आरोपी फर्जी पुलिस कर्मी बनकर विभाग के सिपाही व दरोगा की पोस्टिंग और ट्रांसफर कराने के नाम पर रुपये ऐंठता था। बाद में मोबाइल बंद कर लेता था। उसके पास से पुलिस की वर्दी, पुलिस विभाग का फर्जी आईडी कार्ड, एक एटीएम, दो मोबाइल समेत अन्य सामान मिला है।
बताया कि वह कई पुलिस कर्मियों से उगाही कर चुका है। उसकी बाइक को सीज किया गया है। उसके खिलाफ धोखाधड़ी समेत अन्य धाराओं में रिपोर्ट दर्ज की गई है। शुक्रवार को उसे कोर्ट में पेश किया गया। वहां से न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया।
[ad_2]
Source link