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बताया गया है कि आदेश गुडगांव में प्राइवेट नौकरी करता था, लेकिन विगत एक साल से घर पर आकर पिता के साथ खेती-बाड़ी का काम संभाल रहा था। परिवार में किसी प्रकार की कोई कलह नहीं थी। साधू दस दिन पूर्व अपनी बहन के घर रिश्तेदारी में चला गया था। मां बुधवार को गांव में ही अपने जेठ के पौत्र के जन्मदिन के कार्यक्रम में बड़ी पौत्री वैष्णवी को साथ लेकर गई थी। कार्यक्रम में छोड़ने के लिए खुद आदेश ही बाइक से मां को लेकर गया था। वहां से वह खुद व अपने लिए खाना भी पैक कराकर लाया।
मौके पर बचे हुए खाने के अवशेष भी पुलिस को मिले। खाना खाने के दौरान ही आपस में किसी विवाद की आंशका व्यक्त की जा रही है, जिससे बाद दोनों ने बरामदे में गाटर पर फंदे पर लटककर आत्महत्या कर ली। उधर मृतक के पिता साधू पुत्र के ससुरालीजनों पर आरोप लगा रहा हैं, जिससे कयास लगाया जा रहा है कि दोनों परिवारों के बीच रिश्ते अच्छे नहीं थे।
ग्रामीणों की मानें तो विगत तीन दिनों से आदेश के ससुरालीजन प्रतिदिन उसके घर आ रहे थे। वहीं सावित्री के पिता गजक सिंह निवासी बहोरी नसीरपुर ने पोस्टमार्टम हाउस में बताया कि योगेंद्र उर्फ साधू ने अपनी जमीन बेचकर मिली धनराशि को बेटी के घर रखवा दिया था, जिसे लेकर घर में तनाव था।
दूसरे नंबर की बेटी रहती है मौसी के पास
सावित्री पर तीन बेटियां हैं। बड़ी बेटी वैष्णवी और छोटी नैनसी अपने मां-बाप और दादा-दादी के साथ रहती हैं, जबकि दूसरे नंबर की बेटी नित्या अपनी मौसी के घर रहती है। घटना के दौरान सबसे छोटी बेटी नैनसी ही घर पर थी, जिसे दंपती चारपाई पर लेटा हुआ छोड़ गए।
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