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दुष्कर्म के बाद बच्ची की हत्या के दोषी को फांसी की सजा
– फोटो : अमर उजाला
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गाजियाबाद के साहिबाबाद क्षेत्र से साढ़े चार साल की बच्ची का अपहरण कर सिटी फोरेस्ट में ले जाकर दुष्कर्म के बाद हत्या करने के दोषी सोनू गुप्ता (20) को पॉक्सो कोर्ट ने शनिवार को फांसी की सजा सुनाई। उसे 20 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया गया है। सोनू बच्ची को एक दिसंबर 2022 को उसके घर के बाहर से तब उठा ले गया था, जब वह पूजा के लिए फूल तोड़कर लाई थी और जय मां, जय मां गाते हुए खेल रही थी।
विशेष न्यायाधीश अमित प्रजापति ने इस दरिंदगी को विरल से विरलतम श्रेणी का अपराध मानते हुए दोषी सोनू को मृत्यु होने तक फांसी पर लटकाए जाने का आदेश दिया। 33 पेज के आदेश में अदालत ने कहा कि उच्च न्यायालय इलाहाबाद में मृत्युदंड की पुष्टि होने के बाद फांसी दी जाए।
इस मामले में 66 दिन में इंसाफ हो गया। दरिंदे के खिलाफ पुलिस ने 28 गवाहों के बयान रिकॉर्ड किए। 32 दिन में आरोपी का डीएनए परीक्षण कराया और सीसीटीवी फुटेज व 68 पेज की केस डायरी को सबूत के आधार पर कोर्ट में जमा कराया था।
इस दरिंदगी को विरल से विरलतम श्रेणी का अपराध मानते हुए विशेष न्यायधीश अमित प्रजापति ने टिप्पणी की, कहा कि भारत जैसे देश में हिंदू धर्म में बालिका को देवी के रूप में माना जाता है और उसकी पूजा की जाती है। अभियुक्त सोनू गुप्ता हिंदू धर्म से ही संबंध रखता है। उसने अबोध बालिका के साथ दुष्कर्म कर उसकी हत्या कर दी।
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